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Sexually transmitted diseases definition: सेक्सुअली ट्रांसमेटेड डिजीज काफी आम हो गया है, पिछले कुछ सालों में लगातार इसके केस बढ़े हैं। और ये बीमारी तब बढ़ती है जब आप असुरक्षित यौन संबंध बनाते हैं, इस असुरक्षा के कारण आपको औऱ आपके परिवार को काफी तकलीफें होती हैं। योनी संभोग के दौरान एसटीडी यानि सेक्सुअली ट्रांसमेटेड डिजीज एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलती है।
सेक्सुअली ट्रांसमेटेड डिजीज के प्रकारों (sexually transmitted disease list) की बात करें तो ये कई प्रकार के होते हैं जैसे-
गोनोरिया एक प्रकार का जीवाणु (sexually transmitted virus) होता है इसके फैलने का कारण गोनोरिया नीसेरिया को माना जाता है। गोनोरिया का एक दूसरा जीवाणु है जिसे एसटीडी कहते हैं जिसे “क्लैप भी कहा जाता है। इस जीवाणु के फैलने का मुख्य कारण लिंग या योनि से सफेद, पीला, बेज या हरे रंग का स्त्राव निकलना, औऱ ये स्त्राव सेक्स औऱ पेशाब की प्रक्रिया दौरान ही निकलते हैं। इस दौरान पेशाब के समय दर्द होना, जननांगों के आसपास खुजली होना और गले में खराश जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। और सबसे खतरनाक बात तो ये है कि जो मां इस जीवाणु का शिकार होती हैं उनका नवजात शिशु भी इसकी चपेट में आ सकता है।
एचपीवी यानि ह्यूमन पैपीलोमावारसइ भी एक यौन संबंधित बीमारी है जो संक्रमण से फैलती है। जो भी व्यक्ति एचपीवी का शिकार होता है उसके जननांगों औऱ मुंह या गले पर मस्से दिखाई देते हैं। इस संक्रमण को घातक भी कहा जा सकता है क्योंकि इससे पीड़ित व्यक्ति में कैंसर की कोशिकाएं जल्दी बढ़ती हैं।
सिफलिस भी एक जीवाणु है जिसे यौन संक्रमण के रूप में देखा जा सकता है। इसके लक्षण तो ऐसे होते हैं कि शुरूआत में कोई भी इसे पहचान नहीं पाता है, और समय के साथ साथ ये गंभीर रोग में तब्दिल हो जाता है। इस संक्रमण से पीड़ित व्यक्ति को गोल घाव होता है जो जननांगों, गुदा या मुंह पर दिखाई देता है, औऱ ये एक संक्रामक बीमारी है जो आसानी से दूसरे व्यक्ति को भी हो सकती है। इसके अलावा इस बीमारी में व्यक्ति के शरीर पर लाल चकते हो जाते हैं, इसके अलावा वजन घटना और बालों का झड़ना भी इसके लक्षणों में से एक हैं।
आमतौर पर क्लैमाइडिया एक क्लैमाइडिया ट्रैकोमैटिस नाम के जीवाणु के कारण पैदा होती है। क्लैमाइडिया का जीवाणु सिर्फ इंसानों को ही अपनी चपेट में लेता है। कई बार क्लैमाइडिया रोग से पीडि़त व्यक्ति इसके लक्षणों को नहीं पहचान पाता है, लेकिन इसे नजरअंदाज करना बहुत घातक साबित हो सकता है। जो भी महिला इस बीमारी से पीड़ित होती है उसके पैदा होने वाले बच्चे में भी ये संक्रमण पाया जाता है, जिसके कारण बच्चे को निमोनिया भी हो सकता है।
एचआईवी एक यौन से जुड़ी बीमारी है, ये एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकता है, इसके अलावा एचआईवी व्यक्ति की प्रतिरक्षा तंत्र को कमजोर बना देती है। और अगर इसके लक्षणों पर ध्यान देकर इसका इलाज ना करवाया गया तो ये स्टेज 3 तक पहुंच सकती है, जिसे बाद में एड्स कहा जाता है। इस बीमारी को गले में दर्द, शरीर में दर्द सूजी हुई लसिका ग्रंथियों से पहचाना जा सकता है।
आपको बता दें कि सेक्सुअली ट्रांसमेटेड डिजीज के सभी प्रकारों के लक्षण लगभग अलग अलग होते हैं, इसके अलावा महिलाओं (std symptoms female) और पुरूषों (std symptoms male) में भी इसके अलग अलग लक्षणों को देखा गया है। जो महिला सेक्सुअली ट्रांसमेटेड का शिकार होती है उसके योनि के आसपास खुजली, जलन औऱ अधिक स्त्राव जैसी शिकायत करती हैं। इसके अलावा पुरूषों की बात करें तो उनके लिंग से अधिक स्त्राव होता है संभोग और पेशाब के दौरान दर्द महसूस होता है, साथ ही जननांगों पर मस्से हो जाते हैं। महिला औऱ पुरूष दोनों में जो समान लक्षण देखे गए हैं वो ये हैं कि इस बीमारी में दोनों ही जल्दी थक जाने की शिकायत करते हैं, अधिक पसीना आता है औऱ प्यास लगती है।
अगर आपको लगे कि आप सेक्सुयल ट्रांसमिटेड डीजीज का शिकार हो गए हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। जिससे समय रहते इसे फैलने से रोका जा सके। सेक्सुयल ट्रांसमिटेड डीजीज को कई तरह से रोका जा सकता है जैसे-
टीकाकरण सेक्सुयल ट्रांसमिटेड डिजीज को फैलने से रोकने का एक अच्छा उपाय है, इस टीके को सेक्स से पहले लगाए जाते हैं। इस टीकाकरण के लिए किसी अच्छे अस्पताल के डॉक्टर से संपर्क करें।
एल्कोहल और ड्रग्स का ज्यादा सेवन करने से ये बीमारी बढ़ती है, अगर आप ज्यादा शराब पीते हैं तो यौन सम्बन्धों के दौरान आप सेक्सुयल ट्रांसमिटेड डीजीज का शिकार हो सकते हैं और आपके पॉर्टनर में भी ये बीमारी आसानी से फैल सकती है।
सेक्सुयल ट्रांसमिटेड डीजीज से बचना है तो ज़रूरी है कि आप एक ही पार्टनर के साथ संबंध बनाएं। और ये बात दोनों ही पार्टनर पर पूरी तरह से लागू होती है।
उजाला सिग्नस हेल्थकेयर ग्रुप के 13 अस्पताल हैं जो रेवाड़ी, सोनीपत, पानीपत, कुरक्षेत्र, कैथल, बहादुरगढ़, करनाल, कानपुर, वाराणसी, काशीपुर, दिल्ली के नांगलोई, दिल्ली के रामा विहार में स्थित हैं। किसी भी प्रकार की बीमारी का इलाज करवाने के लिए आप अपने नज़दीकी उजाला सिग्नस अस्पताल में अपॉइंटमेंट बुक करवा सकते हैं। इसके अलावा, फ़ोन के ज़रिये मुफ्त परामर्श लेने के लिए आप 9146691466 पर मिस्ड कॉल दे सकते हैं।
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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