
हर मर्ज़ की दवा नहीं है एंटीबायोटिक, डॉक्टर की सलाह बगैर इसे लेना हो सकता है ख़तरनाक
By Priyambda Sahay
Reviewed by : Ujala Cygnus
December 30, 2025
हर छोटी-मोटी खांसी या बुखार के लिए एंटीबायोटिक लेना, यह आजकल आम आदत बन गई है। लेकिन क्या आपको पता है कि प्रत्येक संक्रमण के लिए एंटीबायोटिक्स लेना ज़रूरी नहीं होता है।
जब हम बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक्स लेते हैं तो ठीक होने की जगह किसी दूसरी परेशानी को बुलावा दे रहे होते हैं। गैरजरूरी दवाओं के सेवन से बैक्टीरिया खत्म होने की जगह खुद को बदलने लगते हैं। इसे म्युटेशन कहते हैं। और बैक्टीरिया, सुपरबग्स में तब्दील हो जाते हैं। इन सुपरबग्स के इंफेक्शन का उपचार करना बहुत मुश्किल या कभी-कभी नामुमकिन हो जाता है। भविष्य में जब वास्तव में एंटीबायोटिक्स की ज़रूरत पड़ती है, तब वे दवाएं असर करना बंद कर देती हैं। इससे इलाज मुश्किल, लंबा और महंगा हो जाता है, और कभी-कभी जान को भी खतरा हो सकता है। इसलिए यह जरूरी है कि एंटीबायोटिक्स केवल डॉक्टर की सलाह पर लें, खुद से नहीं।
एंटीबायोटिक्स क्या हैं और ये कैसे काम करती हैं?
एंटीबायोटिक्स वे शक्तिशाली दवाएं हैं जिनका इस्तेमाल बैक्टीरिया से होने वाले संक्रमण (Bacterial Infection) को रोकने या खत्म करने के लिए किया जाता है। एंटीबायोटिक्स केवल बैक्टीरिया पर काम करते हैं, वायरस पर नहीं। यह पावरफुल दवाएं होती हैं जिनका इस्तेमाल मुख्य रुप से इंसानों और जानवरों में बैक्टीरियल इंफेक्शन का इलाद करने या उन्हें रोकने के लिए किया जाता है। ये बैक्टीरिया को मारकर या उन्हें बढ़ने और मल्टीप्लाई होने से रोकने का काम करती हैं, जिससे शरीर का इम्यून सिस्टम इंफेक्शन से लड़ पाता है।
इसलिए एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल हमेशा डॉक्टर की सलाह पर, सही खुराक और पूरी अवधि तक ही करना चाहिए। बीच में दवा बंद करना या खुद से दवा शुरू करना दोनों ही स्वास्थ्य के लिए गंभीर नुकसानदेह हो सकते हैं। यह समझना बेहद ज़रूरी है कि सर्दी-जुकाम, फ्लू, खांसी, वायरल बुखार, डेंगू, चिकनगुनिया या कोविड जैसे रोग वायरस के कारण होते हैं, जिनमें एंटीबायोटिक्स काम नहीं करतीं। ऐसे मामलों में एंटीबायोटिक्स लेना नुकसानदेह भी हो सकता है।
एंटीबायोटिक्स दो तरह से काम करती हैं:
बैक्टीरिया को सीधे मारकर।
उनकी ग्रोथ और मल्टीप्लाई होने की क्षमता को रोककर।
सबसे जरूरी बात: एंटीबायोटिक्स केवल बैक्टीरिया पर असर करती हैं, वायरस (Virus) पर नहीं।
एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल
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एंटीबायोटिक्स खास बैक्टीरियल इन्फेक्शन के लिए प्रिस्क्राइब की जाती हैं। ये वायरस के खिलाफ असरदार नहीं होतीं, जिनसे सामान्य सर्दी, फ्लू, या ज़्यादातर खांसी और गले में खराश जैसी बीमारियां होती हैं। डॉक्टर मनु महाजन (फिज़ीशियन, उजाला सिग्नस- उजाला हॉस्पिटल, काशीपुर) के मुताबिक एंटीबायोटिक्स का ज्यादा इस्तेमाल सेहत पर बुरा असर डाल सकता है।
उन्होंने एंटीबायोटिक्स के इस्तेमाल से जुड़े कई महत्वपूर्ण सवालों के जवाब भी दिये हैं।
1. हमें एंटीबायोटिक्स कब लेना चाहिए?
एंटीबायोटिक्स की जरूरत केवल बैक्टीरियल इंफेक्शन में होती हैं। जैसे- निमोनिया, गंभीर टॉन्सिलाइटिस, बैक्टीरियल साइनसाइटिस, यूरिनरी इंफेक्शन, सेक्सुअली ट्रांसमिटेड इंफेक्शन, मेनिंजाइटिस या टाइफाइड। यह कम लोग जानते हैं कि वायरल बुखार, सामान्य सर्दी जुकाम, मौसमी फ्लू या खांसी होने पर एंटीबायोटिक्स काम नहीं करता है। ऐसी स्थिति में एंटीबायोटिक्स खाने की गलती नहीं करें, यह डाक्टर को ही पता होता है कि किन सटीक दवाओं के जरिए इनका इलाज हो सकता है।
2. क्या हम एंटीबायोटिक्स के बगैर खुद को बीमारियों से बचा सकते हैं?
हर बीमारी में एंटीबायोटिक्स का सेवन जरूरी नहीं है। ज़्यादातर बीमारियाँ वायरल होती हैं और आराम करने, शरीर में पानी की पर्याप्त मात्रा, अच्छे न्यूट्रिशन और बीमारी के लक्षणों के इलाज से ठीक हो जाती हैं। एंटीबायोटिक्स हर बीमारी से बचाव की दवाएँ नहीं हैं।
3. लंबे समय तक एंटीबायोटिक इस्तेमाल करने के क्या साइड इफ़ेक्ट हो सकते हैं?
अगर हम बहुत लंबे समय तक एंटीबायोटिक्स इस्तेमाल करते हैं तो वे अच्छे गट बैक्टीरिया को खत्म कर सकते हैं। इससे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो सकती है और ये भविष्य में होने वाले इंफेक्शन का इलाज मुश्किल बना सकते हैं। इसके अलावा पेट खराब, एसिडिटी, लूज़ मोशन, फंगल इंफेक्शन, लिवर/किडनी में खिंचाव, एलर्जी और एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस जैसी स्वास्थ्य समस्याएं आ सकती हैं।
4. क्या एंटीबायोटिक्स लंबे समय तक हमारे इम्यून सिस्टम को कमज़ोर करते हैं?
नहीं, एंटीबायोटिक्स लंबे समय के लिए या हमेशा के लिए हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर नहीं कर सकते हैं। वे गट बैक्टीरिया पर असर डालकर कुछ समय के लिए इम्यूनिटी को खराब कर सकते हैं, लेकिन गट के ठीक होने पर इम्यूनिटी सामान्य हो जाती है।
5. एंटीबायोटिक्स के लंबे सेवन से प्रभावित इम्यून सिस्टम को कैसे ठीक किया जा सकता है?
ऐसी कई चीजें आपकी रसोई में ही मिल जाएंगी जो इम्युनिटी बढ़ाने का काम करती हैं। खासतौर पर दही, छाछ, फर्मेंटेड फ़ूड, और फल का नियमित सेवन करें। पर्याप्त पानी पीएं और पर्याप्त नींद लें। जंक फूड खाने से बचें और विशेषज्ञों की सलाह पर प्रोबायोटिक्स भी लें। यह एंटीबायोटिक्स से प्रभावित इम्यून सिस्टम को ठीक करने में मददगार साबित होंगे।
6. एंटीबायोटिक्स लेते समय हमें किन चीज़ों से बचना चाहिए?
एंटीबायोटिक्स लेने के दौरान शराब, मसालेदार खाना, भारी भोजन, खाने की खुराक कम कर देना, ज़्यादा पेनकिलर लेने और खुद से दवा लेने से बचें। यह एंटीबायोटिक्स के असर को प्रभावित कर सकता है। सबसे ज्यादा जरूरी है कि दवा के कोर्स को जरूर पूरा करें।
7. एंटीबायोटिक्स हमारे शरीर में कितने समय तक रहती हैं?
ज़्यादातर एंटीबायोटिक्स आखिरी खुराक के बाद शरीर में 12–72 घंटे तक रहती है। इसका पेट पर असर 2–7 दिनों तक रह सकता है।
8. एंटीबायोटिक्स के सामान्य साइड इफ़ेक्ट क्या हैं?
कुछ लोगों में जी मिचलाना, लूज मोशन, गैस, पेट फूलना, हल्का पेट दर्द और एलर्जिक रैशेज़ होने की समस्याएं आ सकती हैं। अगर ऐसी समस्याएं बढती हैं तो तत्काल डाक्टर की सलाह लें।
FAQ
1. बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक क्यों नहीं लेनी चाहिए?
बिना डॉक्टर की सलाह के एंटीबायोटिक लेने से दवाएं बेअसर हो सकती है। इसके साइड इफेक्ट हो सकते हैं। वास्तविक बीमारी छिप सकती है या फिर एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस बढ़ सकता है। किसी भी हाल में यह मरीजों के लिए ठीक नहीं है।
2 एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस क्या है?
जब बैक्टीरिया एंटीबायोटिक के खिलाफ मजबूत हो जाते हैं और दवा असर करना बंद कर देती है, इसे एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस कहते हैं। इससे इलाज मुश्किल हो जाता है।
3. क्या एंटीबायोटिक का कोर्स पूरा करना जरूरी है?
हाँ, एंटीबायोटिक का कोर्स पूरा करना जरूरी होता है। बीच में दवा छोड़ने से इंफेक्शन दोबारा होने का खतरा हो सकता है। बैक्टीरिया भी पूरी तरह खत्म नहीं होते और एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस का खतरा बढ़ता है।
4. क्या पुरानी बची हुई एंटीबायोटिक दोबारा ले सकते हैं?
नहीं, हमें पुरानी बची हुई दवाओं का सेवन नहीं करना चाहिए। यह जरूरी नहीं कि एक ही एंटीबायोटिक से दो अलग बीमारियों का इलाज हो जाए। यह बीमारी में नुकसान भी पहुंचा सकती है। दवाएं एक तय समय के बाद एक्सपायर भी हो जाती है। इसलिए पुरानी दवाओं का खुद से इस्तेमाल नहीं करें।
5. एंटीबायोटिक के साइड इफेक्ट क्या हो सकते हैं?
एंटीबायोटिक के कई साइड इफेक्ट जैसे- उल्टी या मिचली, दस्त, पेट दर्द, एलर्जी (रैश, सूजन, सांस लेने में दिक्कत) हो सकते हैं। अगर इनमें से कोई भी लक्षण दिखे या फिर इससे अलग कोई गंभीर लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
अगर आपके मन में भी एंटीबायोटिक के इस्तेमाल से जुड़ा कोई सवाल है, तो आप अपने नज़दीकी उजाला सिग्नस हॉस्पिटल में डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं या हमारे हेल्थ एक्सपर्ट्स से ईमेल askadoctor@ujalacygnus.com पर पूछ सकते हैं।
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