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Jodon ka dard: आमतौर पर जोड़ों के दर्द को उम्र के साथ जोड़ा जाता है। लोगों का कहना है कि घुटनों और जोड़ों में दर्द अक्सर उम्रदराज लोगों को ही परेशान करते हैं लेकिन आज कल ये परेशानी युवाओं में भी देखी जा रही है, जिसके लिए वो कई तरह के इलाज कराते हैं और ट्रीटमेंट लेते हैं लेकिन बावजूद इसके दर्द से राहत नहीं मिल पाती है।
जोड़ों में दर्द के कई कारण हैं। किसी एक कारण से जोड़ों के दर्द का अनुमान नहीं लगाया जा सकता है इसलिए इस के अनेकों कारण बताए गए हैं जैसे-
अर्थराइटिस से पीड़ित लोगों को जोड़ो के दर्द काफी परेशान करते हैं इस परेशानी में जोड़ों में ऐंठन महसूस होती है। अगर आपको भी लगे कि आपके पैरों में ऐंठन महसूस हो रही है या फिर चलने फिरने में परेशानी हो रही है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
आजकल युवाओं में भी जोड़ों के दर्द देखे जा रहे हैं इसका मुख्य कारण चोट लगना भी हो सकता है। अंदरूनी चोट और पुराने चोट के कारण भी जोड़ों में दर्द की शिकायत होती है जिसकी जल्द से जल्द जांच करवा लेनी चाहिए।
कभी-कभी खेलकूद के दौरान या उठने बैठने में सावधानी न बरतने की वजह से जोड़ों में मोच आ जाती है और इस पर ध्यान ना देने से यह गंभीर स्थिति में पहुंच जाता है जिससे दर्द और सूजन पैदा होने लगती है।
उन लोगों को भी जोड़ों के दर्द परेशान कर सकते हैं जिनके जोड़ों के बीच का ग्रीस खत्म हो जाता है, ऐसी स्थिति में जोड़ आपस में टकराने लगते हैं जिससे दर्द की समस्या पैदा होती है।
आमतौर पर जोड़ों में दर्द के लक्षण सूजन और चलने फिरने में तकलीफ ही होती है लेकिन इसके अलावा भी कई और लक्षण है जो महसूस होने पर तुरंत मेडिकल सहायता लेने की जरूरत होती है जैसे-
जोड़ों के दर्द का सबसे आम लक्षण है चलने फिरने और उठने बैठने में तकलीफ होना इस स्थिति में पीड़ित व्यक्ति को उठने बैठने पर जोड़ों में दर्द महसूस होता है।
उम्र बढ़ने के साथ-साथ जोड़ों में अकरन होना आम बात है ऐसी स्थिति में व्यक्ति जिस तरीके से बैठा होता है उसके जोड़ उसी स्थिति में अकड़ जाते हैं।
जोड़ों में दर्द का सबसे आम लक्षण है सूजन, ऐसी स्थिति में लोग जोड़ों की सिकाई करते हैं लेकिन उससे कुछ खास फर्क नहीं पड़ता है ऐसे में डॉक्टर से मेडिकल सहायता लेनी लीजिए।
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जोड़ों में दर्द एक ऐसी परेशानी है जो पीड़ित व्यक्ति का चलना फिरना भी मुश्किल कर सकती है, ऐसी स्थिति में पीड़ित व्यक्ति अपने रोजमर्रा के काम करने में भी असमर्थ रहता है इसलिए जोड़ों के दर्द गंभीर अवस्था में ना पहुंचे उससे पहले इसका इलाज करवा लेना बेहतर होता है
कुछ मामूली जोड़ों के दर्द का इलाज दवाइयों से भी किया जा सकता है, जोड़ों के दर्द की स्थिति में डॉक्टर कुछ दर्द निवारक दवाइयां देते हैं जिससे पीड़ित व्यक्ति को दर्द से राहत मिलती है।
जोड़ों के दर्द का सबसे आसान इलाज है एक्सरसाइज और योगा करना यह जोड़ों की कार्य क्षमता को बढ़ाती है जिससे दर्द और सूजन जैसी परेशानी से छुटकारा पाया जा सकता है।
जब जोड़ों के दर्द तमाम तरह के इलाज के बाद भी ठीक नहीं होते हैं तो ऐसी स्थिति में डॉक्टर थेरेपी करवाने की सलाह देते हैं जिससे दर्द से राहत पाया जा सके।
जब किसी भी तरह के इलाज से पीड़ित व्यक्ति को आराम नहीं मिलता है तो ऐसी स्थिति में उसके पास एकमात्र चारा बचता है ऑपरेशन का, ऐसे में डॉक्टर पीड़ित व्यक्ति को आर्थ्रोप्लास्टी नाम की सर्जरी करवाने की सलाह देते हैं।
साधारण जोड़ों के दर्द को कुछ घरेलू इलाज से भी ठीक किया जा सकता है। इसमें पीड़ित व्यक्ति हॉट एंड कोल्ड हीट का सहारा लेते हैं। इसके अलावा कई तरह की जड़ी बूटियों का भी इस्तेमाल करते हैं जिससे काफी हद तक दर्द से राहत मिल जाती है।
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One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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