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ज्यादातर लोग हार्ट फेलियर (heart failure) और हार्ट अटैक (heart attack) को एक ही समझते हैं। भले ही दोनों दिल से जुड़ी हुई जानलेवा स्थिति है, लेकिन दोनों में काफी अंतर है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, हार्ट फेलियर (दिल का फेल होना) स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा हो सकता है, लेकिन यह दिल का दौरा पड़ने से ज्यादा खतरनाक नहीं है। ऐसे में आइए आज विस्तार से हार्ट अटैक और हार्ट फेलियर के बीच अंतर(difference between heart attack and heart failure), लक्षण, कारण और बचाव के उपाय के बारे में जानते हैं-
दिल का फेल (हार्ट फेलियर) होना वह होता है जिसमें हार्ट उतना ब्लड पंप नहीं कर पाता है जितना हमारे शरीर को जरूरत होती है। वहीं, हार्ट अटैक (heart attack) दूसरी अवस्था है। इसमें कोरोनरी धमनी में रक्त प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। हृदय के मांसपेशियों को रक्त की आपूर्ति बंद हो जाती है या बुरी तरह कम हो जाती है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, हार्ट फेलियर (heart failure) हार्ट अटैक से ज्यादा खतरनाक नहीं होता है, क्योंकि यह किडनी, लिवर आदि में कोई असर नहीं डालता है।
हार्ट अटैक (heart attack) खून के जमने की वजह से होता है, जो करनरी आर्टरीज (खून की नलियां) में होता है। खून के जमने की वजह से खून के बहने में रुकावट आ जाती है, जिससे दिल तक खून और ऑक्सीज़न नहीं पहुंच पाता है। वहीं, हार्ट फेलियर (heart failure) होने का कोई एक वजह नहीं है। यह अलग-अलग बीमारियों की वजह से भी हो सकता है। हेल्थ एक्सपर्ट के मुताबिक, हार्ट फेलियर करनरी आर्टरी डीजीज, डायबीटीज मेलिटस, हाइपरटेंशन, अरिदमिया और दिल की अन्य बीमारियों की वजह से भी हो सकता है।
अगर बात हम हार्ट अटैक की लक्षण (heart attack symptoms) की करें तो जब किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक आता है तो इस स्थिति में व्यक्ति को सीने में दर्द और जलन, हाथ, गले और जबड़े में दर्द होता है। इसके अलावा उसे सांस लेने में काफी तकलीफ, उल्टी और चक्कर आने की संभावना भी हो सकती है।
वहीं, हार्ट फेलियर का प्रारंभिक लक्षण (heart failure symptoms) थकावट व सांस फूलना है। इससे चलना-फिरना, सीढ़ी चढ़ना, और सामान ढोने की रोजना की गतिविधियां प्रभावित होती हैं। हार्ट फेलियर के चेतावनी संकेतों में सांस फूलना, खांसी या घरघराहट, शरीर के ऊतकों में अत्यधिक तरल जमा होना, थकावट, एड़ियों, पैर या पेट में सूजन, मिचली आना, बदहजमी तथा हृदय गति का बढ़ना है।
हार्ट अटैक के बाद दिल को सामान्य बनाया जा सकता है। इसके लिए आर्टरी से ब्लॉकेज को हटाना होता है। वहीं, हार्ट फेलियर के बाद दिल की स्थिति में दिल को सामान्य बनाना मुश्किल काम है। बीएलके सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल नई दिल्ली के कार्डियोलॉजी विभाग के अध्यक्ष सुभाष चंद्रा के मुताबिक, अभी तक हार्ट फेलियर का कोई इलाज नहीं है, लेकिन एक कमजोर हृदय को और कमजोर होने से रोकने के उपाय जरूर हैं।
वहीं, इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट मुंबई के नानावती सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में कार्यरत सलील शिरोडकर के मुताबिक, उच्च रक्तचाप पर नियंत्रण, चिकित्सकों से नियमित तौर पर परामर्श, धूम्रपान से दूर रहना, शराब का कम से कम सेवन, उपयुक्त आहार के साथ जीवनशैली में बदलाव, रोजाना व्यायाम जैसे कुछ उपाय हैं, जो हार्ट फेलियर से बचाते हैं।
नियमित व्यायाम न केवल आपके दिल को स्वस्थ रखने में मदद करता है, बल्कि कई रोग से हुमारे शरीर को दूर रखते हैं। दिन में कम से कम 30 मिनट के लिए कोई भी व्यायाम करें या आप कम से कम 30 मिनट के लिए पार्क जा सकते हैं। ऐसा करने से आप अतिरिक्त वसा जलाएंगे और आपका कोलेस्ट्रॉल स्तर भी नियंत्रित रहेगा।
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हार्ट अटैक के लक्षणों को आप इस तरह पहचान सकते हैं. सीने में दर्द- सीने में दबाव, दिल के बीचों बीच कसाव, शरीर के दूसरे हिस्सों में दर्द, जबड़े, गर्दन, पीठ और पेट की ओर जाता हुआ महसूस हो.
हार्ट फेल होने की समस्या लगातार गंभीर होती रहती है, जिसमें समय के साथ दिल की मांसपेशियां कठोर होने लगती हैं और दिल सही से ब्लड पंप नहीं कर पाता है. जिससे शरीर के कई मुख्य अंगों के लिए ऑक्सीजन और पोषण की मिलने वाली मात्रा सीमित हो जाती है.
अखरोट एक सुपर फूड है, अगर आप नियमित रूप से अखरोट का सेवन करते हैं तो हृदय रोग होने की संभावना बेहद कम हो जाती है। इसके अलावा, अलसी के बीज, बादाम, टमाटर, गाजर, पालक, अंडे आदि का सेवन भी कर सकते हैं।
यदि आप हार्ट फेलियर और हार्ट अटैक के कोई भी लक्षण महसूस कर रहे हैं, तो नीचे दिए गए फॉर्म को भरें और हमारे डॉक्टर से सीधा संपर्क करें। इसके अलावा, आप 91466-91466 पर कॉल करके भी एक्सपर्ट्स से FREE सलाह ले सकते हैं।
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One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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