Table of Contents
Toggle
What can cause damage to your kidneys: लाइफस्टाइल में बदलाव और शरीर की देखभाल के लिए कम समय मिलने के कारण लोग तमाम तरह की बीमारियों के शिकार हो जाते हैं, और इनमें से कुछ बीमारियां ऐसी भी होती हैं जो सीधे किडनी को नुकसान पहुंचाती हैं। आपको बता दें कि इन दिनों किडनी खराब होने के सबसे ज्यादा केस देखने को मिल रहे हैं जिसे आप कुछ सावधानियां और अच्छे डॉक्टर्स की निगरानी में इलाज करवाकर किडनी खराब होने से बचा सकते हैं।
Symptoms of kidney disease: बीमारी चाहे कोई भी हो शरीर के लिए नुकसानदायक ही होती हैं लेकिन कुछ बीमारियां इतनी घातक होती हैं कि वो सीधे किडनी पर असर डालती हैं। तो नीचे हम आपको उन बीमारियों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनसे किडनियां खराब होती हैं।
Diabetes affect kidneys: अगर किसी व्यक्ति को लंबे समय से डायबिटीज की परेशानी है तो ये डायबिटीज उच्च शर्करा से किडनी को नुकसान पहुंचा सकती है। और अगर ये बीमारी लंबे समय से चली आ रही है तो ये किडनी की छोटी रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुंचाती है। इसके लक्षणों की बात करें तो शुरूआत में इस बीमारी के कारण पेशाब में प्रोटीन की मात्रा दिखाई देने लगती है, इसके अलावा कुछ परिस्थितियों में शरीर में सूजन भी देखने को मिलता है जो किडनी (how does diabetes affect the kidneys) को नुकसान पहुँचते हैं, जिससे किडनी के काम करने की गति कम हो जाती है। अगर मधुमेह के कारण किडनी खराब हो रही है तो इस स्थिति को डायाबिटिक किडनी डिजीज कहते हैं।
डॉक्टर्स का कहना होता है कि किडनी की पथरी अन्य जगहों की पथरी से ज्यादा खतरनाक होती है। और अगर समय रहते किडनी की पथरी का इलाज ना करवाया जाए तो ये किडनी को नुकसान पहुंचाती है। आमतौर पर किडनी स्टोन पेशाब के रास्ते बाहर निकल आते हैं लेकिन अगर ऐसा नहीं होता है तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए क्योंकि देरी के कारण अगर ये स्टोन फट जाता है या बड़ा हो जाता है तो इससे आपकी किडनी खराब हो सकती है।
एनोरेक्सिया नर्वोसा एक खाने से जुड़ी बीमारी है जिसमें पीड़ित व्यक्ति का वजन सामान्य से भी कम होने लगता है। ये बीमारी पुरूष या महिलाओं दोनों में हो सकती है लेकिन ज्यादातर एनोरेक्सिया नर्वोसा महिलाओं में पाया गया है। अगर ये बीमारी लंबे समय तक बनी रहे तो इसका किड़नी पर गलत प्रभाव पड़ता है और किडनी खराब हो सकती है। इस स्थिति से पीड़ित व्यक्ति वजन बढ़ने के डर से कई तरह के खतरनाक उपाय करता है और भोजन में कमी लाने के लिए खाना खाने के बाद उल्टियां कर देता है।
हाई ब्लड प्रेशर को साइलेंट किलर भी कहते हैं, जिस भी व्यक्ति को हाई ब्लड प्रेशर की शिकायत है और वो इसे संतुलित करने के उपाय नहीं करता है तो उसकी किडनियां खराब हो सकती हैं। क्योंकि इस बीमारी के कारण पीड़ित व्यक्ति की किडनी रक्त को फिल्टर नहीं कर पाती है, और हाई बीपी की वजह से किडनी तक पहुंचने वाली धमनियां क्षतिग्रस्त होती हैं जिससे किडनी में वेस्ट जमा होने लगता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण भी किडनी फेल होती है, बढ़े हुए कोलेस्ट्रॉल के कारण हार्ट अटैक औऱ किडनी फेल का खतरा ज्यादा रहता है, इस बीमारी के कारण किडनी के आस पास कोलेस्ट्रॉल जमने लगता है जिसके कारण वो ठीक ढंग से काम नहीं कर पाती हैं और किडनी खराब हो जाती है, इसके अलावा हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण किडनी स्टोन भी हो जाता है।
हीमोलाइटिक यूरीमिक सिंड्रोम भी किडनी को डैमेज करता है। ये बामारी तब होती है जब गुर्दे और अन्य अंगों में छोटी रक्त वाहिकाएं क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, इस दौरान गुर्दे फेल हो जाते हैं। इस बीमारी में मरीज ढंग से पेशाब नहीं कर पाता है जिसके कारण किडनी पर असर पड़ता है।
ये बीमारी अल्सर का कारण होती है, ये एक छोटा घाव होता है जो गुर्दे को प्रभावित करता है, ये बीमारी ज्यादातर अनुवांसिकता के कारण होती है, अगर आपके घर में किसी को ये बीमारी है तो आपमें भी ये रोग बड़ी आसानी से हो सकता है, ये गुर्दे की पुरानी बीमारी को जन्म दे सकता है।
उजाला सिग्नस हेल्थकेयर ग्रुप के 13 अस्पताल हैं जो रेवाड़ी, सोनीपत, पानीपत, कुरक्षेत्र, कैथल, बहादुरगढ़, करनाल, कानपुर, वाराणसी, काशीपुर, दिल्ली के नांगलोई, दिल्ली के रामा विहार में स्थित हैं। किसी भी प्रकार की बीमारी का इलाज करवाने के लिए आप अपने नज़दीकी उजाला सिग्नस अस्पताल में अपॉइंटमेंट बुक करवा सकते हैं। इसके अलावा, फ़ोन के ज़रिये मुफ्त परामर्श लेने के लिए आप 9146691466 पर मिस्ड कॉल दे सकते हैं।
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.