Table of Contents
Toggle
नीलगिरी (Eucalyptus) का नाम आप सबने सुना होगा, हो सकता है आप में से कई लोगों ने इसका पेड़ (eucalyptus tree) भी देखा हो। लेकिन ऐसे लोग कम ही हैं जिन्हें नीलगिरी के फायदों के बारे में पता है। आपको बता दें कि नीलगिरी के पत्तों और तेल (eucalyptus oil)को हम त्वचा या अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के लिए लगा, खा व चबा खा सकते हैं।
अगर आप eucalyptus in hindi का जवाब ढूंढ रहे हैं तो आपको बता दें इसको नीलगिरी कहते हैं। eucalyptus oil in hindi को नीलगिरी का तेल कहते हैं।
नीलगिरी के पत्तों में कई तरह के केमिकल पाए जाते हैं। इन पत्तों के सेवन से शरीर में तरह-तरह का असप पड़ सकता है। रिसर्च की माने तो नीलगिरी के पत्ते बैक्टीरिया और फंगी से लड़ने में भी मदद करते हैं।
यह भी पढ़ें: एप्पल साइडर विनेगर देगा जोड़ों के दर्द में आराम
नीलगिरी के पत्तों का इस्तेमाल, अस्थमा, फ्लू, ब्रोंकाइटिस और अन्य स्वास्थ्य समस्याओं के इलाज के लिए किया जा सकता है। हालांकि इस बात का कोई वैज्ञानिक सबूत नहीं है। अगर आपकी स्वास्थ्य समस्याएं गभीर हैं तो इन्हें घरेलू नुस्खों से ठीक न करें। आज ही 91466-91466 पर हमारे डॉक्टर से मुफ्त में सलाह लें। आइए इस लेख में नीलगिरी के फायदों के बारे में जानते हैं।
बालों के लिए वरदान: अगर आप नीलगिरी के तेल (eucalyptus oil) का इस्तेमाल करते हैं तो आपके बाल मोटे व चमकदार बनते हैं। याद रखें कि नीलगिरी तेल का इस्तेमाल अधिक मात्रा में नहीं करना है। ऐसा करने से बालों की चमक जा सकती है। जब भी आप बालों में नीलगिरी तेल को लगाएं तब एक घंटे बाद बालों को शैंपू से अच्छी तरह से धो लें।
त्वचा पर मुहांसे, दाद, चिकन पॉक्स जैसे संक्रमण पर भी नीलगिरी तेल (eucalyptus oil) फायदेमंद है।
डायबिटिक मरीज़ों को नीलगिरी तेल (eucalyptus oil) का सेवन करना चाहिए। ऐसा करने से ब्लड शुगर लेवन कंट्रोल में रहता है। याद रहे कि इसका सेवन अधिक मात्रा में नहीं करना चाहिए।
तेज बुखार आने पर नीलगिरी तेल (eucalyptus oil) तापमान कम करने में मदद करता है। मार्केट में नीलगिरी तेल, फीवर ऑयल से भी जाना जाता है।
नीलगिरी तेल (eucalyptus oil) संक्रमण और जीवाणु से लड़ने की ताकत रखता है। अगर आपके दांतों में दर्द हैं, मसूड़ों में सूजन या दांतों में कीड़े लगने की समस्या है तो आप नीलगिरी तेल का इस्तेमाल कर सकते हैं।
अगर आपकी मांसपेशियों में दर्द रहता है तो नीलगिरी तेल का इस्तेमाल किसी वरदान से कम नहीं है। आपके शरीर में जहां भी दर्द हो, वहां पर नीलगिरी तेल (eucalyptus oil) को लगा का मालिश करें। इससे आपको दर्द से राहत मिल सकती है।
नीमोनिया पीढ़ित मरीज़ की छाती में अगर नीलगिरी तेल को लगाया जाए तो फेफड़ों की सूजन कम होती है। ऐसा इसलिए क्योंकि नीलगिरी के तेल में एंटीसेप्टिक व एंटीवायरल गुण होते हैं।
पथरी होने पर भयानक दर्द होता है। ऐसे में अगर दर्द वाली जगह पर नीलगिरी तेल लगाया जाए तो दर्द से थोड़ी राहत मिल सकती है। याद रहे कि अगर दर्द गंभीर है तो तेल से राहत नहीं मिल रही है तो डॉक्टर से सलाह लें। पथरी का दर्द होने पर आप हमारे डॉक्टर से मुफ्त में सलाह ले सकते हैं। डॉक्टर से बात करने के लिए 91466-91466 पर कॉल करें।
यह भी पढ़ें: बुखार के बाद दर्द से छुटकारा दिलाए ये 5 घरेलू इलाज
एक बात ध्यान रखें, नीलगिरी तेल के नुकसान भी होते हैं। कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें नीलगिरी तेल से एलर्जी होती है। ऐसे में इन लोगों को नीलगिरी तेल से दूर रहना चाहिए। इसी के साथ यह भी बता दें कि नीलगिरी तेल का अधिक सेवन सेहत के लिए नुकसानदायक होता है। इसलिए इसका उपयोग ज़्यादा ना करें। किसी भी समस्या के लिए अगर आप नीलगिरी तेल का इस्तेमाल कर रहे हैं तो पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें। आप 91466-91466 पर डॉक्टर से मुफ्त में सलाह ले सकते हैं।
अगर आपको किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या है तो आप 91466-91466 पर डॉक्टर से सलाह ले सकते हैं। इस नंबर पर आपको फ्री सलाह के साथ स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़ी जानकारी भी मिल सकती है।
जुखाम होने पर आप नाक के माध्यम से नीलगिरी के तेल को अंदर ले सकते हैं। याद रखें कि नीलगिरी तेल का ज़रा सा भी इस्तेमाल नुकसानदायक हो सकता है इसलिए इसका उपयोग करने से पहले डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।
पुदीना के समान, यूकेलिप्टस तेल का इस्तेमाल भी सोने में मदद कर सकता है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लामेंट्री गुण नाक और गले में मौजूद म्यूकस को साफ करते हैं जिससे सांस लेने का रास्ता खुल जाता है और बेहतर नींद आती है।
वैसे तो नीलगिरी का पौधा जानवरों और मनुष्यों के लिए ज़हरीला माना जाता है। ऐसे में सलह नीलगिरी को निगलने की सलाह नहीं दी जाती है। हालांकि, क्लीनिकल स्टडीज़ की माने तो नीलगिरी के तेल का इस्तेमाल कुछ हद तक किया जा सकता है। नीलगिरी के तेल में एंटीफंगल और एंटीसेप्टिक गुणों मौजूद होते हैं।
91466-91466 पर कॉल करें और डॉक्टर से स्वास्थ्य संबंधित सलाह लें, वो भी मुफ्त में।
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.