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रूमेटाइड अर्थराइटिस पीड़ित व्यक्ति के जोड़ों के आसपास की झिल्ली पर अटैक करती हैं, जिसकी वजह से जोड़ों में सूजन और दर्द होता है। इसके अलावा रूमेटाइड अर्थराइटिस प्रोटेक्टिव कार्टिलेज को भी नुकसान पहुंचाती है, जिसकी वजह से प्रभावित क्षेत्र में लालिमा रहती है। रूमेटाइड अर्थराइटिस के कारणों की बात करें तो ये तब होता है जब रोग प्रतिरोधक क्षमता काम नहीं करती है ये ज्यादातर जोड़, घुटने और टखनों को प्रभावित करती है। रूमेटाइड अर्थराइटिस के कई कारण हैं-
किशोर गठिया को बाल चिकित्सा गठिया रोग के नाम से भी जाना जाता है। ये ज्यादातर 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में होता है, डॉक्टर्स का कहना है कि कुछ बच्चों को शुरूआत में ही ये बीमारी हो जाती है। एक रिसर्च के अनुसार 300,000 बच्चे किशोर गठिया से पीड़ित हैं। ये रोग केवल त्वचा और आंतरिक अंगों को प्रभावित करते हैं। किशोर गठिया के काई कारण हैं जैसे-
गाउट गठिया का वो प्रकार है जो आमतौर पर बड़े पैर की अंगुली में शुरू होता है औऱ आसपास के क्षेत्र में भी फैलता है। ये तेज़ी से फैलने वाले गठिया का एक आम प्रकार है। इसके अलावा ये बीमारी महिलाओं की तुलना में पुरूषों को अधिक होती है जो करीब 40 से 45 वर्ष की आयु के बाद शुरू होता है। गाउट होने के निम्न कारण हैं-
रिएक्टिव गठिया एक प्रकार का सूजन है जो जोड़ों, आंखों और मूत्र माग्र को प्रभावित करता है। रिएक्टिव गठिया तब होता है जब बैक्टीरिया रक्त प्रवाह में प्रवेश कर जाता है और इससे शरीर में सूजन हो जाती है जिससे खून का संचालन ठीक ढंग से नहीं हो पाता और ये रिएक्टिव गठिया का कारण बनता है। रिएक्टिव गठिया कई कारणों से होता है-
सोरियाटिक अर्थराइटिस पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित करता है, खासकर सोरियाटिक अर्थराइटिस 30 से 35 साल की उम्र के बाद ही शुरू होता है। इसके अलावा कई बार ये रोग बचपन में ही शुरू हो सकता है। सोरियाटिक अर्थराइटिस होने के कारणों में नीचे दिए गए कारक शामिल हैं-
ऑस्टियोआर्थराइटिस जोड़ो में होने वाली गंभीर बीमारी है इससे शरीर की हड्डियों पर बुरा असर पड़ता है, ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण जोड़ों में दर्द, सूजन और अकड़न हो जाती है, ये खासतौर पर कमर, घुटने, हाथ, रीढ़ और अंगूठे जैसे जोड़ को अपने प्रभाव में लेते हैं। ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण नीचे दिए गए हैं।
सेप्टिक गठिया ज्यादातर घुटनों को अपने प्रभाव में लेता है, ये बीमारी तब होती है जब किसी सर्जरी या चोट का नकारात्मक असर पड़ने लगता है, इसके अलावा सेप्टिक गठिया के सूक्ष्मजीव रक्त में संक्रमण की तरह फैलाते हैं जो धीरे-धीरे जोडों में सूजन पैदा करने लगते हैं। सेप्टिक गठिया के कारण निम्न हैं-
Axial स्पोंडिलोआर्थराइटिस गठिया का वो प्रकार है जो अधिकांश रीढ़ की हड्डी को ही निशाना बनाता है। इस बीमारी के कारण रीढ़ की हड्डी के साथ साथ शरीर के जोड़ भी प्रभावित होते हैं और इनमें सूजन आ जाती है। Axial स्पोंडिलोआर्थराइटिस के कई कारण हैं जैसे-
मेटाबोलिक गठिया शरीर में यूरिक एसिड के बढ़ जाने की वजह से होता है। इस रोग के कारण हमारे शरीर में मौजूद यूरिक जोड़ों औऱ उंगलियों तक पहुंच जाते हैं जिसकी वजह से जोडों में असहनिय दर्द होता है और धीरे धीरे ये गठिया रोग में बदल जाता है। ये गठिया आमतौर पर हाथों और पैर की गाँठों में ही होता है, जिसके निम्न कारण हैं-
ऊपर बताए गए गठिया के प्रकार और उनके कारणों के अलावा भी गठिया रोग के कई और प्रकार हैं जैसे- स्पोंडिलोआर्थ्रोपैथी, डीजनरेटिव या मकैनिकल गठिया, ऑस्टियोपोरोसिस, ankylosing spondylitis, giant सेल गठिया आदि, और इन सभी के कारण भी लगभग एक जैसे ही होते हैं।
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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