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कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) के लक्षण और बचाव के तरीके

By Kripal Negi

Reviewed by : Jalaz Jain

March 31, 2023

दुनिया में ऐसी बहुत सारी बीमारियां हैं, जिनका शिकार लोग अकसर हो जाते हैं। वहीं, इन बीमारियों से बचने के लिए एक अच्छा जीवनशैली अपनाते हैं जैसे-अच्छा भोजन करते हैं और साथ ही खुद को स्वस्थ रखने के लिए कई तरह के व्यायाम करते हैं। इसके बावजूद भी कई ऐसी बीमारियां हैं (cardiac arrest), जिनके बारे में सही से जानते तक नहीं हैं और ये हमें कब अपना शिकार बना लेती हैं, पता भी नहीं चलता है।

कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) भी एक ऐसी ही बीमारी है, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं, जिसमें दिल अचानक से धड़कना बंद हो सकता है और दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है। ऐसे में आइए जानते हैं कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) के लक्षण और बचाव के तरीकों के बारे में-

कार्डियक अरेस्‍ट क्या है? (What is cardiac arrest?)

कार्डियक अरेस्‍ट (cardiac arrest) का मतलब है अचानक दिल का काम करना बंद हो जाना। कार्डियक अरेस्‍ट (cardiac arrest) किसी लंबी या पुरानी बीमारी का हिस्‍सा नहीं है, इसलिए कार्डियक अरेस्‍ट (cardiac arrest) को दिल से जुड़ी बीमारियों में सबसे खतरनाक माना जाता है। लोग अकसर इसे दिल का दौरा पड़ना (heart attack) समझते हैं।

कार्डियक अरेस्ट के कारण (Cause of cardiac arrest)

शुगर, हाई ब्लडप्रेशर, हाई कोलेस्ट्रोल, स्मोकिंग, लेक ऑफ फ़ज़िकल एक्सरसाइज़, ओबेसिटी, खराब लाइफ़स्टाइल, तनाव कार्डियक अरेस्ट के मुख्य कारण हैं। इसके अलावा भी कोई अन्य समस्या कार्डियक अरेस्ट होने के कारण (cause of cardiac arrest) हैं।

कार्डियक अरेस्ट के लक्षण (Symptoms of cardiac arrest)

जब कार्डियक अरेस्ट आता है तो धड़कने बढ़ कर 300-400 तक हो जाती हैं। वहीं, ब्लड प्रेशर नीचे की ओर गिरने लगता है और दिल के फंक्शन में अनियमितता जाती है। नतीजतन शरीर के अन्य हिस्सों में ब्लड की सप्लाई नहीं हो पाती है। जिसमें व्यक्ति की मौत भी हो जाती है।

कार्डियक अरेस्‍ट का उपचार (Cardiac arrest treatment)

अगर किसी व्यक्ति को कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest ) आया है, तो सबसे पहले तो आपको अपने नजदीकी अस्पताल के आपातकालीन नंबर पर फोन करके मदद मांगनी है। वहीं, आपको तुरंत मरीज को सीपीआर देना चाहिए। गौरतलब है कि सीपीआर की मदद से भी मरीज की जान बचाई जा सकती है।

1.मरीज को सीपीआर कैसे दिया जाता है?

सीपीआर देने के लिए आपको सर्वप्रथम मरीज की छाती पर 30 बार दबाव डालना होता है। इस दौरान अपने दोनों हाथों को एक साथ बांधें और व्यक्ति की छाती के बीच में रखें। इसके बाद छाती के केंद्र यानी बीच में जोर से तेज धक्का दें। धक्का देते समय यह ध्यान दें कि छाती लगभग एक इंच अंदर की तरफ जाए। वहीं, इसे आपको एक मिनट में 100 बार की दर से दबाना है। इस दौरान ध्यान रहे कि कंप्रेशन के बीच छाती को पूरी तरह से ऊपर उठने दें। आपको सीपीआर तब तक देते रहना है, जब तक आपके पास मेडिकल सहायता पहुंच जाए।

अधिक जानकारी के लिए 9146691466 पर कॉल कर डॉक्टर से पाएं FREE सलाह

2.कार्डियक अरेस्‍ट से बचने के लिए क्या करें?

डॉ. मधुर जैन, कार्डियोलॉजिस्ट और न्यूरोलॉजिस्ट, उजाला सिग्नस अस्पताल, रेवाड़ी के मुताबिक, निम्नलिखित तरीकों से कार्डियक अरेस्ट से बचा जा सकता है-

  • कार्डियक अरेस्‍ट से बचने के लिए सबसे जरूरी है कि आप फिट रहें और स्वस्थ रहें।
  • अच्छा भोजन लें, जो पौष्टिक हो। वहीं, वह कम कार्बोहाइड्रेट और कम कोलेस्ट्रॉल वाला हो।
  • जंक और तैलीय खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें। वहीं, मीठे खाद्य पदार्थों का सेवन भी कम से कम करें या ही करें, तो बेहतर रहेगा, क्योंकि इनसे वजन बढ़ सकता है और हृदय रोगों के जोखिम को ये बढ़ा सकते हैं।
  • शराब और धूम्रपान अगर आप करते हैं, तो आज ही छोड़ दें, क्योंकि ये हृदय संबंधी परेशानियों (heart problems) को बढ़ाने का काम करते हैं।
  • शारीरिक गतिविधि जितना हो सके, उतना करें।
  • ये भी पढ़ें- सावधान: हार्ट अटैक के संकेत हो सकते हैं ये पांच लक्षण, भूलकर भी करें नजरअंदाज करने की गलती

    अकसर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

    1.हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में क्या अंतर है?

    जब किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आता है तो उसका हृदय बाकी शरीर के हिस्सों में खून का संचार करते रहता है लेकिन ऐसा कार्डियक अरेस्ट में नहीं होता और इसमें सांस नहीं आती है।

    2.कार्डियक अरेस्‍ट मतलब क्या होता है?

    कार्डियक अरेस्‍ट का मतलब (meaning of cardiac arrest) है अचानक से दिल का काम करना बंद हो जाना। वहीं, cardiac arrest कोई लंबी बीमारी का हिस्‍सा नहीं है इसलिए ये दिल से जुड़ी बीमारियों में सबसे खतरनाक माना जाता है।

    3.कार्डियक अरेस्‍ट खतरनाक क्‍यों है?

    दरअसल, कार्डियक अरेस्ट में दिल का ब्लड सर्कुलेशन पूरी तरह से बंद हो जाता है। दिल के अंदर वेंट्रीकुलर फाइब्रिलेशन पैदा हो जाने से इसका प्रभाव दिल की धड़कन पर पड़ता है। इसलिए कार्डियक अरेस्ट में कुछ ही मिनटों में मौत हो सकती है।

    कार्डियक अरेस्‍ट के इलाज के लिए मरीज को कार्डियोपल्मोनरी रेसस्टिसेशन (सीपीआर) दिया जाता है, ताकि मरीज की दिल की धड़कन को नियमित किया जा सके। इसके अलावा, कार्डियक अरेस्‍ट के मरीजों को ‘डिफाइब्रिलेटर’ से बिजली का झटका देकर हार्ट बीट को रेगुलर करने की कोशिश की जाती है।

    यदि आप कार्डियक अरेस्‍ट का कोई भी लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो नीचे दिए गए फॉर्म को भरें और हमारे एक्सपर्ट्स से सीधा संपर्क करें। इसके अलावा आप 9146691466 पर कॉल करके भी डॉक्टर से FREE सलाह पा सकते हैं।

    आप अपने नज़दीकी उजाला सिग्नस अस्पताल में अपना बेहतर और किफायती इलाज भी करवा सकते हैं। हमारे अस्पताल हल्द्वानी, आगरा, कुरुक्षेत्र, पानीपथ, सोनीपथ, करनाल, कैथल, काशीपुर, दिल्ली, रेवाड़ी, वाराणसी, बहादुरगढ़ और कानपुर में मौजूद है।

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