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गर्भावस्था के दौरान का समय काफी सुखद अनुभव वाला होता है, इस दौरान एक गर्भवती महिला हरेक काम को करने से पहले पेट में पल रहे अपने नवजात के बारे में सोचती है, तमाम तरह के सपने सजाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आखिर गर्भावस्था की स्थिति कब आती है और गर्भावस्था लक्षण क्या होते हैं?
दरअसल एक महिला गर्भ धारण तब करती है जब महिला के अंडाणु और पुरूष के शुक्राणु का मिलन होता है, इस मिलन को फर्टिलाइजेशन कहते हैं। गर्भ धारण करने के बाद महिलाओं के शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं औऱ प्रेग्नेंसी के अजीबो गरीब से लक्षण दिखाई देने लगते हैं जो की नीचे बताए गए हैं।
अगर आपने टेस्ट नहीं करवाया है तो भी आपको गर्भावस्था के लक्षण महसूस हो सकत हैं जैसे- आपके हार्मोन के स्तर में बदलाव, खाने का मन ना करना आदि, लेकिन कुछ लोगों में ये लक्षण कुछ सप्ताह बाद दिखाई देते हैं।
प्रेग्नेंट होने का लक्षण की बात करें तो पीरियड्स का रूक जाना गर्भावस्था के शुरुआती लक्षणों में से एक है। लेकिन ध्यान रहे कई बार पीरियड्स का मिस होना प्रेग्नेंसी के लक्षण नहीं होते हैं क्योंकि स्वास्थ्य संबंधित परेशानियां और कमजोरी की वजह से भी पीरियड्स अनियमित हो जाते हैं।
गर्भावस्था लक्षण में सिरदर्द भी शामिल है। प्रेग्नेंसी के दौरान सिर में दर्द हार्मोनल बदलाव और खून की मात्रा में वृद्धि के कारण होते हैं। लेकिन ध्यान रहे अगर आपको 24 घंटे सिर में दर्द रहता है तो ये गर्भावस्था लक्षण नहीं है, इस स्थिति में डॉक्टर से सलाह लें।
गर्भावस्था लक्षण में वजन बढ़ना भी आम है। इस दौरान प्रेग्नेंट महिला के शरीर का भार अचानक ही बढ़ने लगता है, दूसरे महीने के बाद वजन बढ़ने की प्रक्रिया मे तेज़ी आ जाती है क्योंकि इस दौरान पेट में पल रहे बच्चे का भी वजन बढ़ता है और साथ ही खाने पर अधिक ध्यान देने की वजह से मां का वजन भी बढ़ने लगता है।
गर्भावस्था के दौरान कभी-कभार हाई ब्लड प्रेशर की भी समस्या हो जाती है। अगर आपका वजन अधिक बढ़ गया है या आपके परिवार में हाई ब्लड प्रेशर की परेशानी पहले से चली आ रही है तो आपको भी ये बीमारी बेहद आसानी से हो सकती है।
प्रेगनेंट होने का लक्षण में पेट का जलन और कब्ज़ भी शामिल हो सकता है। गर्भावस्था के दौरान होने वाले हार्मोन में बदलाव की वजह पेट में जलन होने लगता है, इसके अलावा खाना अच्छे से ना पचने के कारण हमेशा कब्ज की समस्या रहती है।
सिम्पटम्स ऑफ प्रेगनेंसी में मांसपेशियों में ऐंठन भी शामिल है। गर्भ धारण के कुछ दिनों बाद गर्भाशय में मांसपेशियां खिंचने और फैलने लगती हैं जिसकी वजह से शरीर की मांसपेशियों में ऐंठन होने लगती हैं।
गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में कमर दर्द और मांसपेशियों में तनाव होना आम बात है। बढ़े हुए वजन के कारण पीठ में दर्द होने लगता है और प्रेग्नेंट महिला को उठने-बैठने में परेशानी होने लगती है।
प्रेग्नेंट होने के लक्षण डिप्रेशन भी हैं। सभी गर्भवती महिलाएं गर्भावस्था के दौरान डिप्रेशन का शिकार रहती हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान महिलाओं में जरूरत से ज्यादा मूड-स्विंग होने की शिकायत रहती है। अगर ये समस्या हमेशा बनी रहे तो समझ जाना चाहिए कि आप गर्भवती हैं।
गर्भावस्था के दौरान प्रेगनेंट महिलाओं में अनिंद्रा यानि नींद ना आने की भी समस्या भी रहती है। तनाव, शारीरिक परिवर्तन और हार्मोनल बदलाव के कारण ये सममस्या होती है, ये प्रेगनेंट होने के लक्षण में से एक है। अगर आप रोज़ाना योग और स्ट्रेचिंग करते हैं तो आपकी ये परेशानी दूर हो सकती है।
महिलाओं के स्तन में परिवर्तन प्रेगनेंट होने के लक्षण में से खास लक्षण है। डॉक्टर्स की माने तो ये सबसे ध्यान देने वाला लक्षण होता है। अगर आपका स्तन कोमल, भारी और भरे हुए लगने लगे तो समझ जाइए की आप प्रेगनेंट हैं। इसके अलावा आपके निपल्स भी बड़े और संवेदनशील हो सकते हैं।
सिम्पटम्स ऑफ प्रेगनेंसी की बात करें तो उल्टी सबसे आम लक्षण है, इस दौरान प्रेगनेंट महिलाओं को खाने की हर चीज़ में से महक आने लगती है और उल्टी होती है। ये वो प्रेगनेंसी के लक्षण हैं जो पहले चार महीनों के भीतर दिखाई देते हैं, खासकर सुबह के समय ये समस्या ज्यादा देखी जाती है।
गर्भावस्था के दौरान एण्ड्रोजन हार्मोन बढ़ जाता है जिसकी वजह से गर्भावस्था के शुरुआती दिनों में महिलाएं मुँहासे का शिकार हो जाती हैं। इस हार्मोन की वजह से त्वचा तेलीय हो जाती है और स्किन के पोर्स बंद हो जाते हैं जिसकी वजह से मुहांसे हो जाते हैं ये भी प्रेगनेंसी के लक्षण हैं।
प्रेगनेंसी के लक्षण को दस्त से भी पहचाना जा सकता है। गर्भावस्था के दौरान डायरिया और पाचन संबंधी कई तरह की परेशानियां हो जाती हैं, ऐसा आहार में परिवर्तन और खाना ठीक से डायजेस्ट ना होने की वजह से होता है। प्रेगनेंसी में शुरू से लेकर अंत तक इस तरह की समस्याएं बनी रहती हैं।
सिम्पटम्स ऑफ प्रेगनेंसी में गंध आना भी शामिल है, इस स्थिति में अक्सर प्रेगनेंट महिलाओं को खाने की चीज़ों में से दुर्गंध आती है। ये लक्षण शुरूआती तीन महीनों तक ज्यादा पता लगते हैं इस दौरान मतली और उल्टी काफी कॉमन है। लेकिन ध्यान रहे ये केवल कुछ ही पदार्थों के साथ होता है अगर आपको खाने की हर चीज में से गंध आती है तो ये प्रेगनेंसी के लक्षण नहीं हैं, इस स्थिति में डॉक्टर से सलाह लें।
पीरियड्स मिस होने के बाद तुरंत टेस्ट करवाएं, और अगर आप टेस्ट में प्रेग्नेंट पाई जाती हैं तो शुरुआती 3 से 4 महीने तक सेक्स करने से बचें। इसके अलावा जब तक भ्रूण सेटल ना हो तबतक सचेत रहें।
प्रेग्नेंसी के दौरान भाग-दौड और खेल-कूद जैसा कोई भी काम करने से बचें। शुरुआती 3 से 4 महीना बहुत ही संवेदनशील माने जाते हैं इसलिए किसी भी तरह की यात्रा करने और सीढियां चढ़ने की कोशिश ना करें। खेल-कूद और छलांग ना लगाएं।
प्रेगनेंसी के दौरान भले ही सेहत का खास ध्यान रखना चाहिए लेकिन इसके लिए जरूरत से ज्यादा व्यायाम या जिम ना करें। अगर आप गर्भवस्था के दौरान सावधानी रखती हैं तो प्रसव तक पहुंचने में दिक्कतें नहीं होंगी। इसके अलावा प्रेगनेंसी में अधिक पसीना बहाना गर्भवती महिला के लिए खतरनाक भी हो सकता है।
प्रेगनेंसी के दौरान कई तरह की शारिरिक परेशानी होती है इसलिए छोटी छोटी बीमारी के लिए एलोपैथिक दवाइयों का सेवन ना करें। जहां तक हो सके घरेलू नुस्खे ट्राई करें। क्योंकि इस दौरान अधिक दवाइयों का सेवन पेट में पल रहे नवजात के लिए हानिकारक हो सकता है।
गर्भ धारण के बाद से ही भारी सामान ना उठाएं, क्योंकि इससे गर्भपात भी हो सकता है, भारी सामान उठाने से पेट पर दबाव पड़ता है जो मां और शिशु दोनों के लिए जानलेवा है।
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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