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कैंसर के कई प्रकार (Types of Cancer) होते हैं। वहीं कैंसर की समस्या पिछले कुछ सालों में बहुत तेजी से बढ़ी है। नेशनल कैंसर इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2030 तक हर साल कैंसर से पीड़ित नए मरीजों की संख्या बढ़कर 23.6 लाख से अधिक हो सकती है, यही वजह है कि डॉक्टर सभी लोगों को कैंसर से बचाव के उपाय करते रहने की सलाह देते हैं।
ध्यान देने वाली बात यह है कि, लोगों में कैंसर का खतरा उनके जीवनशैली और आहार की गड़बड़ आदतों की वजह से पहले के तुलना में और अधिक हो गई है। हम प्रतिदिन जाने-अनजाने में कई ऐसी चीजें करते रहते हैं जो हमारे लिए कैंसर जैसे घातक रोग के जोखिम को बढ़ा सकती है। ऐसे में आइए आज कैंसर के प्रमुख प्रकार (Types of Cancer) जानते हैं-
आमतौर पर कैंसर के कई प्रकार (Types of Cancer) होते हैं। जो मानव शरीर के अलग-अलग अंगों को प्रभावित करते हैं। जिनमें ब्रेस्ट कैंसर, सर्वाइकल कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, ओरल कैंसर, गर्भाशय कैंसर, लंग कैंसर, पेट का कैंसर, ब्लड कैंसर, बोन कैंसर, अंडाशय कैंसर, लीवर कैंसर, योनि कैंसर, स्किन कैंसर, ब्रेन कैंसर, किडनी कैंसर और अंडकोष कैंसर आदि शामिल हैं। ऐसे में आइए आज इनके बारे में डिटेल में जानते हैं-
स्तन शरीर का एक अहम अंग है। वहीं, स्तन का काम अपने टिश्यू के जरिए दूध बनाना होता है। ये टिश्यू सूक्ष्म वाहिनियों द्वारा निप्पल से जुड़े होते हैं। वहीं ब्रेस्ट कैंसर होने पर महिलाओं के स्तन में एक गांठ बन जाती है जो समय के साथ-साथ बढ़ती है और काफी ज्यादा दर्द महसूस होता है।
किसी भी महिला को गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर यानी सर्वाइकल कैंसर तब होता है जब कोशिकाएं गर्भाशय ग्रीवा (प्रवेश द्वार) के अस्तर में असामान्य रूप से विकसित होती हैं जो निचले गर्भाशय की गर्दन या संकीर्ण भाग होता है।
यह समस्या पुरुषों को होता है। वहीं, प्रोस्टेट ग्लैंड यानी पीयूष ग्रंथि में होने वाला कैंसर प्रोस्टेट कैंसर कहलाता है। पीयूष ग्रंथि अखरोठ के आकार की एक ग्रंथि या ग्लैंड होती है। यह ग्रंथि शुक्राणुओं यानी स्पर्म को एनर्जी और फोर्स देती है। यानी इसे इस तरह से समझ सकते हैं कि पीयूष ग्रंथि शुक्राणुओं को भोजन और गति प्रदान करती है।
मुंह का कैंसर (ओरल कैंसर) किसी भी व्यक्ति को हो सकता है। वहीं, ओरल कैंसर मुंह या गले के ऊतकों में होता है। वहीं, ओरल कैंसर में होंठ, जीभ, गाल, मुंह के नीचे का हिस्सा, कठोर और नरम तालू, साइनस और गले के कैंसर शामिल हैं। बता दें कि सही समय पर इनका इलाज न किया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकते हैं!
गर्भाशय कैंसर ज्यादातर 60 साल की उम्र की महिलाओं में होता है। जोकि विभिन्न प्रकार के होते हैं।
लगातार खांसी, आवाज में बदलाव और वजन में गिरावट लंग कैंसर के लक्षण हो सकते हैं।
किसी भी व्यक्ति के शरीर में पेट का कैंसर कई सालों में विकसित होता है। यही वजह है कि शुरुआत में इसके लक्षण देखने को नहीं मिलते हैं। वहीं इसके सामान्य लक्षणों में भूख न लगना, वजन कम होना, पेट में दर्द, सीने में जलन, पाचन में गड़बड़ी, उबकाई, खून के साथ या बिना खून के उलटी आना, पेट में सूजन या मल में खून आना आदि शामिल हैं।
ल्यूकेमिया एक खून से जुड़ी गंभीर बीमारी है, जिसे ब्लड कैंसर भी कहा जाता है। जब किसी व्यक्ति को बल्ड कैंसर हो जाता है तो उसके शरीर में व्हाइट ब्लड सेल्स (सफेद रक्त कोशिकाओं) की संख्या असामान्य रूप से बढ़ जाती है।
बोन कैंसर दो प्रकार का होता है। प्राइमरी (प्राथमिक) बोन कैंसर में हड्डी की कोशिकाओं में कैंसर विकसित होता है। वहीं सेकेंडरी बोन कैंसर में कैंसर शरीर के किसी अन्य अंगों से फैलकर हड्डियों तक पहुंच जाता है।
यूटेरस यानी अंडाशय कैंसर में ओवरी में छोटे-छोटे सिस्ट बन जाती हैं। वहीं इनके होने के बाद गर्भधारण करने में महिलाओं को दिक्कत आती है। इसके अलावा अंडाशय में कैंसर होने पर गर्भाशय और ट्यूब्स डैमेज होने लगते हैं।
किसी भी व्यक्ति को लिवर कैंसर तब होता है जब लिवर कोशिकाओं के DNA में परिवर्तन होते हैं। DNA शरीर में हर रासायनिक प्रक्रिया के लिए निर्देश देते हैं। डीएनए में परिवर्तन आने की वजह से इन निर्देशों में परिवर्तन हो जाते हैं। इसका एक यह नतीजा भी हो सकता है कि कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर बढ़ना शुरू कर दें और अंततः एक ट्यूमर बन जाएं।
यह समस्या महिलाओं को होती है। वहीं, योनि कैंसर एक घातक ट्यूमर है जो योनि के ऊतकों में बनता है। 50 साल से अधिक उम्र के महिलाओं में योनि के कैंसर का खाता अधिक होता है, लेकिन योनि कैंसर किसी भी उम्र में, यहां तक कि बचपन में भी हो सकता है।
किसी भी व्यक्ति के शरीर में जब त्वचा की कोशिकाएँ (स्किन सेल) असमान्य रूप से बढ़ने लगे तो उसे स्किन कैंसर कहते है। स्कीन कैंसर कई प्रकार के होते है, ये आमतौर पर त्वचा के उन हिस्सो में होता है जो सूरज के किरणों के सम्पर्क में आते हैं। जैसे- चेहरा, गर्दन, और हाथ आदि।
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ब्रेन कैंसर, मस्तिष्क (ब्रेन) से शुरू होता है। वहीं, ब्रेन कैंसर मस्तिष्क की एक प्रकार की बीमारी है, जिसमें मस्तिष्क के ऊतकों में कैंसर कोशिकाएं (घातक कोशिकाएं) उत्पन्न होने लगती हैं जिससे शरीर के अन्य भागों में समस्याएं उत्पन्न होने लगती हैं।
किडनी कैंसर होने का प्रमुख वजहस्मोकिंग और मोटापा है, वहीं ज्यादा समय तक डायलिसिस होने पर भी कैंसर होने का खतरा बढ़त जाता है।
टेस्टिकुलर कैंसर (Testicular cancer) जिसे वृषण कैंसर या अंडकोष के कैंसर के नाम से जाना जाता है। यह बेहद खतरनाक बीमारी है। यह होने पर मरीज के जीवित रहने की संभावना काफी कम हो जाती है। वहीं यह बीमारी पुरुषों को होती है।
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One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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