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Toggleगर्भावस्था के दौरान सफेद पानी आना एक बेहद ऐसा सामान्य सा लक्षण होता है जो कि हर महिला गर्भधारण के दौरान अनुभव करती है। इस लेख में इस विषय से जुड़े विभिन्न सवालों पर चर्चा की गई है गर्भावस्था के दौरान सफेद पानी का आना क्या होता है और साथ ही डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए। आइए इन सवालों के विषय मे विस्तार से जानते हैं।
योनि में स्राव का होना महिलाओं में स्वाभाविक रूप से होने वाली एक बेहद सामान्य सी स्थिति है, और साथ ही यह शरीर द्वारा योनि को साफ रखने और साथ ही चिकनाहट बनाए रखते हुए हानिकारक जीवाणुओं से लड़ने का भी एक तरीका होता है। इसके डिस्चार्ज में कुछ कोशिकाएं और बैक्टीरिया होता हैं और यह योनि, गर्भाशय और ग्रीवा द्वारा बनता है।
इस लिक्विड का रंग और साथ ही स्थिरता हरेक महिला में अलग अलग होती है, लेकिन सामान्य तौर पर देखा जाए तो यह पतले और साथ ही एकदम क्लियर होने से लेकर दूधिया सफेद या फिर ऑफ-व्हाइट लिक्विड तक भी हो सकती है। वहीं कुछ मामलों में देखा जाए तो इसके डिस्चार्ज में हल्की गंध भी हो सकती है, जो कि बेहद सामान्य सी बात है।
“ल्यूकोरिया” शब्द बेहद सामान्य पतले और हल्के-सुगंधित डिस्चार्ज की तरफ इशारा करता है जो कि महिलाएं उस दौरान अनुभव करती हैं। इस प्रकार कह सकते हैं कि डिस्चार्ज का होना प्रजनन वर्षों के दौरान बेहद आम होता है और यह आमतौर पर चिंता का कारण तो बिलकुल नहीं होता है।
हालांकि अगर आप खुजली या फिर जलन का अनुभव करते हैं तो यह एक बेहद असामान्य सा रंग होता जिसमें स्थिरता या फिर तेज गंध भी होती है। आपको बता दें कि यह एक संक्रमण के कारण भी हो सकता है और इसका मूल्यांकन डॉक्टर द्वारा जरूर किया जाना चाहिए|
वहीं मासिक धर्म चक्र के दौरान योनि से स्त्राव की गति और साथ ही आवृत्ति में परिवर्तन होना एक बेहद सामान्य सी बात है। प्रेग्नेंसी में डिस्चार्ज की मात्रा काफी अधिक बढ़ सकती है, जो कि प्रेग्नेंसी के शुरुआती दौर का भी संकेत हो सकता है।
आपको बता दें कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के योनि स्राव में काफी अधिक वृद्धि का अनुभव होना एक बेहद आम सी बात है और यह ज्यादातर मामलों में बिल्कुल सामान्य सी बात ही होती है। इस दौरान बढ़ा हुआ डिस्चार्ज शरीर के संक्रमण को रोकने और साथ ही स्वस्थ गर्भावस्था को बनाए रखने का भी एक प्राकृतिक तरीका होता है।
गर्भावस्था के दौरान आपके शरीर में उच्च एस्ट्रोजन का स्तर योनि स्राव में वृद्धि का भी कारण बन सकता है, जो कि आमतौर पर हरेक गुजरते महीने के साथ बढ़ता ही चला जाता है। देखा जाए तो यह सफेद या दुधिया या फिर हल्का पीला भी हो सकता है, और इसमें हल्की गंध भी हो सकती है या यह पूरी तरह गंधहीन होता है।
कई मामलों मे तो जैसे-जैसे डिलिवरी की नियत तारीख नजदीक आती जाती है, महिलाओं को उनके स्राव की स्थिरता के साथ साथ रंग में भी बदलाव दिखाई पड़ना एक सामान्य सी प्रक्रिया है। यह एक चिपचिपा, जेली जैसा और गुलाबी बलगम जैसा भी दिखाई दे सकता है जोकि यह संकेत देता है कि शरीर जन्म की तैयारी कर रहा है। और इसे “शो” के रूप में भी जाना जाता है जोकि पूरी तरह से सामान्य समझी जाती है।
जबकि गर्भावस्था के दौरान सफेद पानी के डिस्चार्ज होने में वृद्धि का होना एक बेहद सामान्य सी बात है और इसमें रंग, मात्रा, या फिर गंध में होने वाले किसी तरह के बदलाव पर ध्यान जरूर रखना चाहिए क्योंकि यह सेहत पर काफी अधिक प्रभाव डालता है।
अगर डिस्चार्ज होने के बाद खुजली, जलन, या फिर लालीपन बढ़ जाती है या फिर इसमें दुर्गंध आती है, तो फिर आप अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें है, क्योंकि यह इन्फेक्शन का भी कारण हो सकता है।
यह देखा गया है कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं के शरीर में कई तरह के परिवर्तन होते है और ऐसा ही एक परिवर्तन योनि में होने वाले स्राव के रूप में भी दिखाई पड़ता हैं। व्हाइट डिस्चार्ज योनि में होने वाला एक बेहद सामान्य सा स्राव है जो गर्भावस्था के दौरान होना बेहद आम माना जाता है।
गर्भावस्था की पहली तिमाही के दौरान तो योनि के ब्लड सर्कुलेशन के प्रवाह में भी काफी अधिक वृद्धि हो जाती है। सामान्य तौर पर एस्ट्रोजन के उच्च स्तर के कारण आपको सफेद पानी के स्राव में वृद्धि का भी अनुभव हो सकता है।
पानी का डिस्चार्ज होना योनि से मृत कोशिकाओं और साथ ही यह बैक्टीरिया को हटाने में भी मदद करता है। आपको यह गर्भाशय में प्रवेश करने से इन्फेक्शन को रोकने, गर्भाशय को अवरुद्ध करने के लिए एक श्लेष्म प्लग भी बनाने का काम करता है।
जैसे-जैसे गर्भावस्था का समय बढ़ता चला जाता है वैसे वैसे आप यह देख सकते हैं कि डिस्चार्ज की मात्रा भी काफी अधिक बढ़ जाती है। हालांकि देखा जाए तो गर्भावस्था के अंत में सफेद पानी का डिस्चार्ज होना और पेशाब के रिसाव के बीच अंतर करना आपको भ्रमित करने वाला कारण भी हो सकता है। प्रसव से पहले सप्ताह में डिस्चार्ज में गाढ़ा बलगम और साथ ही खून भी आ सकता है।
थ्रश कैंडिडा यीस्ट के कारण होने वाला एक सामान्य सा योनि संक्रमण माना जाता है, जोकि योनि में सूजन पैदा करने करता है। इसका परिणाम यह हो जाता है कि असामान्य रुप में योनि से स्राव भी हो सकता है, जो कि आमतौर पर सफेद होता है पर यह बदबूदार बिल्कुल नहीं होता है पर इस दौरान योनि के आसपास खुजली और जलन भी होती है।
देखा जाए तो गर्भावस्था के दौरान, हार्मोन के स्तर और साथी ही प्रतिरक्षा प्रणाली में परिवर्तन के कारण थ्रश के विकसित होने का खतरा भी काफी अधिक बढ़ सकता है। हालांकि देखा जाए तो इसका आसानी से ऐंटिफंगल दवा के साथ इलाज भी किया जाता है और इससे बच्चे या मां को किसी भी तरह का नुकसान नहीं होता है।
अगर आपको यह संदेह है तो फिर आपको थ्रश भी हो सकता है। आप बेहद सटीक निदान के लिए अपने डॉक्टर या फिर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से जरूर मिलें और उसकी सलाह को जरूर माने। आप उचित देखभाल और उपचार के साथ ही एक स्वस्थ गर्भावस्था और प्रसव भी सुनिश्चित कर सकते हैं।
गर्भाधारण के दौरान योनि स्राव में किसी भी बदलाव की निगरानी करना बेहद ही महत्वपूर्ण हो जाता है, क्योंकि इसी दौरान यह कई संभावित स्वास्थ्य समस्याओं का भी संकेत आपको दे सकता है। ऐसे ही कुछ संकेतों का जिक्र आगे किया गया है –
असामान्य रूप में डिस्चार्ज होना: अगर आपको होने वाला डिस्चार्ज पीला, ग्रे, हरा या फिर दुर्गंधयुक्त होता है, तो फिर यह संक्रमण का ही एक संकेत हो सकता है। इसके अतिरिक्त हो सकता है कि आप योनि क्षेत्र के आसपास खुजली, सूजन, या फिर लाली का भी अनुभव करते हों तो यह संक्रमण का भी एक संकेत आपको दे सकता है।
सफेद पानी की जगह खून का आना: अगर आप अपने डिस्चार्ज में किसी भी तरह का ब्लड सेल्स देखते हैं, तो फिर तुरंत आप अपने डॉक्टर या फिर दाई को जरूर दिखवाएं। यह किसी अन्य चीज का भी संकेत हो सकता है।
योनि से फैलने वाले संक्रमण (एसटीआई): एसटीआई असामान्य रूप से डिस्चार्ज होने का भी एक कारण जरूर हो सकता है और साथ ही यह गर्भावस्था के दौरान विभिन्न तरह के संभावित जोखिमों पर भी अधिक ध्यान देता है। अगर आपको किसी भी तरह का संदेह है कि आपको एसटीआई हो सकता है तो फिर आप अपना टेस्ट जरूर करवाएं और इलाज के लिए अपने डॉक्टर या फिर दाई से भी जरुर मिलें
अगर आप इनमें से किसी भी तरह के लक्षण का अनुभव करते हैं तो फिर आप जितनी जल्दी हो सके अपने डॉक्टर या फिर दाई को दोबारा भी दिखवायें क्योंकि वे गर्भावस्था के दौरान होने वाली संभावित जटिलता का भी संकेत आपको जरूर कर सकते हैं। नियमित रूप से की जाने वाली जांच-पड़ताल और साथ ही निगरानी के दौरान एक स्वस्थ गर्भावस्था के साथ साथ सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित कर सकती है।
जैसे-जैसे आपका शरीर प्रसव के लिए तैयार होता जाया है वैसे ही आपकी गर्भाशय ग्रीवा फैलना भी शुरू हो जाती और साथ ही गर्भाशय को बंद करने वाला म्यूकस प्लग भी उससे अलग हो जाता है जोकि योनि के माध्यम से बाहर आ जाएगा। यह एक इशारा होता है कि लेबर आसन्न हो सकता है और यह आमतौर पर गर्भावस्था के 37वें सप्ताह के बाद ही होता है। योनि स्राव के दौरान बलगम प्लग को लेकर भ्रमित होना भी आम बात है।
इस दौरान यह ध्यान रखना बेहद महत्वपूर्ण है कि योनि से होने वाला स्राव गर्भावस्था का ही एक सामान्य हिस्सा होता है, लेकिन यह बेहद पतला और आमतौर पर सफेद या फिर ऑफ-व्हाइट रंग का होता है। इसके उलट बलगम प्लग काफी मोटा होता है और इसमें लाल, भूरा या फिर गुलाबी रंग भी हो सकता है।
आप पहले ये जान लें कि गर्भवती महिलाओं में एक भ्रम भी होता है कि उनका योनि स्राव हो रहा है पर वह एमनियोटिक लिक्विड का भी रिसाव हो सकता है। एमनियोटिक लिक्विड बच्चे को घेरने का काम करता है और इसे चोट से बचाने और साथ ही गर्भनाल को निचोड़ने से बचाने के लिए भी एक कुशन के रूप में कार्य करता है।
वहीं जबकि कुछ गर्भवती महिलाओं में एमनियोटिक लिक्विड का रिसाव भी हो सकता है और इसे बेहद आसानी से योनि स्राव से अलग किया जा सकता है। एमनियोटिक लिक्विड आमतौर पर क्लियर या फिर लाल रंग का ही होता है और इसको अंडरवियर सोख सकता है। देखा जाए तो इसमें आमतौर पर एक मीठी गंध भी आती है पर इसके साथ वह गंधहीन भी हो सकता है। वहीं दूसरी ओर योनि में होनेवाला स्राव आमतौर पर सफेद या फिर हल्का पीला और साथ ही पतला होता है और इसमें हल्की गंध भी हो सकती है।
आप में से ही कुछ लोगों को गर्भावस्था के दौरान सफेद पानी का निकलना बहुत अधिक परेशान करने वाला भी हो सकता है, लेकिन योनि के स्वास्थ्य को सुनिश्चित करने के साथ साथ बेचैनी को कम करने के लिए भी आप कुछ कदम जरूर उठा सकती हैं। आइए इसके विषय में विस्तार से जानते हैं –
योनि स्वच्छता जरूर सुनिश्चित करें: गर्भ धारण के दौरान अच्छी योनि की स्वच्छता को बनाए रखना बेहद महत्वपूर्ण है। डच या फिर टैम्पोन के उपयोग से जरूर बचें, जो कि योनि के पीएच संतुलन को काफी अधिक बिगाड़ सकते हैं और साथ ही संक्रमण का भी कारण बन सकते हैं। इसके बजाय आप असंतुलित रूप में व्यक्तिगत देखभाल और स्वच्छता के उत्पादों का भी विकल्प चुनें।
ढीले अंडरवियर पहने– नमी के बनने को रोकने में मदद के लिए आप कपास जैसे हवादार कपड़े से बने अंडरवियर ही चुनें। आप पैंटी लाइनर्स डिस्चार्ज को अवशोषित करने और साथ ही अपने आपको तरोताजा महसूस कराने के लिए भी यह काफी उपयोगी भी हो सकते हैं।
जननांग को सुखाकर रखें : जननांग क्षेत्र की सफाई का ध्यान रखते समय, गर्म पानी और साथ ही हल्के साबुन का भी प्रयोग करें। गुदा से योनि में फैलने वाले बैक्टीरिया से स्वयं को बचाने के लिए हर बार आगे से पीछे की ओर सफाई जरूर करें। आप सफाई के बाद, नमी के निर्माण को रोकने के लिए उस क्षेत्र को अच्छी तरह से जरूर सुखा लें।
एक्स्ट्रा चीनी के सेवन से बचें: आपको बता दें कि अधिक चीनी खाने से इन्फेक्शन भी हो सकता है, जिससे कि गर्भावस्था के दौरान सफेद पानी के निकलने की संभावना काफी अधिक बढ़ जाती है। आप अपने शरीर में चीनी के सेवन को सीमित करने की कोशिश जरूर करें और साथ ही स्वस्थ, संतुलित आहार का ही सेवन करें।
आप इन कदमों के अलावा गर्भावस्था के दौरान अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता के संपर्क में रहना भी बेहद महत्वपूर्ण है। ये आपके लक्षणों की भी नियमित तौर पर निगरानी करते रहेंगे और साथ ही सफेद पानी के डिस्चार्ज करने के अलावा संबंधित मुद्दों के प्रबंधन पर भी और अधिक सलाह दे सकते हैं।
अगर आप अपने डिस्चार्ज में किसी भी बदलाव का अनुभव करते हैं तो फिर जैसे कि रंग या फिर गंध में बदलाव हो या फिर आपको कोई असुविधा या फिर खुजली होती है, तो तुरंत ही अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से जरूर परामर्श करें।
आपको बता दें कि कई महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान भी सफेद पानी के निकलने का अनुभव जरूर हो सकता है, और साह ही यह हार्मोनल परिवर्तनों के प्रति शरीर की प्रतिक्रिया का भी एक सामान्य सा हिस्सा होता है।
वहीं गर्भावस्था के बाद शरीर में योनि के स्राव का भी उत्पादन जारी रखेगा, लेकिन यह लगातार या फिर भारी नहीं हो सकता है। देखा जाए तो डिस्चार्ज की मात्रा और साथ ही स्थिरता भी एक महिला के मासिक धर्म के चक्र और साथ ही हार्मोनल उतार-चढ़ाव के आधार पर भी यह भिन्न भिन्न हो सकती है।
अगर आप गर्भावस्था के बाद अपने योनि स्राव के बारे में भी चिंतित हैं, तो फिर आपका अपने स्त्री रोग विशेषज्ञ या फिर स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से बात करना बेहद महत्वपूर्ण हो जाता है।
अंत में निष्कर्ष रूप में कहा जा सकता है कि गर्भावस्था के दौरान सफेद पानी का डिस्चार्ज होना महिलाओं में आम होता है क्योंकि ये प्रजनन योग्य बिल्कुल नहीं होते हैं और इसके बारे में आमतौर पर चिंता की कोई बात नहीं होती है। देखा जाए तो यह हार्मोनल परिवर्तनों के लिए एक बेहद प्राकृतिक प्रतिक्रिया ही होती है।
योनि क्षेत्र को स्वस्थ और स्वच्छ रखने के लिए भी यह आवश्यक है हालांकि योनि में होने वाले स्राव के रंग, या गंध में किसी भी बदलाव पर ध्यान देना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह कई अन्य स्वास्थ्य संबंधी चिंता का भी संकेत हो सकता है।
देखा जाए तो योनि में स्वच्छता को बनाए रखें और अगर आपको किसी भी तरह की कोई चिंता है तो फिर आप अपने स्वास्थ्य सेवा प्रदाता से परामर्श करना न भूलें। यह एक स्वस्थ गर्भावस्था और साथ ही प्रसवोत्तर अवधि सुनिश्चित करने में भी आपकी बहुत अधिक मदद कर सकता है।
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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