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डायबिटीज उन बीमारियों मे से एक है जो आपके जान-पहचान में से किसी ना किसी को ज़रूर अपना शिकार बनाती है। शोध की माने तो भारत में 77 करोड़ लोग डायबिटीज (diabetes patients in india) से जूझ रहे हैं। डायबिटीज को लेकर ज़ब देश और दुनिया का हाल इतना खराब है तो समझदारी इसी में है कि आप इस बीमारी से जुड़ी ज़रूरी बातें जैसे डायबिटीज होती क्या है, इसके लक्षण क्या है और इससे बचने का तरीका क्या है, के बारे में जान लीजिए। इस लेख में आप इन सभी बातों के बारे में जानेंगे।
डायबिटीज़ असल में है क्या (diabetes meaning) इसे सीधी और सरल भाषा में जानना बहुत ज़रूरी है। तो आपको बता दें कि डायबिटीज़ एक ऐसी कंडीशन है जिसमें ब्लड शुगर लेवल काफी ज़्यादा बढ़ जाता है (what level of blood sugar is dangerous) और अनियंत्रित हो जाता है। इस अवस्था में शरीर में ग्लूकोज़ की मात्रा बढ़ जाती है। आपको बता दें कि ब्लड शुगर लेवल तब बढ़ता है जब इन्सुलिन की कमी हो जाती है। अब आप सोच रहे होंगे कि इन्सुलिन क्या है? तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इन्सुलिन एक हार्मोन होता है जो पाचन से बनता है। इन्सुलिन की मदद से खाना ऊर्जा के रूप में बदलता है।
डायबिटीज तीन प्रकार की होती हैं। एक टाइप 1 डायबिटीज, टाइप 2 डायबिटीज और जेस्टेशनल डायबिटीज़
टाइप 1 डायबिटीज (type 1 diabetes ) में शरीर में इनसुलिन बनना बंद हो जाता है। इस कंडीशन में मरीज़ को बाहर से इन्सुलिन देनी पड़ती है। इस टाइप की डायबिटीज को इन्सुलिन डिपेंडेंट डायबिटीज मेलिटस IDDM भी कहते हैं।
टाइप 2 डायबिटीज में शरीर के सेल्स यानी कोशिकाओं का निर्माण तो हो रहा होता है लेकिन इन पर इनसुलिन की कोई प्रतिक्रिया नहीं होती है। इसे नॉन इन्सुलिन डिपेंडेंट डायबिटीज मेलिटस NIDDM भी कहते हैं।
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जिसके लक्षण शुरुआती स्टेज पर ही दिखने लगते हैं। लेकिन आमतौर पर डायबिटीज का मरीज़ पहले चरण में इन छोटे लक्षणों (diabetes ke lakshan kya kya hai) को नज़रअंदाज़ करने लगता है जिसके परिणाम स्वरुप उसे डायबिटीज का शिकार होना पड़ता है। अगर नीचे बताए जाने वाले लक्षणों (pre diabetes lakshan in hindi) में से आप ज़्यादातर लक्षणों (diabetes ke lakshan bataen) का सामना करें तो डॉक्टर से सम्पर्क करने में देरी ना करें और तुरंत इलाज करवाएं। आप उजाला सिग्नस के एक्सपर्ट्स से बात कर के भी सलाह ले सकते हैं और अपॉइंटमेंट बुक सकते हैं।
डाक्टर्स ने इस चीज़ की पुष्टि अभी तक नहीं कि है आखिर टाइप 1 डायबिटीज़ असल में किस वजह से होता है लेकिन ऐसा माना जाता है कि इम्यून सिस्टम पैनक्रियास में मौजूद इंसुलिन बनाने वाली कोशिकाओं पर आक्रमण करता है और इसी वजह से टाइप 1 डायबिटीज़ हो जाती है। हालांकि कुछ लोगों में वांशिक कारण भी टाइप 1 डायबिटीज़ होने के पीछे की वजह है।
टाइप 2 डायबिटीज़ के कारणों की बात करें तो इसमें वांशिक और जीवनशैली दोनों शामिल है। ज़रूरत से ज़्यादा वजन होना, मोटापे का शिकार होना भी आपको टाइप 2 डायबिटीज़ से आपको ग्रस्त कर सकता है। अधिक वजन के साथ जीना, खासतौर पर बेली यानी तोंद पर ज्यादा वजन होने से ब्लड शुगर की मात्रा बढ़ जाती है।
जब भी कोई महिला गर्भवती होती है तो उसके शरीर में कई सारे हार्मोनल चेंजस होते हैं। और इन्हीं हार्मोनल परिवर्तनों की वजह से गर्भवती महिला को डायबिटीज़ हो सकता है। महिलाओं के शरीर में मौजूद नाल उस हार्मोन को बनाता है जो कोशिकाओं को इंसुलिन के प्रभाव के प्रति कम संवेदनशील बनाता है। जिसकी वजह से गर्भावस्था के दौरान हाई ब्लड शुगर लेवल हो जाता है। ऐसे में वो महिलाएं गर्भवस्थाके दौरान अधिक वजन वाली होती हैं या जो अपनी गर्भावस्था के दौरान बहुत अधिक वजन प्राप्त करती हैं, उनमें जेस्टेशनल डायबिटीज़ होने की संभावना बढ़ जाती है।
टाइप 1 डायबिटीज़ में इंसुलिन को मुख्य उपचार माना जाता है। इंसुलिन भी 4 प्रकार में दी जाती हैं।
आमतौर पर टाइप 2 डायबिटीज़ होने पर आहार के बदलाव से भी आपको आराम मिल सकता है इसके अलावा व्यायाम भी कुछ लोगों को टाइप 2 डायबिटीज़ का इलाज करने में मदद करता है। लेकिन अगर खान-पान और जीवनशैली में परिवर्तन करने के बाद भी ब्लड शुगर लेवल पर असर नहीं पड़ रहा तोआपको दवा लेने की आवश्यकता होगी।
आपको भी अगर डायबिटीज़ की समस्या है या आप दवाईयों के बारे में जानकारी लेना चाहते हैं तो नीचे दिए गए अपाइंटमेंट बटन को ज़रूर दबाएं और उजाला सिग्नस के एक्सपर्ट से सलाह पाएं।
प्रेग्नेंट है तो आपको दिन में कई बार अपना ब्लड शुगर लेवल जांच ना होगा अगर आपका ब्लड शुगर लेवल ज्यादा है तो आहार में बदलाव जीवन शैली में बदलाव या व्यायाम करने से ही नीचे नहीं आएगा इसके लिए आपको इंसुलिन का प्रयोग करना पड़ेगा किसी भी प्रकार का इलाज करने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर सलाह लें।
तो ये था डायबिटीज़ के बारे में डिटेल्ड आर्टिकल। अगर आप भी डायबिटीज़ के लक्षणों का सामना कर रहे हैं या डायबिटीज़ का इलाज करवाना चाहते हैं तो आज ही उजाला सिग्नस अस्पताल के एक्सपर्ट से बात करने के लिए नीचे दिए गए बुक अपाइंटमेंट बटन ज़रूर दबाएं।
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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