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देश और दुनिया लगातार कोरोना वायरस से जूझ रही है, हर दिन लाखों की संख्या में वायरस के नए मामले निकलकर सामने आ रहे हैं इसी बीच कई और बीमारियां भी लगातार लोगों को अपनी चेपेट में लेती जा रही हैं। हालहीं में ब्लैक और व्हाइट फंगस के कई मामले देखने को मिले थे और अब ख़बर ये आ रही है कि तीसरा संक्रमण भी तेजी से फैल रहा है जिसे येलो फंगस (Yellow fungus) के नाम से जाना जा रहा है।
(yellow fungus) मिली जानकारी के अनुसार येलो फंगस गंदगी के कारण फैलता है, खासकर ये बीमारी मरीजों में अधिक हो रही है क्योंकि पहले से बीमार होने के कारण उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। इसके अलावा ज़्यादा स्टेरॉयड का सेवन, एंटीबैक्टीरियल दवाएं और खराब ऑक्सीजन का इस्तेमाल करने से भी ही येलो फंगस होता है साथ ही ये फंगस जीव जंतुओं को भी अपना निशाना बना रहा है। (how yellow fungus is spread)
(yellow fungus symptoms in hindi) ब्लैक और येलो फंगस के लक्षण काफी हद तक एक जैसे ही हैं जो बेहद परेशान करने वाले हैं। येलो फंगस स्किन पर अटैक करता है जिससे चेहरा खराब हो जाता है। येलो फंगस के शुरूआती दिनों में कई तरह के लक्षण दिखाई दे सकते हैं जैसे-
येलो फंगस एक ऐसा इंफेक्शन है जो शरीर के भीतर फैलना शुरू करता है जिसकी वजह से शरीर के बाकी अंगों पर इसका असर पड़ने लगता है, इस बीमारी से पीड़ित लोगों को काफी थकावट महसूस होती है और वो पूरा दिन सुस्त रहते हैं।
येलो फंगस के कारण पीड़ित व्यक्ति का पाचन तंत्र खराब हो जाता है जिसके कारण उसे भूख नहीं लगती है। अगर आप भी अचानक भूख ना लगने जैसे लक्षण महसूस कर रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
इस बीमारी में वजन कम होने जैसे लक्षण भी महसूस किए जाते हैं, भूख में कमी होने के कारण पीड़ित व्यक्ति का वजन दिन प्रतिदिन कम होने लगता है। डॉक्टर्स का कहना है कि अगर किसी स्वस्थ व्यक्ति का वजन भी अचानक से कम होने लगता है तो उसे भी जल्द से जल्द टेस्ट करवा लेना चाहिए।
ब्लैक और येलो फंगस चेहरे पर अटैक करता है जिससे पीड़ित व्यक्ति का चेहरा खराब होने लगता है। इस बीमारी में आखों के नीचे काले घेरे बन जाते हैं और आंखें अंदर की तरफ धंस जाती हैं।
येलो फंगस में व्यक्ति पूरा दिन सोने की फिराक में रहता है, उसके शरीर में इतनी कमजोरी हो जाती है कि व्यक्ति चलने-फिरने में भी असमर्थ हो जाता है।
सबसे पहले तो आपको ये बता दें कि ब्लैक, व्हाइट और येलो फंगस कोई नई बीमारी नहीं है ये संक्रमण पहले से ही लोगों को में देखे गए हैं। येलो फंगस का इलाज साफ-सफाई का खास ध्यान रखकर किया जा सकता है। इसके अलावा Amphotericin B इंजेक्शन एक ऐंटिफंगल दवा है ये भी यलो फंगस के संक्रमण से लड़ने में मदद करता है। (yellow fungus treatment)
येलो फंगस में घाव नहीं भरता है और अगर समय रहते इस बीमारी के लक्षणों का पता नहीं लगता और इंजेक्शन नहीं लगवाया गया तो इससे लीवर, गुर्दा और शरीर के अन्य अंग भी प्रभावित होते हैं, ऐसे में मरीज के मल्टी आर्गन फेल्योर होने से मौत हो जाती है। बता दें कि येलो फंगस में संक्रमण नाक से शुरू होता है और फिर धीरे-धीरे शरीर के पूरे भाग में फैल जाता है। (black white yellow fungus)
ब्लैक फंगस कोरोना मरीजों को अपनी चपेट में लेता है डॉक्टर के अनुसार ये फंगस वातावरण में भी मौजूद होता है। ब्लैक फंगस रक्त वाहिकाओं को पूरी तरह से घेर लेता है और उन्हें नष्ट कर देता है जिससे पीड़ित व्यक्ति की मौत हो जाती है।
व्हाइट फंगस शरीर के बाहरी हिस्से को निशाना बनाता है। व्हाइट फंगस बाकी संक्रमण की तरह घातक नहीं है इसका इलाज दवाइयों से भी आसानी से किया जा सकता है।
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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