
गर्मी के मौसम में उच्च स्तर के प्रदूषण और ज्यादा तापमान से आँखों को नुकसान होने का ख़तरा
आगरा, 10th मई 2022:- तेज धूप, प्रदूषण और धूल कण से आँखों में एलर्जी होने का ज्यादा खतरा
इस मौसम में कॉन्टैक्ट लेंस पहनने के अलावा टोपी और धूप के चश्में भी पहनें।
गर्मियों के दौरान आँखों में होने वाली आम समस्याओं में कंजंटीवाइटिस, स्टाई और पर्टिजियम शामिल है।
इस सीजन में आँखों में कोई भी समस्या होने पर डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। कभी भी खुद से दवा नहीं करनी चाहिए।
ऐसा देखा गया है कि गर्मी शुरू होने पर लोग अपनी त्वचा को बचाने की जुगत में लग जाते हैं लेकिन वे आँखों का ख्याल रखना भूल जाते हैं। उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल, आगरा के नेत्र विशेषज्ञों के अनुसार, गर्मी के दौरान शरीर का सबसे नाजुक अंग आँख में बहुत ज्यादा गर्मी, उच्च स्तर का प्रदूषण और धूल कण से कई समस्या होने का खतरा रहता है।
उजाला सिग्नस रेनबो हॉस्पिटल, आगरा की ओफ्थल्मोलॉजी कंसल्टेंट डॉ चिकीर्षा जैन ने बताते हुए कहा, “गर्मियों का तापमान और उच्च स्तर का प्रदूषण तथा धूलकण आँखों के स्वास्थ्य में बाधा डालते हैं। इस वजह से आँखों में एलर्जी होने का खतरा बढ़ जाता है जिस वजह से आँखों का लाल होना, उनमे खुजली होना, और जलन होना महसूस होता है।
डॉ जैन ने सलाह देते हुए कहा, “भले ही आपने कॉन्टैक्ट लेंस पहन रखा हो लेकिन जब भी घर से बाहर जाएँ तो सिर में टोपी और आँखों में धूप का चश्मा अवश्य लगायें। इससे आँखों में हानिकारक अल्ट्रा वायलेट किरणें नहीं पहुँच पाती है। इन यूवी किरणों से कार्नियल डैमेज, मोतियाबिंद और मैक्यूलर डिजेंनरेशन हो सकता है। इस तरह की समस्या होने से लॉन्ग टर्म के लिए आँखों की रोशनी जा सकती है। सूर्य से आँखों की बेहतर सुरक्षा न होने से आँखों में सूखापन और आँखों की टीयर फिल्म ज्यादा तेजी से वाष्पित हो सकती है।“
गर्मी के इस मौसम में लोगों को आंखों की कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है क्योंकि उच्च तापमान आर्द्रता और प्रदूषण के साथ मिलकर आँखों के लिए कई समस्याएं खड़ी कर देता है। गर्मियों में आंखों में एलर्जी होना काफी आम है। कंजक्टिवाइटिस इन्ही समस्याओं में से एक है। आंखों का वायरल, बैक्टीरियल या फंगल संक्रमण इस बीमारी को जन्म दे सकता है। पिंक आई समस्या में आंख की बाहरी परतों में सूजन, आंख में बाहरी चीज होने की भावना और जलन, लाल होना और डिस्चार्ज शामिल होता है।
स्टाई और पर्टिजियम कुछ अन्य आँखों से सम्बंधित संक्रमण हैं जो गर्मियों में ज्यादा होते हैं। डॉक्टरों के अनुसार, एलर्जी और संक्रमण जैसी आंखों की समस्या ज्यादा घातक नहीं लग सकती है लेकिन लॉन्ग टर्म के लिए ये समस्याएं कई खतरा पैदा कर सकती है। इसलिए समय पर डॉक्टर से कंसल्ट करना महत्वपूर्ण होता है। अगर किसी को आंखों में तेज खुजली, लाल आंखें या आंखों में पानी आने जैसे लक्षण दिखाई देते हैं तो खुद से दवा करने के बजाय डॉक्टर की मदद लेनी चाहिए.
डॉ जैन ने आगे सलाह देते हुए कहा, “अगर समय पर डॉक्टर की सलाह का पालन नहीं किया जाए, तो मोतियाबिंद और मैक्यूलर डिजेंरेशन (नज़र ख़राब होना) जैसी गंभीर आंख की गंभीर बीमारी भी हो सकती है। अत्यधिक गर्मी आंखों के संपर्क में आने पर रेटिना को नुकसान हो सकती है, इसलिए डॉक्टरों सलाह देते रहते हैं कि इस तरह के नुकसान से बचने के लिए आंखों को पानी से धोते रहें। अन्य सावधानी वाले उपायों में सूर्य के साथ सीधे आंखों के संपर्क से बचना, कंप्यूटर पर काम करते समय काम से नियमित ब्रेक लेना और किसी भी डिजिटल स्क्रीन को लंबे समय तक देखने से बचना शामिल है। पंखे या एयर कंडीशनिंग सिस्टम के सामने सीधे बैठने से भी बचना चाहिए क्योंकि इससे आंखों में सूखापन हो सकता है। अगर आप बाहर या पूल में तैरना पसंद करते हैं, तो आपको किसी भी संक्रमण से बचने के लिए चश्मा पहनना चाहिए।“
इसके अलावा जलन या आँख में बेचैनी के केसेस में आंखों को रगड़ना नहीं चाहिए क्योंकि अगर आप बहुत जोर से रगड़ते हैं तो यह आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकता है। आंख में कोई भी बीमारी का मामूली सा भी संकेत दिखने पर तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए और खुद से कभी भी दवा नहीं करनी चाहिए।
Treated at Hospital
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