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मलेरिया बरसात के दिनों में होने वाली सबसे बड़ी बीमारी है, जो किसी भी व्यक्ति को आसानी से अपनी चपेट में ले सकती है। रिसर्च के अनुसार ग्रामीण क्षेत्रों में मलेरिया के मरीज ज्यादा देखने को मिलते हैं, क्योंकि शहरों की तुलना में गांवों में अधिक पेड़-पौधे और हरियाली होती है ऐसे में बरसात हो जाने पर ऐसे इलाकों में मच्छर जल्दी पनप जाते हैं जो मलेरिया का कारण बनते हैं। वैसे तो मलेरिया (causes of malaria) किसी भी उम्र के व्यक्ति को आसानी से हो सकता है लेकिन आमतौर पर बच्चे इसकी चपेट में अधिक आते हैं।
हर साल 25 अप्रैल को विश्व मलेरिया दिवस मनाया जाता है, मच्छरों के काटने से फैलने वाली इस बीमारी के कारण हर वर्ष लाखों लोगों की जान चली जाती है यही कारण है कि हर वर्ष मलेरिया दिवस जागरूकता को ध्यान में रखकर मनाया जाता है।
ये तो आप जानते ही हैं कि मलेरिया मच्छरों (causes of malaria) से होने वाली बीमारी है, जो मच्छरों की फीमेल प्रजाति एनोफिलीज के काटने से होता है। दरअसल एनोफिलीज मादा मच्छर (malaria is caused by) में एक अलग प्रकार का जीवाणु पाया जाता है। बता दें कि केवल वही मच्छर किसी व्यक्ति को संक्रमित कर सकता है जिसने पहले किसी मलेरिया से पीड़ित व्यक्ति को काटा हो। ध्यान देने वाली बात ये है कि अगर समय रहते मलेरिया (malaria is caused by) का इलाज नहीं किया जाता है तो ये लीवर तक पहुंच कर उसके कार्य करने की क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
डॉक्टर का मानना है कि मलेरिया के लक्षण (Malaria Symptoms) हमेशा हरेक मरीज में अलग-अलग दिखते हैं। लेकिन कुछ संकेत ऐसे होते हैं जिसे ध्यान में रखकर आप मलेरिया टेस्ट करवा सकते हैं, जैसे-
अगर आप मलेरिया के लक्षण (Malaria Symptoms) महसूस कर रहे हैं तो देर ना करें तुरंत 88569-88569 पर कॉल करें और डॉक्टर से FREE सलाह लें।
अगर आपको मलेरिया (malaria) के लक्षण दिखते हैं तो बिना देर किए जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इसके अलावा आप पहले से ही सतर्क (malaria disease) रहें और मलेरिया से बचाव के लिए नीचे दिए गए तरीकों को अपनाएं-
आमतौर पर लोग किसी भी तरह की बीमारी में घरेलू उपचार करना बेहतर समझते हैं। क्योंकि दवा के साथ-साथ सावधानी और खानपान का ध्यान रखना भी ज़रूरी होता है। ऐसे में अगर आप मलेरिया (malaria) के मरीज हैं तो जल्दी स्वस्थ होने के लिए दवाइयों के साथ-साथ घरेलू उपचार की भी मदद लें-
डेंगू और मलेरिया (malaria) में गिलोय अमृत मानी जाती है। आमतौर पर लोग इन बीमारियों में गिलोय की गोली या गिलोय के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीते हैं जो काफी फायदेमंद (Malaria Treatment) भी होता है। इस काढ़े का सेवन दिन में करीब 3 से 4 बार करना है।
मलेरिया होने पर विटामिन सी से भरपूर फलों का सेवन करना चाहिए ये पौषक तत्वों से भरपूर होते हैं जो आपकी रोग-प्रतिरोधक क्षमता (Malaria Treatment) बढ़ाने में मदद करता है और आप जल्द स्वस्थ हो जाते हैं।
8 से 10 तुलसी के पत्ते और करीब 7 से 8 काली मिर्च को एक साथ पीसकर इस मिश्रण को शहद में मिलाकर सुबह-शाम इसका सेवन करें, इससे मलेरिया के बुखार में कमी आती है।
मलेरिया में जितना हो सके तरल पदार्थों का सेवन करना चाहिए, इसके अलावा आपको खिचड़ी, दलिया, साबुदाना जैसे हल्के और पौषक तत्व (Malaria Treatment) वाले भोजन भी करना चाहिए।
अगर आप मलेरिया के लक्षण महसूस कर रहे हैं तो देर ना करें तुरंत 91466-91466 पर कॉल करें और डॉक्टर से FREE सलाह लें।
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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