मुरादाबाद, 5th मई 2022:-27 वर्षीय पीड़ित महिला को लीवर की बीमारी थी जिसके कारण स्प्लीन (तिल्ली) 20 सेमी तक (नार्मल स्प्लीन (तिल्ली) 10 सेमी होती है) बढ़ गई थी। इंट्रावरिसाल ग्लू थेरेपी का उपयोग पीड़िता में किया गया था। इस थेरेपी के जरिये ब्लीडिंग वेसेल्स को ब्लॉक करने के लिए एंडोस्कोपिक ग्लू लगाया गया था।पीड़िता को लीवर की एक दुर्लभ बीमारी का डायग्नोसिस किया गया। इस बीमारी को नॉन-सिरोथिक पोर्टल हाइपरटेंशन (एनसीपीएच) कहा जाता है।
24 घंटे के भीतर पीड़िता की हालत में सुधार हुआ और अगले दिन ही उसे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया।उजाला सिग्नस ब्राइटस्टार हॉस्पिटल, मुरादाबाद के डॉक्टरों की एक टीम ने अपने हॉस्पिटल में एक मरीज का इलाज करके उसे नया जीवन प्रदान किया। पीड़िता को लीवर की एक दुर्लभ बीमारी थी। इस बीमारी की वजह से बड़े पैमाने पर ऊपरी गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल (जीआई) ब्लीडिंग होने से हॉस्पिटल में लाया गया था। उजाला सिग्नस ब्राइटस्टार हॉस्पिटल के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी– कंसल्टेंट, डॉ. वाहिद अकबर और उनकी टीम ने पीड़िता की जांच की। जांच में पता चला कि उसके लीवर में समस्या थी। इस वजह से पीड़िता का स्प्लीन (तिल्ली) जोकि सामान्य रूप से 10 सेमी होना चाहिए वह बढ़कर 20 सेमी हो गया था।
इस केस में एक और समस्या यह थी कि पीड़िता एनीमिक थी, इसलिए डॉक्टरों के सामने ब्लीडिंग को रोकना एक कठिन चुनौती थी। लेकिन तमाम प्रयासों को करने के बाद वे मरीज का इलाज करने में सफल रहे। इलाज के अगले ही दिन उसे हॉस्पिटल से डिस्चार्ज कर दिया गया। 27 वर्षीय पीड़िता श्रीमती कौर को 3 अप्रैल को सुबह 3:34 बजे उत्तर प्रदेश के रामपुर से मुरादाबाद लाया गया था। रामपुर से मुरादाबाद की दूरी 28 किमी है। पीड़िता का पिछले 3 साल से कई अस्पतालों में इलाज चल रहा था, लेकिन कोई स्पष्ट डायग्नोसिस नहीं हो पा रहा था।
पीड़िता को एमआईसीयू में बचाया गया और उसे टेरलीप्रेसिन दिया गया। टेरलीप्रेसिन, इसोफेजियल वेरिसिस से ब्लीडिंग के इलाज में इस्तेमाल की जाने वाली दवा है। एक एंडोस्कोपी की गई। एंडोस्कोपी में पेट में ब्लीडिंग का पता चला।
उजाला सिग्नस ब्राइटस्टार हॉस्पिटल, मुरादाबाद के मैनेजमेंट ने कहा, “पीड़िता बहुत ज्यादा ब्लीडिंग के साथ हमारे हॉस्पिटल में आई थी। यहाँ पर हमें पता चला कि वह एनीमिक भी थी। इलाज में हमने फंडल वेरिक्स के इलाज के लिए इंट्रावेसिकल ग्लू थेरेपी के साथ एंडोस्कोपी किया। हमने ब्लीडिंग वेसेल्स को ब्लॉक करने के लिए एंडोक्रिल इंजेक्शन के माध्यम से एंडोस्कोपिक ग्लू लगाया। इससे काफी फायदा हुआ। 24 घंटे के अन्दर मरीज की स्थिति में सुधार हुआ और अगले दिन ही महिला को हॉस्पिटल्स से डिस्चार्ज कर दिया गया। हमें खुशी है कि पीड़िता को हमारी मेडिकल टीम से समय पर और संतोषजनक हेल्थकेयर और मैनेजमेंट की सुविधा मिल पायी।“
मैनेजमेंट के बयान में आगे कहा गया, “इस तरह की एडवांस एंडोस्कोपिक इलाज दिल्ली जैसे मेट्रो शहरों में उपलब्ध रहते थे, लेकिन अब ये हमारे हॉस्पिटल में भी उपलब्ध हैं, इसलिए मुरादाबाद या उसके आस–पास के मरीजों को इतनी दूर जाने की जरुरत नहीं है। हमारे हॉस्पिटल में ही लोग ऐसी दुर्लभ बीमारियों के लिए गुणवत्तापूर्ण इलाज प्राप्त कर सकते हैं।“
पीड़िता को लीवर की एक दुर्लभ बीमारी का डायग्नोसिस किया गया। इस दुर्लभ बीमारी को नॉन–सिरोथिक पोर्टल हाइपरटेंशन (एनसीपीएच) कहा जाता है। यह लीवर डिसऑर्डर के एक विषम समूह को दर्शाता है। यह मुख्य रूप से लीवर वैस्कुलर सिस्टम को प्रभावित करता है। इन डिसऑर्डर को ब्लड फ्लो के रजिस्टेंस की साइट के आधार पर शारीरिक रूप से क्लासीफाइड किया जाता है।
स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेसिलिस्ट की मल्टी–डिस्प्लनीरी टीमों से लैस उजाला सिग्नस ब्राइटस्टार हॉस्पिटल, मुरादाबाद का गैस्ट्रोएंटरोलॉजी डिपार्टमेंट सभी गंभीर परिस्थितियों में चौबीसों घंटे सहायता प्रदान करता है। हॉस्पिटल में एक अत्याधुनिक ऑपरेशन थियेटर भी है जिसमें इमरजेंसी सर्जरी के साथ–साथ अन्य प्रक्रियाओं को अंजाम दिया जाता है। इसके अलावा गैस्ट्रोएंटरोलॉजी फैसिलिटी को अनुभवी और सक्षम डॉक्टरों की एक टीम द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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