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कैंसर किसी भी प्रकार का हो, शरीर पर इसका काफी बुरा असर पड़ता है। कुछ मामलों में तो कैंसर पीड़ित इस गंभीर बीमारी से जीत जाते हैं लेकिन अधिकतर मामलों में यह जानलेवा साबित होता है। आज हम इस लेख में गले में कैंसर के लक्षण के बारे में जानकारी देने वाले हैं।
आपको बता दें कि भारत में हर साल 3 से 6 प्रतिशत लोग गले में कैंसर की वजह से अपनी जान गवाते हैं। गले के कैंसर की वजह से महिलओं की अपेक्षा पुरूषों की मौत ज़्यादा होती है।
इस गंभीर बीमारी की वजह से जान गवाने का एक मुख्य कारण यह भी है कि लोग शुरूआती समय में गले के कैंसर की पहचान नहीं कर पाते हैं। तो चलिए आज आपको गले में कैंसर के लक्षण के बारे में विस्तार से बताते हैं।
गले का कैंसर में आपके गले में एक ट्यूमर बन जाता है। जो लोग अधिक मात्रा में शराब का सेवन करते हैं या अपनी जीवनशैली में धूम्रपान को एक आदत बनाए हुए हैं उन्हें गले के कैंसर का खतरा ज़्यादा होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि गले में एक नली मौजूद होती है जो नाक के पीछे स्थित है।
जब व्यक्ति गले में कैंसर के लक्षण से प्रभावित होता है तब इस हड्डी पर असर पड़ता है। आइए जानते हैं गले में कैंसर होने के कारण:
अगर आप इनमें से कुछ भी अधिक मात्रा में कर रहे हैं तो सावधान हो जाएं। अगर सही समय पर इनका सेवन कम नहीं किया तो आपको थ्रोट कैंसर के लक्षण का सामना करना पड़ सकता है। आइए जानते हैं क्या हैं गले के कैंसर के लक्षण इन हिंदी।
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गले में खराश: अगर आपके गले में खराश लंबे समय तक रहती है तो यह आम समस्या गले का कैंसर के लक्षण बन सकता है। इसको नज़रअंदाज़ ना करें। ऐसी स्थिति होने पर डॉक्टर से संपर्क करें।
सांस लेने में तकलीफ: कोरोनाकाल में अक्सर लोग सांस के ढंग से ना आने को कोरोना के संक्रमण का ही लक्षण मान लेते हैं। जबकी ऐसा नहीं है, सांस लेने में तकलीफ होना गले के केंसर का लक्षण भी है।
आवाज़ में बदलाव: अगर अचानक से आपकी आवाज़ में बदलाव आ जाए और ऐसा लंबे समय तक रहे तो डॉक्टर से परामर्श लें। सामान्य आवाज़ में बदलाव गले के कैंसर का लक्षण हो सकता है।
खांसी में खून: खांसी के साथ अगर खून की बूंदे भी आती हैं तो यह चिंताजनक बात है। यह भी गला कैंसर के लक्षण हैं।
गले और कान में दर्द: गले के कैंसर का लक्षण में गले के साथ कान में दर्द होना भी शामिल है।
वजन कम होना: अगर अचानक से आपका वजन घटने लगता है तो इसे आम ना समझे। अध्यन के मुताबिक ऐसा हो गर्दन के कैंसर के लक्षण हैं।
खाना निगलने में तकलीफ: आमतौर पर खाना गले की नली के माध्यम से आसानी से चला जाता है लेकिन जब व्यक्ति गले के कैंसर से पीड़ित होता है तो उसे खाना निकलने में तकलीफ होती है। याद रहे, ऐसा होना आम नहीं है, यह भी गले का कैंसर का लक्षण है।
गले में छाले: गले में छाले होना भी गले में कैंसर की पहचान है।
अगर आप गले का कैंसर लक्षण का सामना कर रहे हैं तो आपके लिए डॉक्टर से सलाह लेना और इसका इलाज करवाना बेहद ज़रूरी है। गले कैंसर की पहचान करने के लिए डॉक्टर कुछ परीक्षण करते हैं।
शारीरिक परीक्षण करने के लिए निम्नलिखित टेस्ट किए जाते हैं:
विकीकरणथेरेपी: कीमोथेरेपी के ज़रिए शरीर में मौजूद कैंसर कोशिकाओं को खत्म किया जाता है। इस प्रक्रिया को करने के लिए तेज़ उर्जा किरण का इस्तेमाल किया जाता है। अगर पीड़ित मरीज का ट्यूमर छोटा है तो विकीकरणथेरेपी की मदद से ठीक किया जा सकता है।
कीमोथेरेपी: इस प्रक्रिया में भी कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जाता है। हालांकि इसमें ऊर्जा नहीं बल्कि ड्रग्स का इस्तेमाल करते हैं। लेकिन अगर सर्जरी के बाद भी मरीज़ के शरीर में कैंसर रहता है तो कीमोथेरेपी समाप्त कर दी जाती है।
सर्जरी: ऐसे भी कुछ केस होते हैं जिसमें डॉक्टर को मरीज की सर्जरी करना पड़ती है। अगर मरीज़ का ट्यूमर छोटा है तो उसे एंडोस्कोपिक की मदद से हटा दिया जाता है। लेकिन मरीज़ की हालत ज़्यादा गंभीर है तो उसके गले के भाग को निकालना पड़ता है।
दवाएं: गले के कैंसर को ठीक करने के लिए डॉक्टर मरीज़ को कुछ दवाइयों का सेवन करने की भी सलाह दे सकते हैं जिससे वो ठीक हो सकेें।
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तो यह थी गले के कैंसर से जुड़ी हुई कुछ महत्वपूर्ण जानकारी। आप अगर गले का कैंसर सिम्पटम्स को महसूस कर रहे हैं तो इसको नज़रअंदाज़ ना करें। ऐसा करना आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है। आप अगर इन लक्षणों का सामना कर रहे हैं तो 91466-91466 पर कॉल करके मुफ्त में सलाह ले सकते हैं।
अगर आप भी कैंसर से जुड़ी हुई समस्याओं का सामना कर रहे हैं या किसी और स्वास्थ्य समस्या से परेशान हैं तो 91466-91466 पर कॉल करके आप मुफ्त सलाह ले सकते हैं। कॉल पर आपको डॉक्टर द्वारा सही जानकारी दी जाएगी। कानपुर, वाराणसी, आगरा, कैथल, कुरुक्षेत्र, रेवाड़ी, करनाल, पानीपत, सोनीपत, बहादुरगढ़, राम विहार, नांगलोई, काशीपुर, हल्द्वानी में हमारे अस्पताल मौजूद हैं। आप अपने नज़दीकी अस्पताल में जाकर भी इलाज करवा सकते हैं।
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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