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Late Periods: पीरियड्स में देरी के कारण और घरेलू उपाय

By Kripal Negi

Reviewed by : Jalaz Jain

April 5, 2023

आजकल की तनाव से भरी जीवनशैली की वजह से अधिकतर महिलाएं अनियमित पीरियड्स (Irregular Periods) या पीरियड्स में देरी (Late Periods) की समस्या से परेशान रहती हैं और अंदर ही अंदर तनाव (Stress) से घिरा महसूस करती हैं। वैसे तो पीरियड्स मिस (Missed Periods) होने की सबसे समान्य वजह प्रेग्नेंसी (Pregnancy) होती है, लेकिन अगर आप प्रेग्नेंसी (Pregnancy) की योजना नहीं बना रही हैं और फिर भी आपके पीरियड्स मिस (Missed Periods) हो रहे हैं तो इसकी कई वजहें हो सकती हैं।

अनियमित पीरियड्स की वजह (Irregular Periods Reasons)

आमतौर पर 21 से 35 दिन के अंतराल में होने वाले पीरियड्स (Periods) को समान्य सर्कल माना जाता है। अगर अनियमित पीरियड्स की वजहों की बात करें तो एक स्‍टडी में पाया गया है कि लगभग 87% महिलाओं में अनियमित पीरियड्स की वजह पीसीओसी (PCOC) है जोकि एक हार्मोनल समस्‍या है। वहीं, 44% महिलाओं में इसकी वजह थायराइड की समस्‍या (Thyroid Problems) है। इनके अलावा नॉन डिजीज भी कारण होते हैं जिनकी वजह से अनियमित पीरियड्स (Irregular Periods) की समस्या हो जाती है।

प्रेग्नेंसी से संबंधित अधिक जानकारी के लिए 91466-91466 पर कॉल करें और पाएं डॉक्टर से FREE सलाह।

अनियमित पीरियड्स या पीरियड्स में देरी (Late Periods) के ये भी हैं कारण

  • महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन (Estrogen), प्रोजेस्टेरोन, (Progesterone) और टेस्टोस्टेरोन (Testosterone) नाम के तीन हार्मोन पाएं जाते हैं जिनके असंतुलित होते ही पीरियड्स में दिक्कत शुरू हो जाती है। वहीं, यदि यह संतुलन तनाव की वजह से बिगड़ता है तो पीरियड पर इसका सीधा असर दिखता है।
  • मोटापे की वजह से भी महिलाओं में अनियमित पीरियड्स (Irregular Periods) जैसी समस्याएं देखने को मिलती हैं।
  • गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करने की वजह से भी अनियमित पीरियड्स या पीरियड्स में देरी (Late Periods) होता है। दरअसल गर्भनिरोधक गोलियां अंडाशय के अंडे को रिलीज करने से रोकती हैं।
  • लगातार बीमार रहने या थायराइड, डायबिटीज़ की वजह से भी पीरियड्स में अनियमितता (Irregular Periods) देखी जा सकती है।
  • प्रेग्नेंसी से संबंधित अधिक जानकारी के लिए 91466-91466 पर कॉल करें और पाएं डॉक्टर से FREE सलाह।

    अनियमित पीरियड्स या पीरियड्स में देरी (Late Periods) को नॉर्मल करने के घरेलू उपाय

    हल्दी का सेवन

    हल्दी पीरियड्स और संबंधित हार्मोन को नियमित करने में मदद करती है। अगर इसे महिलाएं रोज रात में एक गिलास दूध के साथ मिलाकर सेवन करें तो काफी फायदा मिलेगा।

    अदरक का सेवन

    अदरक का सेवन पीरियड्स को नियमित करने में सहायक साबित हो सकता है। इसके लिए 1 कप पानी में 1 इंच अदरक डालें और अच्‍छी तरह से उबालें। इस मिश्रण को आप 1 महीने तक 3 बार सेवन करें।

    दालचीनी का सेवन

    दालचीनी की तासीर गर्म होती है। 1 गिलास दूध में 1/2 चम्मच दालचीनी मिलाकर उसका सेवन करें। आपको कुछ ही दिनों में फायदा दिखने लगेगा।

    सौंफ का सेवन

    सौंफ में एंटीस्पास्मोडिक तत्व होते हैं जो पीरियड्स को नियमित रखने में सहायक साबित  होते हैं। इसके लिए 2 चम्‍मच सौंफ लें और एक गिलास पानी में सौंफ डाल कर रातभर भिगो दें। फिर अगली सुबह पानी को छानकर पिएं।

    अनानास का सेवन

    अनानास अनियमित पीरियड्स को नियमित करने में सहायक साबित हो सकता है। दरअसल अनानास में ब्रोमेलेन एंजाइम (Bromelain Enzyme) होता है जो अनियमित पीरियड्स को नियमित करने में मदद करता है। इसके अलावा, ब्रोमेलेन पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द, ऐंठन, सिरदर्द जैसी समस्याओं को भी दूर करता है।

    प्रेग्नेंसी से संबंधित अधिक जानकारी के लिए 91466-91466 पर कॉल करें और पाएं डॉक्टर से FREE सलाह।

    अकसर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

    1. पीरियड्स कितने दिन होना चाहिए?

    माहवारी दो से आठ दिन तक रह सकती है और मासिक चक्र (एक माहवारी के शुरू होने से लेकर अगली माहवारी के एक दिन पहले तक की अवधि) सामान्यतया 24 से 35 दिन तक रहता है।

    2. पीरियड के समय क्या करना चाहिए?

    पीरियड्स के दौरान दिन में करीब 8 से 9 गिलास गुनगुना पानी पीना चाहिए। वहीं, पीरियड्स के दौरान शरीर से खून बाहर निकलता है, ऐसे में आयरन और विटामिन युक्त खाने का सेवन करना चाहिए। पीरियड्स के दौरान आटे का हलवा बनाकर खाना बेहद ही फायदेमंद होता है।

    3. पीरियड में संबंध बनाने से क्या होता है?

    पीरियड्स के दौरान महिलाएं बहुत चिड़चिड़ी हो जाती हैं। लेकिन अगर महिलाएं पीरियड्स के दौरान यौन संबंध बनाती हैं तो इससे चिड़चिड़ापन कम होता है।

    4. पीरियड्स आने के लक्षण

    पीरियड आने से पहले कई असहज लक्षणों का अहसास होता है जिनमें, हाथ पैरों में दर्द, पेट के निचले भाग में हल्का सा दर्द होना, मतली आना, थकान, ऐंठन आदि लक्षण शामिल हैं।

    प्रेग्नेंसी से संबंधित अधिक जानकारी के लिए 91466-91466 पर कॉल करें और पाएं डॉक्टर से FREE सलाह। आप अपने नज़दीकी उजाला सिग्नस अस्पताल में अपना बेहतर और किफायती इलाज भी करवा सकते हैं। हमारे अस्पताल कानपुर, रेवाड़ी, काशीपुर, वाराणसी, सोनीपत, पानीपत, कुरुक्षेत्र, दिल्ली में नांगलोई और रामा विहार, कैथल, बहादुरगढ़, करनाल, मुरादाबाद, हल्द्वानी और आगरा में मौजूद हैं।

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