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दुनिया में ऐसी बहुत सारी बीमारियां हैं, जिनका शिकार लोग अकसर हो जाते हैं। वहीं, इन बीमारियों से बचने के लिए एक अच्छा जीवनशैली अपनाते हैं जैसे-अच्छा भोजन करते हैं और साथ ही खुद को स्वस्थ रखने के लिए कई तरह के व्यायाम करते हैं। इसके बावजूद भी कई ऐसी बीमारियां हैं (cardiac arrest), जिनके बारे में सही से जानते तक नहीं हैं और ये हमें कब अपना शिकार बना लेती हैं, पता भी नहीं चलता है।
कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) भी एक ऐसी ही बीमारी है, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं, जिसमें दिल अचानक से धड़कना बंद हो सकता है और दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) के लक्षण और बचाव के तरीकों के बारे में-
कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) का मतलब है अचानक दिल का काम करना बंद हो जाना। कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) किसी लंबी या पुरानी बीमारी का हिस्सा नहीं है, इसलिए कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) को दिल से जुड़ी बीमारियों में सबसे खतरनाक माना जाता है। लोग अकसर इसे दिल का दौरा पड़ना (heart attack) समझते हैं।
शुगर, हाई ब्लडप्रेशर, हाई कोलेस्ट्रोल, स्मोकिंग, लेक ऑफ फ़ज़िकल एक्सरसाइज़, ओबेसिटी, खराब लाइफ़स्टाइल, तनाव कार्डियक अरेस्ट के मुख्य कारण हैं। इसके अलावा भी कोई अन्य समस्या कार्डियक अरेस्ट होने के कारण (cause of cardiac arrest) हैं।
जब कार्डियक अरेस्ट आता है तो धड़कने बढ़ कर 300-400 तक हो जाती हैं। वहीं, ब्लड प्रेशर नीचे की ओर गिरने लगता है और दिल के फंक्शन में अनियमितता आ जाती है। नतीजतन शरीर के अन्य हिस्सों में ब्लड की सप्लाई नहीं हो पाती है। जिसमें व्यक्ति की मौत भी हो जाती है।
अगर किसी व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest ) आया है, तो सबसे पहले तो आपको अपने नजदीकी अस्पताल के आपातकालीन नंबर पर फोन करके मदद मांगनी है। वहीं, आपको तुरंत मरीज को सीपीआर देना चाहिए। गौरतलब है कि सीपीआर की मदद से भी मरीज की जान बचाई जा सकती है।
सीपीआर देने के लिए आपको सर्वप्रथम मरीज की छाती पर 30 बार दबाव डालना होता है। इस दौरान अपने दोनों हाथों को एक साथ बांधें और व्यक्ति की छाती के बीच में रखें। इसके बाद छाती के केंद्र यानी बीच में जोर से तेज धक्का दें। धक्का देते समय यह ध्यान दें कि छाती लगभग एक इंच अंदर की तरफ जाए। वहीं, इसे आपको एक मिनट में 100 बार की दर से दबाना है। इस दौरान ध्यान रहे कि कंप्रेशन के बीच छाती को पूरी तरह से ऊपर उठने दें। आपको सीपीआर तब तक देते रहना है, जब तक आपके पास मेडिकल सहायता न पहुंच जाए।
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डॉ. मधुर जैन, कार्डियोलॉजिस्ट और न्यूरोलॉजिस्ट, उजाला सिग्नस अस्पताल, रेवाड़ी के मुताबिक, निम्नलिखित तरीकों से कार्डियक अरेस्ट से बचा जा सकता है-
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जब किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आता है तो उसका हृदय बाकी शरीर के हिस्सों में खून का संचार करते रहता है लेकिन ऐसा कार्डियक अरेस्ट में नहीं होता और इसमें सांस नहीं आती है।
कार्डियक अरेस्ट का मतलब (meaning of cardiac arrest) है अचानक से दिल का काम करना बंद हो जाना। वहीं, cardiac arrest कोई लंबी बीमारी का हिस्सा नहीं है इसलिए ये दिल से जुड़ी बीमारियों में सबसे खतरनाक माना जाता है।
दरअसल, कार्डियक अरेस्ट में दिल का ब्लड सर्कुलेशन पूरी तरह से बंद हो जाता है। दिल के अंदर वेंट्रीकुलर फाइब्रिलेशन पैदा हो जाने से इसका प्रभाव दिल की धड़कन पर पड़ता है। इसलिए कार्डियक अरेस्ट में कुछ ही मिनटों में मौत हो सकती है।
कार्डियक अरेस्ट के इलाज के लिए मरीज को कार्डियोपल्मोनरी रेसस्टिसेशन (सीपीआर) दिया जाता है, ताकि मरीज की दिल की धड़कन को नियमित किया जा सके। इसके अलावा, कार्डियक अरेस्ट के मरीजों को ‘डिफाइब्रिलेटर’ से बिजली का झटका देकर हार्ट बीट को रेगुलर करने की कोशिश की जाती है।
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One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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