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कमर दर्द हो चाहे पीठ दर्द, दुनिया भर में लाखों लोग इस दर्द से परेशान हैं। 45 वर्ष या इससे अधिक उम्र के लोगों में कमर दर्द काफी आम है लेकिन कुछ स्थिति में कम उम्र के लोग भी इस दर्द से परेशान हो सकते हैं। कई चीज़ें कमर दर्द का कारण बन सकती हैं जैसे-
कमर दर्द का कारण रीढ़ की हड्डी से जुड़ी समस्याएं भी हैं, जोड़ों, मांसपेशियों, डिस्क और तंत्रिकाओं का तालमेल खराब होना कमर दर्द का कारण हो सकता है।
पीठ में दर्द होने के कारण की बात करें तो इस मामले में डॉक्टर का कहना है कि जोड़ों के बीच से डिस्क का बाहर आ जाना औऱ हर्नियेटेड डिस्क पीठ में दर्द होने के कारण हैं। इसके अलावा इससे आपकी पीठ के निचले हिस्से और कूल्हे में भी दर्द हो सकता है, क्योंकि हर्नियेटेड डिस्क या स्लिप्ड डिस्क की वजह से वहां की नसें दब जाती हैं जो पीठ में दर्द होने के कारण बनती हैं। इतना ही नहीं ज्यादा देर तक एक ही अवस्था में बैठना भी कमर दर्द का कारण है।
जो लोग ज्यादा झुककर बैठते हैं उनमें एक उम्र के बाद कुबड़ापन देखा जाता है। सालों तक झुककर काम करने से और इसी अवस्था में उठने बैठने से हड्डियों के बीच दबाव पड़ता है जिसकी वजह से कूबड़ निकल आता है और ये पीठ दर्द का कारण है।
तनाव भी कमर दर्द के कारण और लगातार कमर दर्द के कारण हैं। क्योंकि जो व्यक्ति तनाव में होता है उसकी मांसपेशियां अकड़ जाती हैं, जिसका ज्यादा असर गले और पीठ की मांसपेशियों पर पड़ता है। मांसपेशियों का अकड़ जाना ही पीठ दर्द का कारण हो सकता है।
अगर कोई व्यक्ति पहले से ही लगातार कमर दर्द के कारण से परेशान है और वो तनावग्रस्त भी रहता है तो इससे पीठ में दर्द की समस्या और अधिक बढ़ जाती है और कुछ समय बाद पीड़ित व्यक्ति अपाहिज भी बन सकता है।
गठिया भी बड़े स्तर पर पीठ दर्द के कारण हैं, गठिया के अलग अलग प्रकार शरीर के अलग अलग भाग को प्रभावित करते हैं जिसकी वजह से शरीर के प्रभावित भाग में यूरिक एसिड जमा हो जाता है और यही पीठ दर्द के कारण बनते हैं।
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गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में कमर दर्द होना काफी नॉर्मल है। इस स्थिति में कमर, पीठ और पीठ के निचले भाग में हमेशा दर्द महसूस होता है।
प्रेग्नेंसी भी पीठ दर्द के कारण में से एक है, इस दौरान शरीर में कई तरह के हॉर्मोनल बदलाव होते हैं जिसकी वजह से शुरूआती दौर में महिलाओं को पीठ दर्द की शिकायत रहती है।
अगर आप स्पाइनल स्टेनोसिस के शिकार हैं तो ये लगातार कमर दर्द के कारण में से एक है। इस स्थिति में पीड़ित व्यक्ति की रीढ़ की हड्डी संकुचित हो जाती है औऱ रीढ़ और तंत्रिकाओं पर दबाव बनाती है, जिसकी वजह से कमर, पीठ और पैर सुन्न पड़ने लगते हैं। ऐसा 60 से अधिक उम्र के लोगों को ही होता है।
60 की उम्र पार करने के बाद सर्वाइकल स्पाइनल स्टेनोसिस होता है, इसे सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी के नाम से भी जाना जाता है ये बीमारी भी कमर में दर्द का कारण है। सर्वाइकल रेडिकुलोपैथी के कारण नर्व रूट पर दबाव पड़ता है जिससे रीढ़ और उसके आसपास की मांसपेशियां कमजोर पड़ने लग जाती हैं जो पीठ दर्द के कारण बनती हैं।
स्पोंडिलोलिस्थीसिस में रीढ़ की हड्डी आगे और पीछे की ओर खिसक जाती है, जो आमतौर पर कमर दर्द होने के कारण है। इस स्थिति में रीढ़ की हड्डी कमजोर पड़ने लग जाती है और पीड़ित व्यक्ति धीरे धीरे उठने-बैठने में भी असमर्थ हो जाता है।
कमर दर्द के कारण में से एक हैं दुर्घटना जैसे कार, दुर्घटना, गिरना, मोच, फ्रैक्चर और तनाव। दुर्घटना के कारण शरीर में आने वाली चोट कई सारी शारीरिक समस्याएं पैदा करती हैं कई बार तो कमर और रीढ़ की हड्डी में भी फ्रैक्चर आ जाता है जिसकी वजह से पीठ और कमर में दर्द होने लगता है।
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कमर में दर्द होने का कारण एक नहीं बल्कि कई सारे हैं जिनमें से एक गलत तरीके से सोना भी है। दिन या रात के समय आप सोने के लिए किस तरह के बिस्तर का चुनाव करते हैं इसका भी कमर पर असर पड़ता है। यदि आप मोटे नर्म गद्दे पर सोते हैं, तो ये कमर में दर्द होने का कारण बन सकता है। इसलिए कोशिश ये करें कि हमेशा सोने के लिए कठोर बिस्तर का ही चुनाव करें।
कई बार आपने सुना होगा कि अचानक ही पीठ में या कमर में दर्द होने लगता है, इसका कारण गलत तरीके से उठना-बैठना या झटके से कोई काम करना हो सकता है। अगर आप जल्दी में उठते हैं या झटके से कोई काम करते हैं तो इससे नसों में खिंचाव हो सकता है जो अचानक कमर दर्द का कारण है।
मोटापा भी कमर में दर्द होने के कारण हैं। शरीर में अधिक वसा के जमाव की वजह से शरीर मोटा हो जाता है और ये मांसपेशियों में दर्द पैदा करने का काम करता है। मोटापे की वजह से कभी भी किसी भी समय या लगातार कमर में दर्द हो सकता है।
वैसे तो कमर में दर्द होने के कारण कई सारे हैं जिनमें से कुछ महत्वपूर्ण कारण ऊपर लेख में बताया गया है। लेकिन इन सबके अलावा कभी-कभी कुछ गंभीर बीमारी जैसे पैंक्रियाटाइटिस, अल्सर या किडनी इन्फेक्शन भी कमर दर्द के कारण हैं। इसके अलावा कभी-कभी पीठ का दर्द कैंसर का भी संकेत हो सकता है, अगर आपको हमेशा पीठ या कमर में दर्द महसूस हो तो डॉक्टर से ज़रूर सलाह लें। इसके अलावा ऑस्टियोमायलाइटिस जैसे रीढ़ की हड्डी में होने वाला इन्फेक्शन भी दर्द की वजह से पीड़ित व्यक्ति का उठना बैठना मुश्किल कर देता है।
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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