
जानें लिगामेंट्स इंजरी के कारण, लक्षण और इलाज
By Ujala Cygnus
Reviewed by : Jalaz Jain
March 31, 2023
Ligament injury: घुटनों के लिगामेंट घुटनों के जोड़ होते हैं। यह हड्डियों को आपस में जोड़कर रखते हैं जिससे उन्हें मजबूती मिलती है क्योंकि शरीर के ऊपरी हिस्सों का पूरा भार हमारे घुटने ही संभालते हैं जिसकी मदद से हम रोजमर्रा के काम करने में सक्षम हो पाते हैं लेकिन कई बार किसी दुर्घटना की वजह से लिगामेंट्स को चोट पहुंचती है और उनमें इंजरी हो जाती है और यह पीड़ित व्यक्ति को हमेशा हमेशा के लिए अलस्थ कर सकती है।
लिगामेंट्स इंजरी के कारण (Ligament injury symptoms)
घुटनों के लिगामेंट्स में चोट लगना अब आम बात है। पहले यह चोट ज्यादातर खिलाड़ियों में सुनने को मिलती थी लेकिन अब छोटे बच्चे भी इस इंजरी का शिकार हो जा रहे हैं जिसके कई कारण हैं-
लिगामेंट्स इंजरी के लक्षण
Knee ligament surgery: लिगामेंट में इंजरी होने के बाद सबसे आम लक्षण जो महसूस होता है वह है दर्द, लेकिन इसके अलावा भी कई ऐसे लक्षण है जिस पर लोग ध्यान नहीं देते और इंजरी और ज्यादा बढ़ जाती है। तो चलिए जानते हैं लिगामेंट्स में चोट लगने पर किस तरह के लक्षण महसूस किए जाते हैं।
अगर आपके घुटने में चोट लगी है और ऊपर बताए गए कोई लक्षण महसूस होते हैं तो जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लें। किसी भी तरह की लापरवाही ना करें क्योंकि ये गम्भीर लिगामेंट्स इंजरी के लक्षण हैं जो आपको हमेशा हमेशा के लिए घर बैठा सकते हैं।
लिगामेंट इंजरी का इलाज (Ligament injury treatment)
Knee ligaments: लिगामेंट्स में इंजरी के लिए सबसे उत्तम इलाज एलोपैथिक इलाज है, इसमें डॉक्टर आपकी समस्याओं पर गौर करते हैं और एक्स-रे करके अंदरुनी सभी दिक्कतों की पहचान करते हैं उसके बाद टीम मरीज का इलाज शुरू करती है।
1.एक्सरे
घुटनों के लिगामेंट्स में लगे चोट को सही तरीके से पहचानने के लिए डॉक्टर सबसे पहले एक्स-रे या एम आई आर करवाने की सलाह देते हैं इसकी रिपोर्ट आने के बाद यह साफ हो जाता है कि चोट किस तरह की है और कहां लगी है।
2.सुई का इस्तेमाल
कई बार लिगामेंट्स में चोट लगने के बाद घुटनों में सूजन और खून के थक्के बन जाते हैं जिसे निकालने के लिए डॉक्टर सुई का इस्तेमाल करते हैं। शुरुआती दौर में डॉक्टर केवल कुछ दर्द निवारक दवाइयों से ही इलाज करने की कोशिश करते हैं।
3.सर्जरी
आमतौर पर लिगामेंट इंजरी के इलाज में ऑपरेशन की नौबत नहीं आती है लेकिन स्थिति जब ज्यादा गंभीर हो जाती है और अंदरूनी चोट ज्यादा बढ़ जाती है तो ऐसी स्थिति में सर्जरी करने की सलाह दी जाती है।
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