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देश में पिछले कई दिनों से कोविड-19 (Covid-19) के मामलों में लगातार कमी देखने को मिल रही है। वहीं, चीन, हांगकांग और ब्रिटेन जैसे देशों में इस कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। इसी बीच देश में कुछ ऐसे मामले मिले हैं जिनसे डेल्टाक्रॉन वेरिएंट (Deltacron Variant) के संकेत मिले हैं। हालांकि, अभी स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से डेल्टाक्रॉन वेरिएंट को लेकर कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अमेरिका और इजरायल में पहले ही डेल्टाक्रॉन वेरिएंट (Deltacron Variant) की पहचान हो चुकी है। वहीं, अब भारत में भी इसके आने के संकेत मिले हैं। उधर, डबल्यूएचओ (WHO) का कहना है कि डेल्टा और ओमिक्रॉन का रिकॉम्बिनेंट वायरस फैल रहा है और इसका सर्कुलेशन तेजी से हो सकता है।
ऐसे में अब आपके मन में यह सवाल उठ रहा होगा कि कोविड-19 की तीन लहर का सामना कर चुके भारत के लिए क्या Deltacron Variant चिंता का बड़ा वजह बन सकता है? क्या डेल्टाक्रॉन वेरिएंट की वजह से देश में संक्रमण की चौथी लहर आने की संभावना है? लेकिन इन सभी सवालों का जवाब का आने वाले समय में ही पता चल पाएगा …
डेल्टाक्रॉन वेरिएंट (Deltacron Variant), एक हाइब्रिड वेरिएंट (Hybrid Variant) है, जिसका नाम BA.1 + B.1.617.2 है। वहीं, यह डेल्टा (Delta) और ओमिक्रोन वेरिएंट (Omicron Variant) से मिलकर बना है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, डेल्टाक्रॉन वेरिएंट का जीन सीक्वेंस पहले के वेरिएंट के सीक्वेंस से बिलकुल अलग है। वहीं, पिछले साल तक ज्यादातर वेरिएंट का जेनेटिक सीक्वेंस डेल्टा वेरिएंट जैसा ही था।
कोरोनावायरस की बाहरी सतह पर उपर की तरफ मुकुट की तरह एक संरचना होती है, मुकुट की तरह बनी इस संरचना को ही स्पाइक प्रोटीन (Spike Protein) कहा जाता है। इसी Spike Protein की वजह से किसी भी व्यक्ति में संक्रमण की शुरुआत होती है।
नेशनल हेल्थ सर्विस के मुताबिक, डेल्टाक्रॉन वेरिएंट (Deltacron Variant) के लक्षण वैसे ही हैं, जैसे कि पिछली कोविड-19 महामारी में थे। ध्यान देने वाली बात यह है कि डेल्टा को कोरोना का अब तक का सबसे घातक रूप माना जाता है और डेल्टाक्रॉन, ओमिक्रॉन और डेल्टा के रिकॉम्बिनेशन से बना है। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति इससे संक्रमित होता है, तो संक्रमित व्यक्ति को कुछ हल्के और कुछ गंभीर लक्षण महसूस हो सकते हैं।
डेल्टाक्रॉन पर किए गए अध्ययन के मुताबिक, डेल्टाक्रॉन वेरिएंट के 2 प्रमुख लक्षण (Symptoms of Deltachron Variants) चक्कर आना और थकान हैं, जो कि संक्रमित होने के 2-3 दिन के अंदर महसूस होने लगते हैं। वहीं, मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, डेल्टाक्रॉन का असर (Effect of Deltacrown) नाक से ज्यादा पेट पर हो रहा है। पेट पर इसके प्रभाव की वजह से रोगी को मतली, दस्त, उल्टी, पेट में दर्द, जलन, सूजन और डाइजेसन जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
यदि आप सेहत से संबंधित किसी भी समस्या से जूझ रहे हैं, तो आप 88569-88569 पर कॉल करके डॉक्टर से FREE सलाह ले सकते हैं।
डेल्टाक्रॉन वेरिएंट (Deltacron Variant), एक हाइब्रिड वेरिएंट (Hybrid Variant) है, जिसका नाम BA.1 + B.1.617.2 है। वहीं, यह डेल्टा (Delta) और ओमिक्रोन वेरिएंट (Omicron Variant) से मिलकर बना है।
वैज्ञानिकों को अभी डेल्टाक्रॉन के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं है। और अब तक यह भी जानकारी नहीं मिली है कि यह अन्य वेरिएंट से कितना अलग है। चूंकि यह आस-पास के कई देशों में पाया गया है, इसलिए संभावना है कि डेल्टाक्रॉन अभी आगे भी फैल सकता है। लेकिन फिलहाल यूरोप में ओमिक्रॉन का प्रभाव ज्यादा है, इसलिए अभी भी हमें ओमिक्रॉन पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता है।
यदि आप सेहत से संबंधित किसी भी समस्या से जूझ रहे हैं, तो आप 91466-91466 पर कॉल करके डॉक्टर से FREE सलाह ले सकते हैं। आप अपने नज़दीकी उजाला सिग्नस अस्पताल में अपना बेहतर और किफायती इलाज भी करवा सकते हैं। हमारे अस्पताल हल्द्वानी, आगरा, कुरुक्षेत्र, पानीपथ, सोनीपथ, करनाल, कैथल, काशीपुर, दिल्ली, रेवाड़ी, वाराणसी, बहादुरगढ़ और कानपुर में मौजूद हैं।
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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