Ujala Cygnus logo
Banner Image

रीढ़ में हो सकता है स्लिप डिस्क, कारण लक्षण और इलाज

By Ujala Cygnus

Reviewed by : Jalaz Jain

March 31, 2023

(Slip disc symptoms, reasons and treatment) आजकल लोगों की लाइफ स्टाइल गैजेट्स की तरह हो गई है। 24 घंटे में लोग 48 घंटे जितना काम निपटाने की कोशिश करते रहते हैं, इसी काम की गहमागहमी के बीच ज्यादातर लोग अपने लिए समय नहीं निकाल पाते जिसकी वजह से उनकी जिंदगी अस्त व्यस्त हो जाती है। नियमित रूप से शरीर की देखभाल करने की वजह से कई तरह के रोग हो जाते हैं जिसमें स्लिप डिस्क भी शामिल है। वैसे तो ये बीमारी ज्यादातर बुजुर्गों में ही देखने को मिलती है लेकिन आज की इस अस्त-व्यस्त जीवनशैली और गलत तरीके से उठने बैठने की वजह से युवाओं में भी स्लिप डिस्क की परेशानी देखने को मिल रही है जो वास्तव में एक चिंता का विषय है। (slip disc problem)

स्लिप डिस्क क्या है? (slip disc meaning in hindi)

हमारे शरीर में रीढ़ की हड्डी को सहारा देने के लिए और उसे किसी भी तरह के झटके और चोट से बचाने के लिए छोटी-छोटी गद्देदार डिस्क होती हैं जो की हड्डी को लचीला बना कर रखती हैं। जब ये छोटी-छोटी डिस्क किसी कारण से सूज जाती हैं या टूट जाती हैं तो इसे स्लिप डिस्क कहते हैं। कुछ लोगों का कहना होता है कि स्लिप डिस्क का मतलब डिस्क का अपनी जगह से फिसल जाना होता है लेकिन ऐसा नहीं है स्लिप डिस्क वो स्थिति होती है जिसमें छोटे छोटे डिस्क अपने निर्धारित जगह से आगे खिसक जाते हैं या फिर उनमें मौजूद ड्रव का रिसाव रीड की हड्डी में होने लगता है। (disc pain)

स्लिप डिस्क का कारण

(slip disc causes) स्लिप डिस्क होने के पीछे कई सारे कारण हैं जिनमें से कुछ आम कारण नीचे दिए गए हैं जैसे-

1.डिस्क का कमजोर होना

हमारी रीढ़ की हड्डी शरीर के ज्यादातर भार को बांटने का काम करती है और इसी रीढ़ की हड्डी को सपोर्ट देने के लिए छोटे-छोटे डिस्क होते हैं जो समय के साथ कमजोर होने लगते हैं। ज्यादा उम्र के लोगों में डिस्क की बाहरी परत कमजोर होने लगती है और उभार आने लगता है जिसकी वजह से हल्की सी भी चोट या झटका लगने पर स्लिप डिस्क की शिकायत हो जाती है। (weak disc in lower back)

2.चोट लगना

स्लिप डिस्क की परेशानी ज्यादातर चोट लगने की वजह से होती है। अगर आप जरूरत से ज्यादा क्षमता वाली चीजें उठाते हैं या गलत तरीके से उठते बैठते हैं तो इससे भी स्लिप डिस्क होने का खतरा रहता है। शायद आपको जानकर हैरानी होगी लेकिन अनबैलेंस तरीके से छींकने की वजह से भी स्लिप डिस्क हो सकता है।

3.डिस्क पर दबाव

चोट लगना, अचानक झटका लगना और किसी वस्तु को गलत ढंग से उठाने पर डिस्क के ऊपर दबाव पड़ता है जिसकी वजह से भी स्लिप डिस्क हो सकता है।

स्लिप डिस्क के लक्षण

(why slip disc happens) सबसे पहले तो आपको ये बता दें कि रीढ़ की हड्डी के किसी भी हिस्से में स्लिप डिस्क की परेशानी हो सकती है इसमें गर्दन से लेकर पीठ का हिस्सा भी शामिल है। तो चलिए जान लेते हैं कि स्लिप डिस्क को कैसे पहचाना जा सकता है-

  • शरीर के एक हिस्से में लगातार दर्द रहना
  • रात होते ही दर्द का अचानक से बढ़ जाना
  • खड़े होने पर या चलने पर दर्द का अधिक बढ़ जाना
  • डिस्क के हिस्सों में झनझनाहट और जलन महसूस होना
  • मांसपेशियों में कमजोरी लगना
  • स्लिप डिस्क का इलाज (disc problem treatment)

    स्लिप डिस्क का इलाज चोट की गंभीरता के आधार पर किया जाता है कई बार चोटें इतनी आम होती हैं कि घर में मालिश से ही ठीक हो जाती हैं तो कई बार इसके लिए अस्पताल तक के चक्कर लगाने पड़ते हैं।

    1.व्यायाम करना (slip disc exercise)

    स्लिप डिस्क को योग और व्यायाम से भी ठीक किया जा सकता है कुछ लोग डॉक्टर की सलाह से दर्द में आराम पाने के लिए कई तरह के एक्सरसाइज और व्यायाम करते हैं जिससे डिस्क और आसपास की मांसपेशियों को मजबूती मिल सके।

    2.दवाइयां

    कई बार कुछ दर्द निवारक दवाइयों से भी स्लिप डिस्क का इलाज किया जा सकता है इसके लिए आसपास मौजूद केमिस्ट से समस्या बताकर दर्द निवारक गोलियां ली जा सकती हैं और निर्धारित समय पर इसके सेवन से स्लिप डिस्क के दर्द में राहत मिल सकता है।

    इसके अलावा अगर ये दर्द निवारक दवाइयां आपके लक्षणों को काम नहीं करती हैं तो आप अपने डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं इस स्थिति में डॉक्टर मांसपेशियों के ऐंठन और डिस्क में हो रही दर्द को दूर करने के लिए कुछ और एंटीबायोटिक दवाइयां देते हैं जो तंत्रिका के दर्द के लिए काफी आरामदायक होती हैं।

    3.सर्जरी (slip disc surgery)

    अगर स्लिप डिस्क के लक्षण 6 सप्ताह से अधिक समय तक रहते हैं और तमाम तरह की दर्द निवारक दवाइयां और मालिश से भी ठीक नहीं होती हैं तो इस स्थिति में डॉक्टर सर्जरी करवाने की सलाह देते हैं। ऐसे में सर्जन डिस्क के क्षतिग्रस्त भाग को निकाल देता है।

    आपको बता दें कि जब मामला अधिक गंभीर होता है तो ऐसे में डॉक्टर आप की पहली क्षतिग्रस्त डिस्क को बदल देता है और नया कृतिम डिस्क लगा देता है जिससे दर्द में राहत मिलती है।

    Loading...

    Appointment icon
    Appointment
    Call Us icon
    Call Us
    Hospitals icon
    Hospitals
    Doctors icon
    Doctors
    Specialities icon
    Specialities
    book appointment button
    contact us button
    whatsapp button

    Share Your Feedback

    We value your opinion and would love to hear about your experience with us.

    Copyright ©2025 all rights reserved

    Powered by AST Consulting