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सैनिटाइज़र से बेहतर है साबुन से हाथ धोना..जानें कैसे?

By Ujala Cygnus

Reviewed by : Jalaz Jain

April 10, 2023

Hand washing and health: कोरोना काल के आने से पहले हाथों को धोना लोग ज़रूरी नहीं समझते थे लेकिन कोरोना के आने के बाद हाथ धोना (Hand washing in corona) तो जैसे दिनचर्या का ज़रूरी काम बन गया हो। ऐसा इसलिए क्योंकि अन्य वायरस के जैसे कोरोना का वायरस भी हाथों के ज़रिये सबसे ज़्यादा फैलता है। लेकिन अभी भी कुछ लोग ऐसे हैं जो हाथ धोने जैसे छोटे से काम को नज़रअंदाज़ करते रहते हैं। ऐसे में आज ग्लोबल हैंडवॉशिंग डे (Global hand washing day 2020) के मौके पर हम आपको बताएंगे कि हाथों ना धोना कितना भारी पड़ सकता है।

सैनिटाइज़र से साबुन कैसे है बेहतर?

सैनिटाइज़र वो चीज़ है जिसे मार्च से पहले शायद ही देश की जनता अपने पास रखती हो या इस्तेमाल करती हो। गिने-चुने लोग ही पहले सैनिटाइज़र को अपने पास रखते थे लेकिन अब सबके पास मौजूद होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चिकित्सा विज्ञान यानी मेडिकल साइंस के मुताबिक हैंड सेनिटाइजर में अगर मौजूदा अल्कोहल 60 प्रतिशत (alcohol hand sanitizer) की मात्रा में है तो ठीक वरना साबुन से ही हाथ धोएं।

आपको बता दें कि हाथ धोने से आपके हाथों में अगर कोई संक्रमण लगा भी है तो वो निकल जाता है। लेकिन ये भी जान लीजिए कि सैनीटाइज़र (hand sanitizer) के मुकाबले  साबुन और गुनगुने पानी से हाथ धोना बेहतर माना जाता है।

हाथ धोने से बच सकती हैं लाखों जान

एक रिसर्च की माने तो भारत में 40 प्रतिशत लोग ऐसे हैं जो खाना खाने से पहले हाथों का धोना (hand washing before eating) ज़रूरी नहीं है। और आप ये जानकर हैरान हो जाएंगे कि इससे कई ज़्यादा लोग मल त्याग करने के बाद भी हाथ नहीं धोना ज़रूरी नहीं समझते हैं।  ऐसे में अगर सभी लोग हाथ धोने लगें तो हर साल लाखों लोगों की जान बच सकती है।

हाथों के इन्फेक्टेड होने पर अगर आप उन्हें नहीं धोते हैं तो जर्म्स और वायरस उन सब तक बड़ी आसानी से पहुँच सकते हैं जिनके आप सम्पर्क में आते हैं। इसके साथ, हाथ धोने की मदद से आप सास से संबंधित बीमारियों को भी रोका सकते हैं।  ख़ासतौर से जर्म्स और वायरस लिफ्ट के बटन, घर-टॉयलेट या बाथरूम के दरवाजे के हैंडल, नल की टोंटी, रेलिंग आदि से बड़े आसानी से आप तक पहुंच सकते हैं और आपको बीमार बना सकते हैं।

क्या आप जानते हैं कि एक ग्राम मानव मल में करोड़ों रोगाणु मौजूद रहते हैं?

नाक, मुंह और आंखों से रखें हाथों की दूरी

अगर आप चाहते हैं कि हाथों के ज़रिये आप तक किसी भी प्रकार का वायरस या जर्म्स ना पहुंचे तो आपको हाथ धोने के साथ  मुंह, नाक और आंखों तक बार-बार हाथ पहुंचाने की आदत भी छोड़नी होगी। क्योंकि अनजाने में आप हाथों के ज़रिये मुंह और आंखों तक संक्रमण पहुंचा सकते हैं। जिसके परिणाम स्वरुप आप  गंभीर रूप से बीमार पड़ सकते हैं।

हाथ न धोने से बढ़ता है पेट और त्वचा के संक्रमण का खतरा

हाथों को ना धोने से पेट और त्वचा का संक्रमण हो सकता है। पेट का संक्रमण गंदे दूषित पानी और इन्फेक्टेड हाथों के ज़रिये शरीर में पहुंचते हैं और आप  टायफाइड कॉलरा जैसी बड़ी बिमारियों के शिकार हो जाते हैं। वहीं त्वचा के इन्फेक्शन की बात करें तो स्टेफिलोक्कॉकस ऐसा बैक्टीरिया है जो शरीर की त्वचा और नथुनों में पाया जाता है। ऐसे में अगर स्टेफिलोक्कॉकस शरीर के किसी खुले घाव तक पहुंच जाए तो स्किन इन्फेक्शन होने का ख़तरा बढ़ जाता है।

इन बातों का रखें ख़्याल

  • खाने को खाने से पहले और बनाने से पहले हाथों को सैनीटाइज़ करें या अच्छे से धुलें।
  • कोरोना काल में भीड़ भाड़ वाली जगह जैसे  मॉल, रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड में जानें से बचें।
  • ये याद रखें कि जब भी टॉयलेट का इस्तेमाल करें तो  साबुन से हाथ ज़रूर धोएं।
  • छींकते वक़्त रूमाल का इस्तेमाल करें और छींकने के बाद हाथ धोएं।
  • सैनीटाइज़र का इस्तेमाल करते हैं तो ध्यान रहे कि आपका सैनीटाइज़र 60 प्रतिशत अल्कोहल की मात्रा वाला हो। अगर ऐसा नहीं है तो साबुन से ही हाथ धोना बेहतर विकल्प है।

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