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Cancer in hindi: आज भी कैंसर एक लाइलाज बीमारी बनी हुई है। स्थिति तो ये है कि कैंसर का नाम सुनते ही लोगों के होश उड़ जाते हैं, क्योंकि जो लोग कैंसर का इलाज करवाने में समर्थ हैं वो तो करवा लेते हैं लेकिन जिन लोगों के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वो कैंसर का टेस्ट भी करवाएं उनके पास मरने के अलावा कोई दूसरा ऑपशन नहीं बचता है। लेकिन अगर कैंसर के लक्षणों का पता शुरूआती दिनों में लग जाए तो इसका इलाज हो सकता है। लेकिन इस बात का भी ध्याव रखना है कि कैंसर का इलाज बहुत ज्यादा महंगा है औऱ बहुत कम जगहों पर इसका इलाज संभव है।
व्यक्ति के शरीर कईं तरह की अनगिनत कोशिकाओं होती हैं जिन्हे सैल्स कहा जाता है। सभी कोशिकाओं में समय समय पर विभाजन होता रहता है यही इनके काम करने का तरीका होता है। इन कोशिकाओं पर शरीर का पूरा कंट्रोल रहता है, लेकिन कभी-कभी जब शरीर का कोई अंग कुछ कोशिकाओं पर कंट्रोल खो देता है या उसका नियंत्रण बिगड़ जाता है तो ये कोशिकाएं अपने तरीके से बढ़ने लगती हैं जिसे कैंसर कहा जाता है।
बता दें कि कैंसर की शुरूआत तब होती है जब व्यक्ति के शरीर की कोशिकाएं जीन में बदलने होने लगती हैं। कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि कैंसर करीब 200 से भी अधिक प्रकार के होते हैं औऱ सभी के लक्षण एक दूसरे से अलग होते हैं।
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कुछ लोग ये मानते हैं कि एक बार जिसे कैंसर हो गया उस व्यक्ति की मौत तय है, लेकिन ये सोच बिलकुल गलत है क्योंकि कैंसर से मौत होती है ये सभी जानते हैं लेकिन कुछ केस में इसका इलाज भी होता है, हालांकि वही लोग कैंसर से मरते हैं जो इलाज करवाने में सक्षम नहीं हैं, क्योंकि कैंसर के इलाज काफी महंगे हैं।
डॉक्टर्स का कहना है कि जब कैंसर के शुरूआती लक्षणों (cancer ke lakshan) का पता लग जाए तो इस लाइलाज बिमारी से बचा जा सकता है। इसके अलावा ये भी जानना बहुत ज़रूरी है कि कैंसर आखिर होता क्यों (cancer causes) है तो हम आपको बता दें कि कैंसर के कई कारण हैं जैसे-
धूम्रपान-सिगरेट (cancer caused by smoking) , बीडी, तंबाकू और शराब आदी पीने से गले का कैंसर होता है। ये पदार्थ मुंह, गले, फेंफडे, पेट और मूत्राशय को प्रभावित करते हैं जिससे कैंसर का खतरा 80 प्रतिशत तक बढ़ जाता है।
तम्बाकू, पान, सुपारी, पान मसालों, औऱ गुटकों का सेवन करने वालों में भी कैंसर होने का खतरा रहता है। इससे जीभ और खाने की नली में कैंसर पैदा होता है।
जो व्यक्ति ज्यादा तेल मसीले खाता है, धीमी आंच पर पका हुआ भोजन करता है, अधिक नमक का सेवन करता है, तले हुए भोजन करता है और रिफाइन्ड तेल का सेवन करता है उनमें भी कैंसर होने का खतरा रहता है।
जिस व्यक्ति को बहुत अधिक घाव होते हैं, या वो घाव को नोचकर या खुजली करके बड़ा बना लेता है, तो कुछ समय बाद वो घाव कैंसर का रूप ले लेता है, जिससे पूरा अंग खराब हो जाता है।
कुछ लोग शादी कम उम्र में कर लेते हैं जिसके कारण कम उम्र में यौन संबंध बनाने से कैंसर की बीमारी पैदा होती है, इसके अलावा उन महिलाओं में यौन संबंध का खतरा ज्यादा रहता है जो अनेक पुरूषों से यौन संबंध बनाती हैं।
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उजाला सिग्नस हेल्थकेयर ग्रुप के 13 अस्पताल हैं जो रेवाड़ी, सोनीपत, पानीपत, कुरक्षेत्र, कैथल, बहादुरगढ़, करनाल, कानपुर, वाराणसी, काशीपुर, दिल्ली के नांगलोई, दिल्ली के रामा विहार में स्थित हैं। किसी भी प्रकार की बीमारी का इलाज करवाने के लिए आप अपने नज़दीकी उजाला सिग्नस अस्पताल (cancer hospital list) में अपॉइंटमेंट बुक करवा सकते हैं। इसके अलावा, फ़ोन के ज़रिये मुफ्त परामर्श लेने के लिए आप 9146691466 पर मिस्ड कॉल दे सकते हैं।
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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