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हर्निया एक बहुत ही आम बीमारी है, ये समस्या स्त्री या पुरुष किसी को भी बड़ी आसानी से हो सकता है, खासतौर पर ये पेरशानी उस इंसान को अधिक होती है जिसके पेट की मसल कमजोर हो जाती है। इस बीमारी में पीड़ित व्यक्ति की पेट की मांसपेशिया कमजोर हो जाती हैं, इतना ही नहीं हर्निया के रोगियों को खड़े होने में खांसी आती है और लेट जाने पर बिलकुल ठीक हो जाता है।
हर्निया कई प्रकार की होती है, ये परेशानी तब होती है जब पेट का कोई अंग किसी छेद की सहायता से बाहर निकलने लगता है औऱ लेट जाने पर अंदर चला जाता है। बता दें कि हर्निया केवल पेट में ही नहीं होता है बल्कि ये जाँघ के ऊपरी हिस्से, बीच पेट में और ग्रोइन क्षेत्रों को भी अपना निशाना बना लेती है। आमतौर पर इसके लक्षण जल्दी दिखते नहीं हैं, लेकिन इस बीमारी में पेट दर्द होना आम लक्षणों में से एक है।
अगर हम ये कहें कि हर्निया जानलेवा बीमारी नहीं है तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी, लेकिन ये भी उतना ही सच है कि इसका इलाज (hernia treatment) करवाना ज़रूरी है, ये खुद ठीक नहीं होता। कभी-कभी तो हर्निया से पैदा होने वाली अन्य जटिलताओं को रोकने के लिए ऑपरेशन या सर्जरी का भी सहारा लेना पड़ता है, इसलिए इस बीमारी को नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।
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हर्निया को 4 प्रकारों (hernia and types of hernia) में बंटा गया है जो की निम्न हैं-
हाइटल हर्निया पेट के ऊपर के हिस्से और पेट को छाती से अलग करने वाली मसल्स में ये हर्निया पैदा होता है। दरअसल, डायफ्राम में एक छोटी सी ओपनिंग होती है जिसका जुड़ाव फूड ट्यूब से होता है, हम जो भी भोजन ग्रहण करते हैं ये सबसे पहले पेट के इसी हिस्से से होकर गुजरता है। जो व्यक्ति हाइटल हर्निया का शिकार होता है उसके द्वारा खाया गया खाना फूड ट्यूब में जाने लगता है। हाइटल हर्निया आमतौर पर 40 से 50 की उम्र के लोगों को प्रभावित करता है।
ये हर्निया नाभी में या नाभि के आसपास होता है। आमतौर पर अम्बिलिकल हर्निया बच्चों को जल्दी होता है, इस स्थिति में नाभि लटक जाती है। लेकिन खास बात ये है कि ये हर्निया अपने आप ही ठीक हो जाती है। लेकिन ध्यान रहे अगर बच्चे की उम्र बढ़ने के साथ साथ ये रोग ठीक नहीं होता है तो डॉक्टर से सम्पर्क करें। जब अम्बिलिकल इलाज के बाद भी ठीक नहीं होता है तो डॉक्टरर्स सर्जरी का सहारा लेते हैं।
इनगुइनल हर्निया को लोग पेट का हर्निया भी कहते हैं, ज्यादातर लोग इनगुइनल हर्निया के शिकार ही होते हैं। इनगुइनल हर्निया आमतौर पर पेट और जांघ के बीच में होता है, डॉक्टरर्स का कहना है कि इंगुइनल हर्निया उस स्थान पर जल्दी हो जाता है जहां के मसल्स कमजोर होते हैं या उस जगह पर पहले कभी चोट लगी हो।
वेंट्रल हर्निया एब्डॉमिनल वॉल के मसल्स को शिकार बनाता है। हर्निया का ये प्रकार एब्डॉमिनल वॉल के किसी भी हिस्से में हो सकता है। इसके प्रभाव से इंसिजनल हर्निया होने की संभावना होती है, ये हर्निया ज्यादातर सर्जरी के कारण होता है।
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One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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