
पेट इन्फेक्शन (stomach infection) से बचने के 6 घरेलू उपाय
By Kriti Ujala Cygnus
Reviewed by : Jalaz Jain
March 27, 2023
पेट का संक्रमण (stomach infection) होने पर डॉक्टर्स आपके लक्षण के हिसाब से शारीरिक परीक्षण करते हैं। स्टूल टेस्ट के ज़रिए डॉक्टर इस बात का पता लगाते हैं कि पेट का इंफेक्शन रोटावायरस या नोरोवायरस, किसकी वजह से हुआ है। आपको बता दें कि दूसरे वायरसों का पता लगाने के लिए किसी प्रकार का क्विक टेस्ट उपलब्ध नहीं है। कुछ मामलों में डॉक्टर आपको आपके मल का सैंपल जमा करने के लिए कह सकता है। इसकी मदद से वह बैक्टीरियल या पैरासाइटिक इंफेक्शन का पता लगाता है।
पेट के संक्रमण का इलाज
पेट में हुए वायरल इंफेक्शन के लिए कोई खास ट्रीटमेंट नहीं है। वायरल इंफेक्शन पर एंटीबायोटिक का असर नहीं होता है और अधिक मात्रा में इनका सेवन हानिकारक साबित हो सकता है। शुरूआती समय पर आप कुछ बातों का ध्यान रख, अपने पेट के संक्रमण को ठीक कर सकते हैं।
समस्या गंभीर हो तो इसे घरेलू उपाय से ठीक ना करें। आज ही 91466-91466 पर कॉल कर डॉक्टर से घर बैठे मुफ्त सलाह लें।
1.पेट के संक्रमण के घरेलू उपाय: पेट संक्रमण के घरेलू इलाज के दौरान आप शरीर में पानी की कमी ना होने दें। जितना हो सके आराम करें। इसके साथ ही आप नीचे दी गई बातों का भी ध्यान रखें:-
2.पेट को दें आराम: कुछ घंटो के लिए साबुत खाना ना खाएं
3.पानी पिएं: जितना हो सके उतना पानी पिएं। आप चाहें तो क्लियर सोडा भी पी सकते हैं। इसके अलावा आप बिना कैफीन वाली स्पोर्ट्स ड्रिंक भी पी सकते हैं।
4.सोच समझकर खाएं:
5.आराम करें: संक्रमण और पानी की कमी की वजह से शरीर में कमज़ोरी आ जाती है। इसलिए जितना हो सके आराम करें।
6.दवाइयों का रखें ध्यान: इब्यूप्रोफेन या अन्य दवाइयों का अत्याधिक सेवन आपके पेट को और ज़्यादा खराब कर सकता है। एस्टामिनोफेन जैसी दवाओं से लिवर में दिक्कत आ सकती है। खासतौर से बच्चों को यह दवा सोच-समझकर दें। किसी भी तरह की दवा के सेवन करने के पहले डॉक्टर की सलाह लेना ना भूलें। आप हमारे डॉक्टर से 91466-91466 पर कॉल कर के मुफ्त में सलाह ले सकते हैं।
अगर बच्चे के पेट में संक्रमण हुआ है, तो उसके इलाज के लिए भी आपको कुछ बातों को ध्यान रखना है।
ध्यान रहे कि जब बच्चे के पेट में इंफेक्शन होता है, तो उसके शरीर में आई तरल पदार्थ और नमक की कमी को पूरा करना बहुत ज़रूरी होता है। ऐसा करने के लिए आप बच्चे को डॉक्टर द्वारा बताए गए घोल भी दे सकते हैं। घोल का इस्तेमाल कैसे करना है, यह आप अपने डॉक्टर से पूछ सकते हैं। बच्चे को सादा पानी ना दें। शिशु को सेब का जूस ना देनें का ध्यान रखें। ऐसा करने से दस्त और ज़्यादा खराब हो सकता है।
धीरे-धीरे अपने बच्चे को उसकी सामान्य डाइट देना शुरू करें। जो आसानी से पच सके वो खाना खिलाएं। इसमें आप टोस्ट, चावल, केला या आलू दे सकते हैं।
पेट का संक्रमण होने पर दूध से बनी हुई चीज़े ना दें। मीठी खाने की चीज़ों को भी देना नज़रअंदाज़ करें। अगर आप बच्चे को यह सब देते हैं, तो उसकी हालत और ज़्यादा खराब हो सकती है।
7.बच्चे को ज़्यादा से ज़्यादा आराम करने दें: बीमारी और पानी की कमी की वजह से बच्चा कमज़ोर हो सकता है इसलिए उसे ज़्यादा से ज़्यादा आराम करने दें।
बच्चे को एंटी डायरियल दवाई तब तक ना दें जब तक डॉक्टर आपको ऐसा करने की सलाह दे। आप 88569-88569 पर कॉल कर हमारे डॉक्टर से फ्री में सलाह ले सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
1.क्या बिना एंटीबायोटिक दवाओं के पेट का संक्रमण ठीक हो सकता है?
ज्यादातर मामलों में बैक्टीरियल इंफेक्शन बिना की इलाज के ठीक हो जाता है। हालांकि उल्टी और दस्त से डिहाइड्रेशन हो सकता है, इसलिए हाइड्रेटेड रहना जरूरी है। ऐसा आप घर पर रहकर अच्छी मात्रा में पदार्थ का सेवन करके कर सकते हैं।
2.क्या नींबू का रस पेट के संक्रमण के लिए अच्छा है?
नींबू का रस आंत की गंदगियों को साफ करने का एक बेहतरीन प्राकृतिक उपाय है। ऐसा करने से इंफेक्शन फैलाने वाले बैक्टीरिया साफ हो जाता हैं। साथ ही पेट की मरोड़, अकड़न, दर्द और भूख ना लगने जैसी समस्याएं भी सही होती है।
3.क्या पेट में संक्रमण गंभीर समस्या है?
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल संक्रमण बैक्टीरियल, वायरल या परजीवी हो सकते हैं। कारण कोई भी हो लक्षण लगभग एक जैसे होते हैं। लक्षणों में दस्त, पेट में ऐंठन, और मतली शामिल हैं। अधिकांश मामलों में संक्रमण अपने आप सही हो जाते हैं लेकिन यदि किसी व्यक्ति में पानी की ज़्यादा कमी है या समस्या ज़्यादा गंभीर है तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
4.क्या पेट दर्द के लिए शहद अच्छा है?
ऐतिहासिक काल से ही शहद का उपयोग दस्त और अल्सर जैसी पाचन समस्याओं को सही करने के लिए किया गया है। खाली पेट पर 1 से 2 चम्मच कच्चा शहद लेने से दर्द शांत होता है और उपचार प्रक्रिया में मदद मिलती है।
अगर आपको स्वास्थ्य संबंधी किसी प्रकार की समस्या है और आप सबसे अच्छे इलाज की तलाश में हैं, तो आज ही हमारे डॉक्टर से मुफ्त में सलाह लें। आप 91466-91466 पर कॉल कर सकते हैं। आप अपने नज़दीकी उजाला सिग्नस अस्पताल में अपना बेहतर और किफायती इलाज भी करवा सकते हैं। हमारे अस्पताल हल्द्वानी, आगरा, कुरुक्षेत्र, पानीपथ, सोनीपथ, करनाल, कैथल, काशीपुर, दिल्ली, रेवाड़ी, वाराणसी, बहादुरगढ़ और कानपुर में मौजूद हैं।
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