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Brain stroke meaning: ब्रेन स्ट्रोक एक ऐसी समस्या है जो आमतौर पर दिमाग में रक्त का प्रवाह रूक जाने के कारण होती है, इस स्थिति में पीड़ित व्यक्ति के दिमाग की कोशिकाएं नष्ट होने लगती हैं, जिसके बाद दिमाग को काम करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। ब्रेन स्टोक को एक प्रकार का हार्ट अटैक कहें तो कोई हैरानी की बात नहीं होगी, ये एक तरह का हार्ट अटैक ही होता है लेकिन ये दिमाग को नुकसान पहुंचाता है।
Brain stroke in Hindi: स्ट्रोक कई प्रकार के होते हैं, इनका इलाज स्ट्रोक के प्रकार पर निर्भर करता है, लेकिन अगर आपको लगता है कि आपके आस पास मौजूद किसी व्यक्ति को ब्रेन स्ट्रोक है तो नीचे दिए गए नियमों का पालन करें। ( Brain stroke recovery in Hindi )
अगर आपको लग रहा है कि किसी व्यक्ति को ब्रेन स्ट्रोक हो रहा है तो तुरंत अस्पताल में कॉल करें। इस स्थिति में जल्द से जल्द इमरजेंसी सहायता लेने की ज़रूरत होती है। इमरजेंसी हेल्प मिलने तक पीड़ित व्यक्ति को किसी आरामदायक स्थिति में बैठाएं।
ब्रेन स्ट्रोक की हालत में ये देखते रहे कि पीड़ित व्यक्ति सांस ले रहा है या नहीं, अगर उसे सांस लेने में किसी भी तरह की समस्या आ रही है तो इस स्थिति पीड़ित व्यक्ति के कपड़े ढीले कर दें, शर्ट के बटन को खोल दें, और टाई या स्कार्फ को ढीला करें या निकाल दें।
ब्रेन स्ट्रोक की स्थिति में पीड़ित व्यक्ति के शरीर को जितना हो सके गर्म रखने की कोशिश करें। ऐसे में पीड़ित व्यक्ति के शरीर पर कंबल डाल दें और चारो तरफ से कवर कर के रखें। इसके साथ ही मरीज के आसपास ज्यादा भीड़भाड़ ना होने दें इससे पीड़ित व्यक्ति को घबराहट हो सकती है।
ब्रेन स्ट्रोक की स्थिति में पीड़ित व्यक्ति को कुछ भी खाने पीने को ना दें। इसके अलावा मरीज की सभी हरकतों पर ध्यान रखें और अस्पताल जाने के बाद डॉक्टर को मरीज के लक्षणों के बारे में बताएं।
अक्सर हम परिवार के किसी सदस्य को बीमार देखकर काफी घबरा जाते हैं औऱ हताश होने लगते हैं लेकिन ब्रेन स्ट्रोक के मरीज के सामने हमें ऐसा बर्ताव करने से बचना चाहिए। कभी भी मरीज के सामने ऐसा शो करने से बचना चाहिए कि उसे गंभीर अटैक आया है और वो बच नहीं सकता, खासकर ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों के सामने। ऐसा करने से पीड़ित व्यक्ति का दिमाग और कमजोर हो जाता है औऱ वो जीने की उम्मीद छोड़ देता है।
ब्रेन स्ट्रोक की बीमारी आमतौर पर दिमाग में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन की कमी के कारण होती है। जब नसों में खून की सप्लाई नहीं हो पाती है और दिमाग को सुचारू रूप से काम करने के लिए ज़रूरत के हिसाब से रक्त नहीं मिल पाता है तो इस स्थिति में ब्रेन स्ट्रोक होने लगता है, क्योंकि ऑक्सीजन और रक्त का प्रवाह एक दूसरे से जुड़े हुए हैं।
इसके अलावा शरीर में ऑक्सीजन और रक्त संचार मे गिरावट के कारण दिमाग मे मौजूद सभी कोशिकाएं मृत होने लगती हैं। जिसकी वजह से व्यक्ति का दिमाग ठीक ढंग से काम नहीं करता है और इस स्थिति में ब्रेन स्ट्रोक की समस्या हो जाती है।
ब्रेन स्ट्रोक से बचने के लिए या इससे दूसरों को सचेत करने के लिए इसके लक्षणों के बारे में जानना बहुत ज़रूरी है। अगर आपको इसके लक्षणों के बारे में पता है तो आप आसानी से मरीज को बचा सकते हैं वरना उसकी जान भी जा सकती है।
1. ब्रेन स्ट्रोक से पीड़ित व्यक्ति को काफी कमजोरी महसूस होती है। यहां तक की उसे उठने बैठने पर चक्कर भी आने लगता है।
2.ब्रेन स्ट्रोक से पीड़ित व्यक्ति को चलने-फिरने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, कई बार तो स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि पीड़ित व्यक्ति एक बेड की साइड से दूसरी साइड भी नहीं खिसक पाता है।
3.ब्रेन स्टोक के मरीजों के शब्द साफ नहीं निकलते हैं, उन्हे बातचीत के दौरान काभी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है, क्योंकि इस दौरान उनकी जुबान लड़खड़ाने लगती है और मुंह से एक शब्द भी साफ नहीं निकलता है।
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ब्रेन स्ट्रोक के बारे में बहुत कम लोगों को ही जानकारी होती है, ऐसे में उनके मन में तमाम तरह के सवाल घूमते रहते हैं, अगर आपके दिमाग में भी ब्रेन स्ट्रोक को लेकर कोई सवाल है तो आप नीचे इसके जवाब जान सकते हैं।
स्ट्रोक को दिमागी दौरा भी कहा जाता है क्योंकि ये अक्सर अचानक होता है, ये स्थिति तब आती है जब मस्तिष्क में रक्त का प्रवाह रूक जाता है या कम हो जाता है।
कई बार कुछ मरीज स्ट्रोक के लक्षणों को पहचान लेते हैं लेकिन कुछ मरीज़ों के लिए इसकी पहचान करना काफी मुश्किल हो जाता है, क्योंकि स्ट्रोक में दिमाग को चोट पहुंचाता है, जिसकी वजह से व्यक्ति अपनी दिक्कतों को महसूस नहीं कर पाता है।
स्ट्रोक को किसी घरेलू इलाज से ठीक नहीं किया जा सकता है इसलिए स्ट्रोक आने पर सबसे पहले डॉक्टर के पास जाएं, अगर एंबुलेंस को आने में देरी हो रही है तो पीड़ित व्यक्ति को कंबल से ढंक दें और उसे आरामदायक स्थिति में बैठा या लिटा दें।
उजाला सिग्नस हेल्थकेयर ग्रुप के 13 अस्पताल हैं जो रेवाड़ी, सोनीपत, पानीपत, कुरक्षेत्र, कैथल, बहादुरगढ़, करनाल, कानपुर, वाराणसी, काशीपुर, दिल्ली के नांगलोई, दिल्ली के रामा विहार में स्थित हैं। किसी भी प्रकार की बीमारी का इलाज करवाने के लिए आप अपने नज़दीकी उजाला सिग्नस अस्पताल में अपॉइंटमेंट बुक करवा सकते हैं। इसके अलावा, फ़ोन के ज़रिये मुफ्त परामर्श लेने के लिए आप 9146691466 पर मिस्ड कॉल दे सकते हैं।
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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