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मलेरिया मानसून में होने वाली एक गंभीर बीमारी है। मलेरिया का बुखार किसी भी उम्र के व्यक्ति को आसानी से हो सकता है। आमतौर पर ये हैप्लासमोडियम परजीवी के कारण होता है और इससे संक्रमित मादा एनोफेलीज (malaria mosquito) मच्छरों के काटने से ही मलेरिया (Malaria) रोग लोगों में फैलता है। ठंड लगना, सिर दर्द, गले में खराश, कमजोरी और जोडो़ं में दर्द आदि मलेरिया के गंभीर लक्षण हैं जिसका समय पर इलाज ज़रूरी होता है।
ज्यादात्तर लोग मलेरिया बुखार से निजात पाने के लिए खरेलू नुस्खों पर ज्यादा भरोसा करते हैं। क्योंकि दादी- नानी के समय से जो नुस्खे चले आ रहे हैं वो आज भी उतने ही कारगर हैं जितने पहले हुआ करते थे। तो चलिए जानते हैं मलेरिया से छुटकारा पाने में कौन-कौन से घरेलू नुस्खे ज्यादा फायदेमंद हैं-
अदरक तो कई मर्ज की दवा है। मलेरिया (Malaria) में भी अदरक फायदेमंद माना जाता है। एक इंच अदरक के टुकड़े में 2 चम्मच किशमिश डालकर उसे एक गिलास पानी में उबाल लें, जब ये मिश्रण उबलकर आधा बच जाए तो गुनगुना कर के दिन में 2 से 3 बार इसका सेवन करें।
तुलसी के पत्ते भी मलेरिया में फायदेमंद माने जाते हैं। 10 ग्राम तुलसी के पत्ते लें उसमें 7 से 8 काली मिर्च के दाने मिलाकर पीस लें इसमें थोड़ा शहद मिलाकर सुबह-शाम इसका सेवन करें। इससे बुखार में आराम मिलता है।
डेंगू और मलेरिया में लोग गिलोय (Home Remedies for Malaria) का काफी इस्तेमाल करते हैं ये संक्रमण को खत्म करने में मदद करता है। इसके लिए 30 से 40 ग्राम गिलोय को कूटकर पानी में मिलाकर रातभर के लिए छोड़ दें। सुबह उठकर इसे छान लें और दिन में 2 से 3 बार इसका सेवन करें।
अगर आप मलेरिया से पीड़ित हैं तो इसके लक्षणों को नजरअंदाज ना करें। 91466-91466 पर कॉल करें और तुरंत डॉक्टर से FREE सलाह लें।
नीम के पत्ते का जूस आपको मलेरिया से निजात पाने में मदद करेगा। इसके लिए आपको 3 से 4 नीम के पत्तों को 2 काली मिर्च के साथ पिसना है और थोड़े से पानी में मिलाकर उबालना है। उबले हुए पानी को सूती कपड़े की मदद से छानें और इसका सेवन करें।
दालचीनी में कई औषधीय गुण पाए जाते हैं ये एंटी-पैरासिटिक गुणों से भरपूर होता है जो मलेरिया में होने वाले दर्द से छुटाका दिलाने में मदद करता है। मलेरिया होने पर दालचीनी को पानी में उबालकर शहद के साथ इसका सेवन किया जा सकता है।
मलेरिया होने पर बुखार, सिर दर्द, उल्टी, ठंड लगना, थकान और चक्कर आने जैसी तकलीफें होती हैं।
मलेरिया का बुखार 3 से 5 दिनों तक रह सकता है। जिसमेंं बदन दर्द, थकान और उल्टी आदि जैसी तकलीखें भी महसूस होती हैं, इन्हे नजरअंदाज ना करें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।
ये भी पढ़ें – जानें मलेरिया के 4 मुख्य लक्षण
मलेरिया के चार प्रकार होते हैं जिसमें से भारत में दो प्रकार प्लाज्मोडियम, फाल्सीपेरम मलेरिया पाया जाता है, ये दोनों ही प्रकार के मलेरिया काफी खतरनाक होते हैं इसके मच्छर सूर्यास्त के बाद काटते हैं।
अगर आप मलेरिया से पीड़ित हैं तो इसके लक्षणों को नजरअंदाज ना करें। 9146691466 पर कॉल करें और तुरंत डॉक्टर स FREE सलाह लें।
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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