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पाइल्स होने पर मरीज के एनस के अंदर और बाहरी हिस्सों में सूजन आ जाती है और गुदा के अंदर या बाहरी हिस्से से मस्से बाहर आने लगते हैंं। इन मस्सों में से कई बार खून भी निकलता है जो काफी दर्दनाक होता है। ये एक ऐसी बीमारी है जिसके बारे में लोग खुलकर बात करने में झिझक महसूस करते हैं।
शायद आप नहीं जनते होंगे कि बवासीर होने के पीछे भी कई कारण हैं, रोज़ाना हम अनजाने में ही कई तरह की गलतियां कर देते हैं जिसकी वजह से पाइल्स होने का खतरा बढ़ जाता है। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि आपकी कौन सी गलतियां पाइल्स (piles) का खतरा पैदा कर सकती हैं तो इस ब्लॉग को अंत तक ज़रूर पढ़ें-
जो लोग लंबे समय तक खड़े होकर काम करते हैं या भारी सामान उठाते हैं उन्हे आने वाले समय में बवासीर की समस्या का सामना करना पड़ता है। इसलिए अगर आपको अपने काम के लिए लंबे समय तक खड़ा रहना पड़ता है या आप कोई भारी सामान उठाने का काम करते हैं तो ऐसे व्यक्तियों को काम से ब्रेक लेते रहना चाहिए।
रक्तवाहिकाओं में दबाव बवासीर का सबसे बड़ा कारण है। अक्सर खानपान असंतुलिस होने के कारण कब्ज की शिकायत हो जाती है और अगर ये लंबे समय तक रहे तो मल त्याग करने में व्यक्ति को काफी ज़ोर लगाना पड़ता है जिससे रक्तवाहिकाओं पर दबाव पड़ता है जिससे एनस के अंदर बवासीर के गुदे बनने लगते हैं जो मटर के दाने जैसे होते हैं।
अगर आप पाइल्स से संबंधित किसी भी तरह की जानकारी पाना चाहते हैं या इसके लक्षण महसूस कर रहे हैं तो तुरंत 88569-88569 पर कॉल करें और डॉक्टर से FREE सलाह लें।
गर्भावस्था | पाइल्स होने के कारण (piles causes)
गर्भावस्था के दौरान पाइल्स होना काफी आम माना जाता है। डॉक्टर्स के अनुसार गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं, इसके अलावा प्रेग्नेंसी के समय पर अधिकतर महिलाओं में कब्ज की शिकायत शुरु हो जाती है जो काफी लंबे समय तक बनी रहती है, ऐसी स्थिति में पाइल्स (piles) होने की संभावना बढ़ जाती है।
मोटापा एक ऐसी परेशानी है जिसकी वजह से शरीर में तमाम तरह के रोग लग जाते हैं जिनमें से बवासीर भी एक है। ज़रुरत से अधिक वजन होने से व्यक्ति को पाइल्स (piles) भी हो सकता है। इसलिए अगर आप बवासीर रोग से बचना चाहते हैं तो वजन को संतुलित रखें और हेल्दी डाइट मेंटेन करें।
पाइल्स के रोगियों को ज्यादा अधिक मात्रा में तेल-मसाले और फास्ट फूड का सेवन नहीं करना चाहिए। असंतुलित चीज़ों के सेवन से कब्ज़ की समस्या हो सकती है जो पाइल्स के रोगियों के लिए काफी दर्दनाक है।
जो लोग लंबे समय से कब्ज की समस्या झेल रहे हैं उन्हे बवासीर का खतरा रहता है क्योंकि कब्ज के कारण पेट साफ नहीं होता है और मल त्यागने में काफी जोर लगाना पड़ता है, ऐसे में पाइल्स होना आम बात है।
गर्भावस्था के दौरान शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते है इस दौरान गर्भवती महिला को कब्ज हो सकता है। प्रेग्नेंसी के दौरान आंत्र पथ यानी इनटेस्टनाइल ट्रैक्ट काफी धीमा हो जाता है जिससे मल काफी सख्त होकर बाहर निकलता।
और अधिक जानकारी पाने के लिए, जानिए पाइल्स से जुड़े 5 अहम बड़े सवालों के जवाब.
अगर आप पाइल्स से संबंधित किसी भी तरह की जानकारी पाना चाहते हैं या इसके लक्षण महसूस कर रहे हैं तो तुरंत 91466-91466 पर कॉल करें और डॉक्टर से FREE सलाह लें।
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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