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मानव शरीर (Human Body) के कुछ अंग ऐसे हैं जो शरीर के अंदर खोखले जगहों पर स्थित हैं। मानव शरीर के इन खोखले जगहों को “देहगुहा” (Body Cavity) कहते हैं। देहगुहा चमड़े की झिल्ली से ढकी रहती है। हालांकि, इन गुहाओं की झिल्लियां कभी-कभी किसी कारणवश फट जाती हैं और अंग का कुछ हिस्सा बाहर निकल आता है। मानव शरीर में आए ऐसे बदलाव को हर्निया (Hernia) कहते हैं। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हर्निया की समस्या आमतौर पर पेट में होता है। लेकिन कभी-कभी कमर और जांघों पर भी हो सकती है। हर्निया के कुछ सामान्य प्रकार (Types of Hernia) नीचे दिए गए हैं-
हर्निया एक ऐसी समस्या है जो पुरुष और स्त्री दोनों में ही अलग-अलग तरह का होता है। उसके आधार पर ही हर्निया को बांटा गया है। इसके अलावा, हर्निया को इसके किसी अंग से बाहर निकलने के आधार पर भी बांटा गया है। ऐसे में आइए जानते हैं हर्निया कितने प्रकार (Types of Hernia) के होते हैं –
वेक्षण हर्निया, सबसे आम हर्निया है। अगर किसी व्यक्ति के शरीर से आंत पेट के किसी कमज़ोर रास्ते से या पेट की निचली दीवार के हिस्से से बाहर आने लगे, तो उसे वेक्षण हर्निया (Inguinal Hernia) कहते हैं। वहीं ब्रिटिश हर्निया सेंटर (BHC) के रिपोर्ट के मुताबिक, हर्निया के कुल मामलों में 70% मामले वेक्षण हर्निया के होते हैं।
नाभि हर्निया की समस्या आमतौर पर बच्चों को होती है। वहीं 6 महीने तक के बच्चों को नाभि हर्निया होने की संभावना ज्यादा होती है। किसी भी बच्चे को नाभि हर्निया की समस्या तब होता है जब जब उनकी आंतें, नाभि के पास वाली पेट की दीवार के जरिए बाहर निकल आने लगती हैं। गौरतलब है कि यह समस्या अक्सर अपने आप ठीक हो जाता है। हालांकि, यदि यह खुद ठीक नहीं होता है, तो इसे ठीक करने के लिए सर्जरी कराना पड़ता है।
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जघनास्थिक हर्निया, काफी असामान्य तरह का हर्निया है, जोकि महिलाओं में आधिक पाया जाता है। कुल हर्निया के मामलों में 20% मामले जघनास्थिक हर्निया (फीमोरल– Familial Hernia) के पाए जाते हैं। वहीं यह कभी-कभी जांघों या ग्रोइन के भीतरी ऊपरी हिस्से में दिखाई देता है और लेटने पर वापस अंदर चला जाता हैं । ध्यान देने वाली बात यह है जब यह समस्या किसी व्यक्ति को होती है, तो उसे खांसने पर काफी दर्द महसूस होता है।
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पेट की सर्जरी होने के बाद आमतौर पर इंसिज़नल हर्निया होने की संभावना ज्यादा होती है। वहीं जब किसी व्यक्ति को इंसिज़नल हर्निया की समस्या हो जाती है, तो उसकी आंतें चीरे के निशान या आसपास के कमजोर ऊतक के जरिए बाहर की ओर निकल कर आ जाती हैं।
लेप्रोस्कोपिक सर्जरी के दौरान पीड़ित व्यक्ति को बहुत कम दर्द होता है। दरअसल, लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Hernia Surgery) के दौरान मरीज बेहोशी की अवस्था में होते हैं। इसलिए उन्हें किसी भी तरह का दर्द महसूस नहीं होता है। वहीं, सर्जरी हो जाने के बाद, छोटी अवधि के लिए कम से कम दर्द महसूस होता है।
हर्निया एक ऐसी समस्या है जिसका इलाज एलोपैथिक, होम्योपैथिक, आयुर्वेदिक या अन्य किसी दवाई से नहीं किया जा सकता है। हर्निया का एकमात्र इलाज सिर्फ सर्जरी या ऑपरेशन है।
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हर्निया के जितने भी प्रकार होते हैं, उनमें तकरीबन 70% मामले, वेक्षण हर्निया (इंग्वाइनल हर्निया– Inguinal Hernia) के होते हैं। 3 से 10% हर्निया, नाभि हर्निया (अम्बिलाइकल– Umbilical Hernia) के होते हैं और 1 से तीन 3% बचे हुए प्रकारों में से होते हैं।
यदि आप हर्निया की समस्या से पीड़ित हैं, तो 91466-91466 पर कॉल करके हमारे डॉक्टर से FREE में सलाह ले सकते हैं। इसके अलावा, किसी भी प्रकार की बीमारी का इलाज करवाने के लिए 91466-91466 पर कॉल कर आप अपने नज़दीकी उजाला सिग्नस अस्पताल में अपॉइंटमेंट बुक करवा सकते हैं।
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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