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Are you suffering of PCOD: आजकल की इस जीवनशैली के कारण हर दस में से दो या तीन महिलाएं पॉलीसिस्टिक ओवरी डिजीज यानी PCOD की शिकार है। ये एक ऐसी बीमारी है जिसकी वजह से महिलाओं के यूट्रस में मेल हार्मोन एंड्रोजन जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है और ओवरी में पेस्ट बनने लगते हैं। पीसीओडी का मुख्य कारण हार्मोनअल बदलाव, तनाव, व्यस्त जीवनशैली और मोटापा है, इसके अलावा ये जेनेटिक भी हो सकता है। अगर आपके परिवार में किसी को PCOD है, या था तो आप भी आसानी से इस बीमारी के शिकार हो सकते हैं।
आपको बता दें कि ये बीमारी ज्यादातर 30 से 35 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को ही अपना शिकार बनाती है लेकिन आजकल कई ऐसे केस भी सामने आए हैं जिसमें छोटी बच्चियां भी पीसीओडी की समस्या से जूझती हुई दिखाई दी हैं।
सबसे पहले यह जान लेते हैं कि आखिर पीसीओडी है क्या, तो बता दे कि महिलाओं में ये बीमारी प्रजनन हार्मोन के संतुलन में हेरफेर और मेटाबॉलिज के खराब होने की वजह से होती है। पीसीओडी होने की वजह से पीड़ित महिलाओं के पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं। कभी-कभी तो कई महीनों तक पीरियड्स आते ही नहीं हैं। इस बीमारी की वजह से अंडाणु ना तो बनते हैं और ना ही इनका विकास होता है जिसकी वजह से ये बाहर नहीं निकल पाते और इसका पीरियड पर प्रभाव पड़ता है।
आपको बता दें कि जो भी महिला पीसीओडी (PCOD) का शिकार होती है उसका मासिक चक्र तो खराब होता ही है साथ ही इसका प्रेगनेंसी (Pregnancy) पर भी काफी बुरा असर पड़ता है इसलिए जल्द से जल्द इस बीमारी से छुटकारा पाना बेहद जरूरी है। अगर आप भी पीसीओडी के शिकार हैं तो ऐसे में नीचे दिए गए टिप्स को फॉलो करना बिल्कुल ना भूलें।
पैदल चलना, जॉगिंग करना, योग, ज़ुम्बा डांस, एरोबिक्स,साइक्लिंग, स्विमिंग जैसे शारीरिक व्यायाम (Physical Exercise) करने से PCOD से छुटकारा पाया जा सकता है इस तरह का शारीरिक व्यायाम कपको रोज़ करना है। व्यायाम के साथ-साथ आप मैडिटेशन भी कर सकती हैं ऐसा करने से तनाव कम होता है।
पीसीओडी में जंक फूड, स्वीट, फैट वाला भोजन, ज्यादा तेल मसाले और सॉफ्ट ड्रिंक को पूरी तरीके से बंद कर देना चाहिए और अच्छा पौष्टिक आहार (Nutritious Diet) लेना चाहिए। इसके लिए आप अपनी डाइट में रोजाना एक फ़ल, हरी सब्जियां और विटामिन बी से भरपूर आहार को शामिल करें। इसके अलावा आप अलसी अखरोट और मछली को भी अपने भोजन में शामिल कर सकते हैं इस तरह के भोजन से आप जल्द ही पीसीओडी से छुटकारा पा सकते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार अरंडी के तेल से ओवरी की सिकाई करने से भी फायदा मिलता है। इसके अलावा दशमूलारिष्ट का सेवन करने से पीसीओडी से छुटकारा पाने में सहायता मिल सकती है।
पीसीओडी से पीड़ित महिलाओं को अपनी डाइट में बिना चर्बी वाले प्रोटीन (Protein) को शामिल करना चाहिए इसके लिए आप चिकन, अंडा, सैलमन मछली, टूना मछली और टोफू आदि को शामिल कर सकते हैं। इसके अलावा आप इस बीमारी में मुलेठी की जड़ (Mulethi) का भी इस्तेमाल कर सकते हैं, इसके लिए एक चम्मच मुलेठी के चूर्ण को करीब एक कप पानी में डालकर अच्छी तरह उबाल लें और इसका सेवन करें, इससे पीसीओडी की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है।
अगर आपको लगता है कि आप के शरीर में कुछ बदलाव (Changes in Body) हो रहे हैं जैसे योनि से रक्तस्राव, गर्भाशय की परत का मोटा होना, चेहरे पर कील मुंहासे, पीरियड्स में गड़बड़ी और छाती, चेहरे, जांघ आदि पर अचानक से बाल बढ़ने जैसे बदलाव नजर आते हैं तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें बिना डॉक्टर की सलाह से किसी भी तरह के घरेलू उपाय या आयुर्वेदिक तरीके को ना अपनाएं।
उजाला सिग्नस हेल्थकेयर ग्रुप (Ujala Cygnus Healthcare Group) के 13 अस्पताल हैं जो कानपुर, रेवाड़ी, काशीपुर, वाराणसी, सोनीपत, पानीपत, कुरक्षेत्र, दिल्ली के नांगलोई, दिल्ली के रामा विहार, कैथल, बहादुरगढ़, करनाल में स्थित हैं। किसी भी प्रकार की बीमारी का इलाज करवाने के लिए आप अपने नज़दीकी उजाला सिग्नस अस्पताल में अपॉइंटमेंट बुक करवा सकते हैं। इसके अलावा, फ़ोन के ज़रिये मुफ्त परामर्श लेने के लिए आप 9146691466 पर मिस्ड कॉल दे सकते हैं।
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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