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कार्डिएक (Cardiac Arrest) अरेस्ट और हार्ट अटैक (Heart Attack and Cardiac Arrest) दोनों एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं। वहीं, ये समस्याएं किसी भी वक्त व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकती हैं। ज्यादातर लोग इन दोनों स्थितियों को लेकर भ्रमित रहते हैं। कुछ लोग इसे एक ही समझते हैं तो कुछ अलग। ऐसे में आइए हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट (cardiac arrest and heart attack) के बीच के अंतर के बारे में जानते हैं।
दरअसल, कार्डिएक अरेस्ट और हार्ट अटैक दोनों ही समस्याएं पीड़ित व्यक्ति के एक ही अंग को प्रभावित करती हैं, लेकिन इनके लक्षण, कारण और उपचार आदि एक दूसरे से बिल्कुल अलग हैं। बता दें कि दिल का दौरा यानि हार्ट अटैक तब होता है जब हृदय रक्त को पंप करने में विफल रहता है, जबकि कार्डियक अरेस्ट हृदय की एक खराबी है। इसे समझने के लिए, हमें पहले इन स्थितियों के पीछे के सटीक कारण और इससे जुड़े हर छोटे तथ्य को समझना ज़रुरी है जिससे हार्ट अटैक (cardiac arrest and heart attack) और कार्डिएक अरेस्ट के बीच अंतर के बारे में स्पष्ट जानकारी प्राप्त हो सके।
यह जानने के लिए कि हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) में क्या अंतर है, आपको यह समझना होगा कि ये स्थितियां कैसी दिखाई देती हैं। कार्डिएक अरेस्ट एक ऐसी घटना है जो तब होती है जब दिल धड़कना बंद कर देता है या अचानक धड़कना शुरू कर देता है, जिसके बाद हृदय (cardiac arrest meaning) की रक्त पंप करने की क्रिया मस्तिष्क, फेफड़ों और अन्य अंगों तक जम जाती है। यदि रक्त संचार अचानक कुछ सेकंड के लिए भी बंद हो जाता है, तो कार्डियक अरेस्ट घातक भी हो सकता है, और रोगी अपनी नब्ज खो सकते हैं और बेहोश हो सकते हैं।
अगर आप ऐसी किसी भी समस्या से पीड़ित हैं या हार्ट अटैक व कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) के लक्षणों को महसूस कर रहे हैं तो बिना देर किए तुरंत 9146691466 पर कॉल करें और घर बैठे डॉक्टर से FREE सलाह लें।
इसके विपरीत, कोरोनरी धमनियों में रुकावट के कारण दिल का दौरा पड़ता है क्योंकि ये ऑक्सीजन युक्त रक्त प्रवाह को हृदय (cardiac arrest meaning) में ले जाने के लिए जिम्मेदार होते हैं। जब कोई धमनी अवरुद्ध हो जाती है, तो इस रुकावट को दूर करना जटिल हो जाता है और इसके परिणामस्वरूप प्रभावित क्षेत्र धीरे-धीरे मरने लगता है। हालांकि कार्डिएक अरेस्ट (cardiac arrest and heart attack) में दिल धड़कना बंद नहीं करता, लेकिन अगर समय पर इस पर ध्यान न दिया जाए तो यह जानलेवा भी हो सकता है।
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अब लक्षणों की बात करें तो कार्डिएक अरेस्ट (cardiac arrest symptoms) और हार्ट अटैक इन दोनों स्थितियों में एक जैसे लक्षण दिखाई देते हैं। शुरुआती कार्डियक अरेस्ट के लक्षणों में सांस लेने में कठिनाई, चक्कर आना, कमजोरी, सीने में दर्द और यहां तक कि जी मिचलाना भी शामिल है। इसके अलावा कुछ सेकंड के लिए, कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest symptoms) को सहन करने वाले मरीज़ अपनी सांस खो देते हैं।
वहीं, हार्ट अटैक के शुरुआती लक्षण कार्डिएक अरेस्ट (difference between heart attack and cardiac arrest) से थोड़े अलग होते हैं। इस स्थिति में ज्यादातर चिंता, हल्का सिरदर्द, बीमारी, कमजोर और सीने में थोड़ा दर्द महसूस होता है। जब दिल का दौरा शुरू होता है, तो व्यक्ति को खाँसी, घरघराहट शुरू हो सकती है और अत्यधिक पसीने के साथ सीने में असहजता भी महसूस हो सकती है।
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कार्डिएक अरेस्ट (cardiac arrest) ज्यादातर कई कारणों जैसे अधिक शराब का सेवन, इलेक्ट्रोक्यूशन, रक्तचाप में गिरावट, नशीली दवाओं के उपयोग और अन्य कारणों से होता है।
हालांकि, धूम्रपान करने वालों में दिल का दौरा आमतौर पर अधिक होता है। मोटे या वृद्ध वयस्कों को उच्च रक्तचाप है या वे मधुमेह से पीड़ित हैं तो उन्हे भी हार्ट अटैक का खतरा हो सकता है। इतना ही नहीं, जो लोग अस्वस्थ जीवन शैली जीते हैं, हृदय रोग (heart attack) का पारिवारिक इतिहास हो या उच्च कोलेस्ट्रॉल है, उन्हें भी दिल का दौरा पड़ने का अधिक खतरा होता है।
कार्डियक अरेस्ट (cardiac arrest) और हार्ट अटैक में क्या अंतर है, इसकी तुलना करते समय हर किसी को पता होना चाहिए कि कार्डियक अरेस्ट से पीड़ित किसी भी व्यक्ति के बचने की पूरी संभावना तब होती है जब वो समय रहते डॉक्टर के पास चला जाए। हालांकि, कार्डिएक अरेस्ट होने के तुरंत बाद कार्डियोपल्मोनरी रिससिटेशन (सीपीआर) किया जाना चाहिए। सीपीआर को तब तक जारी रखा जाना चाहिए जब तक कि व्यक्ति बेहतर महसूस ना करने लग जाए।
एईडी एक ऐसा उपकरण है जो दिल को बिजली का झटका देता है। ये दिल की धड़कन संतुलित करने में भी मदद करता है। हार्ट अटैक पड़ने के बाद पीड़ित व्यक्ति के शरीर के भीतर काफी क्षति पहुंचती है इसके ज्यादातर मामलों में मरीज को बचाना मुश्किल हो जाता है। इसलिए यदि आपको दिल का दौरा पड़ने के शुरुआती लक्षण दिखते हैं तो बिना देर किए जल्द से जल्द अस्पताल जाना चाहिए।
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कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक के बीच का अंतर जानकर आप हैरान हो सकते हैं। दरअसल ये दोनों एक दूसरे से जुड़ी हुई स्थिति है। यदि किसी को भी दिल का दौरा पड़ा है तो उसे ठीक होने के दौरान अचानक कार्डियक अरेस्ट आ सकता है। इसके अलावा, दिल के दौरे से अचानक कार्डियक अरेस्ट की संभावना बढ़ सकती है, लेकिन ज्यादातर हार्ट अटैक से अचानक कार्डिएक अरेस्ट (cardiac arrest vs heart attack) की स्थिति पैदा नहीं होती है।
दिल का दौरा (heart attack) और कार्डियक अरेस्ट के बारे में जानने के बाद हर किसी को ये पता होना चाहिए कि ये बेहद खतरनाक है। इस जानलेवा घटना से बचने के लिए स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं साथ ही व्यायाम करना और स्वस्थ भोजन खाना भी ज़रुरी है। दिल का दौरा या कार्डियक अरेस्ट होने की संभावना को कम करने के लिए व्यक्ति को धूम्रपान, तनाव, मोटापा, कोलेस्ट्रॉल और मधुमेह जैसी आदतों को खत्म करना होगा। समय समय पर डॉक्टर से चेकअप करवाते रहें।
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One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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