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Asthma treatment in hindi । अस्थमा सांस से जुड़ी बीमारी है, जो व्यक्ति अस्थमा रोग का शिकार होता है उसे सांस लेने में काफी तकलीफे होती हैं। अस्थमा को लाइलाज बीमारी भी मानते हैं क्योंकि एक बार अस्थमा हो जाने पर इसे जड़ से खत्म करना काफी मुश्किल हो जाता है। इसे केवल कुछ सावधानियों से ही कंट्रोल किया जा सकता है। बता दें कि अस्थमा (asthma in hindi) किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। खतरे की बात तो ये है कि अस्थमा के मरीजों के लिए अस्थमा का अटैक काफी घातक हो सकता है इसलिए समय रहते इसका इलाज ज़रूरी है।
अगर आप अस्थमा रोग के शिकार हैं तो इसे कंट्रोल करना बहुत ज़रूरी है क्योंकि अस्थमा के शिकार रोगियों को अस्थमा अटैक (asthma attack ka gharelu ilaj) का खतरा रहता है जो बहुत घातक साबित हो सकता है। अगर आपको बार-बार सांस लेने में तकलीफ होती है और मौसम में बदलाव के साथ-साथ ये समस्याएं और बढ़ने (asthma causes) लगती है तो जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर को दिखाएं। इसके अलावा अगर आप अस्थमा के शुरूआती स्टेज में हैं तो इसे डॉक्टर को दिखाने के साथ-साथ कुछ घरेलू उपाय (asthma ka ilaj) भी कर सकते हैं इससे बीमारी कंट्रोल में रहेगी।
लहसुन ना केवल अस्थमा के लिए बल्कि हर बीमारी के लिए फायदेमंद है। अस्थमा के इलाज (asthma ka ilaj) के लिए 30 मि.ली. दूध में लहसुन की पाँच कलियाँ उबाल लें और हर रोज इसका सेवन करें।
अस्थमा के इलाज में अजवाइन भी काफी फायदेमंद है, इसके लिए आप पानी में अजवाइन डालकर इसे उबालें और भाप लें, इससे सांस लेने में होने वाली तकलीफें (asthma treatment) दूर होती हैं।
अंजीर कफ को जमने से रोकने में काफी मदद करता है। अस्थमा का इलाज करने के लिए सूखी अंजीर को गर्म पानी में रातभर भिगो दें और सुबह खाली पेट इसका सेवन करें। इससे श्वास नली में जमा बलगम ढीला हो जाता है और बाहर निकल जाता है जिससे संक्रमण फैलने का खतरा कम होता है।
हरी पत्तेदार सब्जियां सेहत के लिए काफी फायदेमंद होती हैं, आप अस्थमा (asthma in hindi) में पालक और गाजर का जूस ले सकते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार मेथी अस्थमा का इलाज करने के लिए रामबाण उपाय है। इसके लिए मेथी के कुछ दानों को एक गिलास पानी में उबाल लेंं, जब ये एक तिहाई बचे तो इसमें शहद (asthma attack ka gharelu ilaj) और अदरक का रस मिलाकर रोज़ाना सुबह शाम इसका सेवन करें।
अस्थमा (asthma) के रोगियों के लिए सावधानी रखना बेहद ज़रूरी है। अगर आप शुरू से ही सावधानियां और परहेज रखते हैं तो इससे संक्रमण बढ़ने का खतरा कम होता है और अस्थमा अटैक से भी बच सकते हैं। तो चलिए जानते हैं अस्थमा के रोगियों को क्या-क्या सावधानियां रखनी चाहिए-
अगर आपको सांस लेने में तकलीफ है या अस्थमा है तो नियमित रूप से दवाइयां लें। दूसरों से दूरी बनाकर रखें। कोशिश करें बाहर ना जाना पड़े ऐसा करने से आपको मास्क लगाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी।इसके साथ ही रेपिड मेडिसिन हमेशा अपने साथ रखें।
बारिश का मौसम अस्थमा रोगियों की परेशानी को और अधिक बढ़ा सकता है। मौसम में नमी और ठंड के कारण अस्थमा पीड़ितों को सांस लेने में तकलीफ (asthma causes) होती है।
अस्थमा होने पर पीड़ित व्यक्ति को नीचे दिए गए लक्षण (asthma symptoms) महसूस होते हैं-
अस्थमा (asthma) को लोग आयुर्वेदिक तरीकों से भी कंट्रोल करते हैं, इसके लिए मेथी के कुछ दानों को एक गिलास पानी में उबाल लें, जब ये एक तिहाई रह जाए तो इसमें शहद और अदरक का रस मिलाकर रोज़ाना सुबह-शाम इसका सेवन करें।
अस्थमा के रोगियों को मौसमी, संतरा, नींबू, कीवी और बेरीज का सेवन करना चाहिए। ये संक्रमण के खतरे को रोकने का काम करते हैं।
यदि आप अस्थमा रोग से पीड़ित हैं तो नीचे दिए गए फॉर्म को भरें और हमारे डॉक्टर से सीधा संपर्क करें। इसके अलावा आप 91466-91466 पर कॉल करके भी एक्सपर्ट्स से FREE सलाह पा सकते हैं
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One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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