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टीबी एक बेहद गंभीर और संक्रामक बीमारी है जो ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया के कारण फैलता है। टीबी रोग सबसे ज्यादा फेफड़ों को प्रभावित करता है। इसके अलावा ब्रेन, यूट्रस, मुंह, लीवर, गला और किडनी आदि भी टीबी रोग से प्रभावित हो सकते हैं। इस बीमारी को इसलिए भी खतरनाक कहा जाता है क्योंकि अगर कोई स्वस्थ व्यक्ति टीबी मरीज के संपर्क में आ जाए तो वह भी ट्यूबरकुलोसिस बैक्टीरिया का शिकार हो सकता है। तो आज के इस लेख में हम टीबी के लक्षण की बात करेंगे जिससे आप इस बीमारी के लक्षणों को शुरुआत में ही जान लें और इसका सही इलाज करवा पाएं। (tb symptoms in hindi)
फेफड़ों में संक्रमण, बार बार खांसी आना, जरूरत से ज्यादा पसीना आना, हमेशा बुखार रहना आदि सब टीबी के लक्षण हैं जो दिन-प्रतिदिन बढ़ते चले जाते हैं। इन सबके अलावा भी टीबी की गांठ के लक्षण की बात करें तो इस बीमारी में नीचे दिए गए संकेत नजर आते हैं जिस पर ध्यान देकर आप टीबी रोग को पहचान सकते हैं। (tuberculosis ki ganth)
(weight loss in tb) टीबी की गांठ के लक्षण व टीबी के लक्षण में वजन कम होना भी शामिल है। जो भी व्यक्ति टीबी रोग का शिकार हो जाता है उसके शरीर का वजन लगातार कम होने लगता है क्योंकि इस बीमारी से ग्रसित मरीज का खाने के प्रति लगाव कम हो जाता है जिसकी वजह से वजन घटने लगता है।
टीवी बीमारी के लक्षण की बात करें तो इस रोग से पीड़ित व्यक्ति को हमेशा खांसी आती रहती है। टीबी सबसे ज्यादा फेफड़ों को प्रभावित करता है जिसकी वजह से इसके शुरुआती लक्षण खांसी के रूप में दिखाई देते हैं। टीबी हो जाने पर सबसे पहले सूखी खांसी आती है और बाद में बलगम के साथ साथ खून भी आने लगता है। अगर आपको 2 हफ्ते से अधिक समय से फांसी है तो जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से संपर्क करें और अपना टीबी जांच जरूर करवाएं।
लगातार बुखार रहना क्षय रोग के लक्षण हैं। जो लोग टीवी रोग से प्रभावित होते हैं उन्हें लगातार बुखार रहता है। शुरुआती दिनों में लोगों को माइनर बुखार होता है लेकिन जब संक्रमण पूरे शरीर में फैलने लगता है तब बुखार तेज होने लगता है। अगर आपको कई दिनों से बुखार है और दवाइयां लेने के बाद भी ठीक नहीं हो रहा है तो ऐसी स्थिति में अपना टीबी जांच जरूर करवा लें क्योंकि यह टीबी रोग के लक्षण हैं।
टीबी हो जाने पर पीड़ित व्यक्ति को खूब पसीना आता है जब मरीज रात में सोता है तो उस समय वह अन्य लोगों के मुकाबले अधिक पसीने का अनुभव करता है। इसके अलावा मौसम चाहे ठंडा हो या गर्म मरीज को हर वक्त पसीना आता रहता है। (tuberculosis sweating at night)
टीबी रोग सबसे ज्यादा फेफड़ों को प्रभावित करता है जिसकी वजह से पूरे फेफड़े में संक्रमण फैल जाता है और इससे सांस लेने में तकलीफ पैदा होने लगती है। टीबी हो जाने पर पूरे दिन खांसी आती है और यह भी सांस लेने में परेशानी पैदा करती है क्योंकि अधिक खांसी आने से सांस फूलने लगता है जिससे मरीज को नाक की जगह मुंह से सांस लेना पड़ता है।
कई लोग टीबी को तपेदिक नाम से जानते हैं तो हम आपको बता दें कि सीने में दर्द भी तपेदिक के लक्षण हैं। कुछ मामलों में लोग सीने में दर्द को नजरअंदाज कर देते हैं जो आगे चलकर टीबी के साथ-साथ कई और गंभीर बीमारियों को दावत दे सकता है
मांसपेशियों को नुकसान पहुंचना भी टीवी का लक्षण है। शायद आपको जानकर हैरानी होगी कि टीबी रोग फेफड़ों के अलावा शरीर के अन्य अंगों जैसे हार्ट और मस्तिष्क आदि को भी प्रभावित करता है।
तपेदिक लक्षण को जानने के बाद ये जानना भी जरूरी है की टी बी रोग आखिर किन कारणों से होता है क्योंकि अगर आपको इस बीमारी के कारणों का अंदाजा है तो इसे बेहद आसानी से रोका जा सकता है और टीबी से सुरक्षित भी रहा जा सकता है। तो चलिए जानते हैं टीबी रोग किन कारणों से फैलता है
यह बात तो आप सभी जानते हैं कि कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता वाले लोग अक्सर बीमार पड़ जाते हैं थोड़ी सी भी सर्द हवा लगने या किसी वायरस के संपर्क में आते ही ऐसे लोग बिस्तर पकड़ लेते हैं। वैसे ही टीबी रोग कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों पर जल्दी अटैक करता है।
सबसे पहले तो आपको यह बता दें कि डायबिटीज का जोर लगाना भी टी बी के लक्षण हैं। इसके अलावा अगर कोई व्यक्ति डायबिटीज से पीड़ित है और डायबिटीज कंट्रोल नहीं हो रहा है तो ऐसे व्यक्ति भी टीबी के शिकार हो सकते हैं। अगर आप डायबिटिक हैं और टीबी रोग से बचना चाहते हैं तो अपने शुगर लेवल को हमेशा कंट्रोल करके रखें।
टी बी के लक्षण इन हिंदी में हमने आपको बताया था कि टीवी एक संक्रामक रोग है जो किसी पीड़ित व्यक्ति की खांसी, जुखाम व छींक के संपर्क में आने से फैलता है। इसके अलावा अगर टीबी से पीड़ित कोई व्यक्ति बाहर खांसता या छींकता है तो हवा से भी यह बीमारी फैल सकती है।
जो लोग बचपन से ही कुपोषण के शिकार हैं उन लोगों में भी टीवी की बीमारी के लक्षण देखे गए हैं।
डॉक्टर के अनुसार उन लोगों में भी टी बी बीमारी के लक्षण देखे गए हैं जो किडनी से जुड़ी बीमारी के शिकार हुए हो या किडनी रोग से पीड़ित हो। अगर कोई व्यक्ति किडनी से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित है और उसके देखभाल में कमी हो जाए तो उस व्यक्ति को टीबी भी बड़ी आसानी से हो सकता है (kidney problems)
टी बी रोग के लक्षण के अलावा आपको यह भी बता दें कि इस बीमारी को कुछ लोग यक्ष्मा तपेदिक व क्षय के नाम से भी जानते हैं। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में करीब 2 लाख मासूम बच्चे टीबी रोग से जूझ रहे हैं। इसके अलावा हर वर्ष अनेकों लोगों की मौत टी बी का लक्षण पर ध्यान न देने की वजह से हो जाती है।
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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