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अनियमित जीवनशैली और खानपान में लापरवाही के कारण अक्सर लोग कई तरह की बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। इन्ही बीमारियों में से एक है हार्ट से जुड़ी बीमारियां। आजकल लोगों में हार्ट संबंधित समस्याएं काफी देखी जा रही हैं, इतनी ही नहीं समय और मौसम में बदलाव के साथ-साथ हार्ट मरीजों की तकलीफें और अधिक बढ़ जाती हैं। इस तरह की छोटी-छोटी दिक्कतें किसी भी समय हार्ट अटैक (heart attack) को ट्रिगर कर सकती हैं।
जब शरीर की नसों में खून का प्रवाह सुचारु रूप से नहीं हो पाता है तो ऐसे में खून जमने की समस्या या क्लॉटिंग होना शुरू हो जाती है। इस क्लॉटिंग की वजह से खून हृदय तक पहुँचने में असमर्थ होता है। इसी के साथ हृदय को ऑक्सीजन मिलनी बंद हो जाती है। यह स्थिति हार्ट अटैक (heart attack) की होती है।
हार्ट मरीज़ों को अपनी सेहत का खास ध्यान रखना पड़ता है। खासकर सर्दियों में हार्ट अटैक की समस्या ज्यादा बढ़ जाती है ऐसे में जो लोग बुजुर्ग हैं या जिनकी लाइफस्टाइल खराब है उन्हे दिल का दौरा पड़ने का खतरा रहता है। तो चलिए जानते हैं किन कारणों से हार्ट अटैक की स्थिति पैदा होती है-
हार्ट अटैक (heart attack) पड़ने का सबसे बड़ा कारण अधिक उम्र है। पुरुषों में 45 साल और महिलाओं में 55 साल की उम्र के बाद हृदय संबंधित बीमारियां होना काफी आम है। ऐसे लोगों को अपने स्वास्थ्य का कफी ध्यान रखना पड़ता है।
जो लोग हमेशा तनाव में रहते हैं, या मानसिक रुप से परेशान रहते हैं उन्हे भी दिल का दौरा पड़ने का खतरा रहता है। शायद आपको सुनकर हैरानी हो लेकिन मानसिक स्थिति काफी हद तक हृदय को नुकसान पहुँच सकती है।
कुछ लोग नशे (heart attack causes ) के काफी शौकीन होते हैं। आजकल तो युवा पीढ़ी में धूम्रपान व शराब का काफी चलन हो गया है जिसकी वजह से वो कम उम्र में ही कई सारी बीमारियों के शिकार हो जाते हैं। एक शोध के अनुसार जो लोग तंबाकू, शराब और सिगरेट जैसे नशीले पदार्थ का सेवन अधिक करते हैं उनमें हार्ट संबंधित बीमारियां होने का खतरा दोगुना बढ़ जाता है।
इतना ही नहीं जो लोग धुम्रपान करने वाले लोगों के साथ रहते हैं उन्हे भी हार्ट अटैक की संभावना रहती है। दरअसल सेकेंड हैंड स्मोक जैसे सिगरेट पीने वाले लोगों के द्वारा छोड़े गए स्मोक के धुएं से भी हार्ट अटैक का खतरा रहता है।
अगर आप हार्ट अटैक से संबंंधित किसी भी तरह के लक्षण महसूस कर रहे हैं तो तुरंत 91466-91466 पर कॉल करें और घर बैठे डॉक्टर से FREE सलाह लें।
शरीर का असंतुलित वजन ना केवल हार्ट अटैक (heart attack causes ) बल्कि और भी हज़ारों बीमारियों का कारण बनता है। किसी भी व्यक्ति के शरीर में फैट या वसा की मात्रा संतुलित होनी चाहिए। वैसे तो वसा शरीर के लिए ज़रुरी है क्योंकि ये हमें काम करने के लिए ऊर्जा देती है लेकिन जब ये अधिक मात्रा में हो जाता है तो नसों के किनारों पर जम जाता है, जिसकी वजह से नसें ब्लॉक होने लगती हैं और रक्त का प्रवाह रुर जाता है। ऐसी स्थिति हार्ट अटैक का कारण बनती है।
पारिवारिक इतिहास हार्ट संबंधित बीमारियों का सबसे बड़ा कारण है। अगर आपके परिवार में पहले से किसी को हार्ट संबंधित बीमारी है या कभी दिल का दौरा पड़ा है तो अगली पीढ़ी को भी ये खतरा हो सकता है। लेकिन बता दें कि हरेक व्यक्ति इस समस्या का शिकार हो ऐसा ज़रुरी नहीं है लेकिन काफी मामलों में अनुवांशिक कारणों से हार्ट संबंधित समस्या हो जाती है। ऐसे लोगों को पहले से ही अपनी सेहत का खास ध्यान रखना चाहिए जिससे बाद में हृदय से जुड़ी दिक्कतें ना हो।
हार्ट अटैक का सबसे आम लक्षण है सीने में दर्द या छाती में किसी भी तरह की परेशानी होना। आमतौर पर लोग हार्ट अटैक को सीने में दर्द से ही पहचानते हैं लेकिन इसके अलावा भी हार्ट अटैक आने से पहले हमारा शरीर कई तरह के संकेत देता है जैसे-
हार्ट अटैक (Heart attack symptoms)आने से पहले लोगों के शरीर में दर्द का अहसास होता है। इस दौरान सीने में दर्द, बेचैनी और बाएं हाथों में दर्द महसूस होता है। इस स्थिति को बिल्कुल भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए, जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए।
अगर आपको बैठे-बैठे या रास्ते में कहीं भी अचानक से ठंडा पसीना आने लगे और आप पसीने से तरबतर (heart attack symptoms in hindi) हो जाएं तो इसे बिल्कुल भी अनदेखा ना करें। खासकर तब जब आपको पता है कि आप हृदय रोग से पीड़ित हैं।
अगर आप हार्ट अटैक से संबंंधित किसी भी तरह के लक्षण महसूस कर रहे हैं तो तुरंत 91466-91466 पर कॉल करें और घर बैठे डॉक्टर से FREE सलाह लें।
वैसे तो केवल चक्कर आना हार्ट अटैक के लक्षण नहीं होते हैं क्योंकि चक्कर कई कारणों से आ सकता है जैसे ज्यादा व्रत करना, पेट खाली होनना और डिहाइड्रेशन आदि। लेकिन अगर आफको चक्कर (Heart attack symptoms) आने के साथ साथ सीने में बेचैनी या किसी भी तरह की असहजता महसूस होती है तो ये हार्ट अटैक के ही संकेत होते हैं। रिसर्च के अनुसार ये लक्षण महिलाओं में ज्यादा देखे जाते हैं।
दिल की धड़कन का असामान्य होना भी हार्ट अटैक के लक्षण (heart attack symptoms in hindi) हो सकते हैं। लेकिन जो लोग अत्यधिक कैफीन का सेवन करते हैं उनकी नींद में कमी आ जाती है और ऐसे लोगों के दिल का असामान्य होना कॉमन माना जाता है। लेकिन फिर भी अगर आपको लगे कि आपका दिल सामान्य नहीं है या तेज़ी से धड़क (signs of a heart attack) रहा है तो बिना देर किए तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए।
वैसे तो ठंड के मौसम में सर्दी खांसी और जुकाम (Heart attack symptoms) होना काफी आम बात है। इसके अलावा जिन लोगं की रोग प्रतिरोदक क्षमता कमजोर होती है उनमें भी इस तरह के वायरल बोर-बार देखे जाते हैं, ऐसे लोगों को हल्का सा मौसम में बदलाव भी बर्दाश नहीं होता और वो बीमार पड़ जाते हैं। लेकिन हम आपको बता दें कि अगर आपका फ्लू ठीक नहीं होता है तो ये खतरे की घंटी हो सकती है। अगर आप उनमें से एक हैं जिसका सर्दी-खांसी और जुकाम (heart attack symptoms in hindi) कभी ठीक नहीं होता है या लंबे समय तक रहता है तो बिना देर किए सबसे पहले अपने बलगम की जांच करवाएं।
अगर किसी व्यक्ति को हार्ट अटैक के लक्षण महसूस हो तो उसे तुरंत घर कके बाकी लोगों को आगाह करना चाहिए। इस स्थिति में किसी भी तरह के घरेलू उपाय (how to prevent heart attack) करने के बजाय जल्द से जल्द डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए या अस्पताल जाना चाहिए। ठंड के मौसम में हार्ट अटैक का का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है। अगर आप पहल से बीमार हैं या आपकी उम्र 50 वर्ष से अधिक है तो आपको ठंड से थोड़ा बचकर ही रहना चाहिए।
इसके अलावा हमें पहले से ही अपने हार्ट (heart attack treatment) को सुरक्षित और हेल्दी रखने की कोशिश करनी चाहिए जिससे हार्ट संबंधित बीमारियों का खतरा कम हो। हार्ट को हेल्दी रखने के लिए आफ साल्मन मछली, अलसी, अखरोट, सोयाबीन और बादाम आदि का सेवन कर सकते हैं। इसके अलावा कम तेल मसाले वाले भोजन भी हार्ट के लिए काफी फायदेमंद रहता है।
शायद आपको जानकर हैरानी होगी की एक्सरसाइज (heart attack treatment) और योगा आदि 80 प्रतिशत तक हार्ट अटैक के खतरे को कम कर देती है। इसलिए स्वस्थ रहने के लिए ज़रूरी है कि आप शारीरिक गतिविधी करें। ये ना केवल आपको हार्ट संबंधित बीमारियों से बचाएगा बल्कि ये अन्य तमाम तरह के रोगों से भी आपको दूर रखता है।
हृदय संबंधित रोगों को रोकने के लिए खानपान का सही (how to prevent heart attack) होना बहुत ज़रूरी है। इसके लिए आप मछली, अखरोट, सोयाबीन और बादाम आदि का सेवन करें। इसके अलावा दिल को दुरुस्त रखने के लिए ज़रूरी है कि अधिक तेल मसाले वाले भोजन को भी नजरअंदाज किया जाए।
हार्ट अटैक आने पर या इसके लक्षण महसूस होने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेना चाहिए या अस्पताल जाना चाहिए। इस दौरान घरेलू उपचार मरीज की जान को खतरे में डाल सकता है।
हार्ट अटैक (heart attack treatment) आने से पहले मरीज का शरीर कई तरह के संकेत देता है। जैसे अशांत लगना, चक्कर आना, ठंडा पसीना आना, सांस लेने में तकलीफ, सीने में भारीपन और बेचैनी आदि।
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One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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