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जॉन्डिस के लक्षण इन हिंदी: पीलिया एक ऐसी बीमारी है जो गर्मियों के मौसम में सबसे ज्यादा होती है। गर्मियों के मौसम में जो लोग बाहर निकलते हैं वो तेज गर्मी व लू से बचने के लिए बाहर का दूषित पानी वह भोजन कर लेते हैं जो अक्सर पीलिया का कारण बनता है। पीलिया रोग हैपेटाइटिस ए वायरस की वजह से होता है जिसका सीधा असर लीवर पर पड़ता है। ये एक ऐसी बीमारी है जिसका पता जितनी जल्दी लग जाए उतना ही बेहतर होता है। तो आज के इस ब्लॉक में हम आपको पीलिया के लक्षणों के बारे में बताएंगे जिससे आप इस बीमारी को समय रहते पहचान सकें।(hepatitis jaundice)
अक्सर नवजात बच्चे पीलिया की चपेट में अधिक आते हैं ऐसे में उनकी त्वचा पीली पड़ जाती है और आंखें सफेद होने लगती हैं। धीरे-धीरे बच्चे की भूख में भी कमी आने लगती है इसके अलावा भी पीलिया के और भी कई लक्षण हैं जैसे-
जॉन्डिस के लक्षण की बात करें तो इसमें सबसे पहले पीड़ित व्यक्ति की त्वचा और आंखें पीली पड़ने लग जाती हैं, यह पीलिया के सबसे शुरुआती लक्षणों में से एक है। पीलिया में पीड़ित व्यक्ति का बिलिरुबिन का स्तर गिर जाता है जो लीवर के रेड ब्लड सेल्स नष्ट होने से पैदा होते हैं जिसका असर आंखों व त्वचा पर दिखाई देने लगता है। (jaundice yellow skin)
(stomach pain in hindi) पेट में दर्द होना भी ज्वाइंडिस के लक्षण हैं। पीलिया रोग से पीड़ित व्यक्ति के पेट में हमेशा दर्द महसूस होता है और यह दर्द अक्सर दाहिने तरफ ज्यादा होता है। अगर आपको हमेशा पेट दर्द की शिकायत रहती है तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें और अपना पीलिया जांच करवाएं।
जॉन्डिस में स्टूल का रंग भी बदल जाता है। पीलिया से पीड़ित व्यक्ति के बिलिरुबिन की मात्रा का अधिक हिस्सा यूरिन में चला जाता है और जो हिस्सा बच जाता है वो शरीर की कोशिकाओं में मिलने लग जाता है जिससे पीड़ित व्यक्ति के मल के रंग में बदलाव दिखाई देता है। अगर आपको अपने मल के रंग में बदलाव दिखे तो समझ जाएं की आपके भीतर पीलिया लक्षण हैं।
पीलिया से ग्रसित व्यक्ति के यूरिन में फर्क नजर आने लग जाता है। पीलिया रोग में अक्सर लाल रक्त कोशिकाएं बिलिरुबिन में और फिर बाइल में बदलने लग जाती हैं और यही बदलाव व बिलुरुबिन का असामान्य होने की वजह से यूरिन में बाइल पिगमेंट की मात्रा जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है जिससे यूरिन का रंग गहरा हो जाता है। यूरिन पीले रंग का निकलना पीलिया रोग के लक्षण हैं और यह एक गंभीर स्थिति होती है जिसे भूलकर भी नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
अक्सर लोग पूछते हैं कि पीलिया के लक्षण बताइए यानी यह कैसे पहचाना जा सकता है कि पीलिया अब गंभीर स्थिति में है। तो हम आपको बता दें कि उल्टी और मतली आना पीलिया के सबसे गंभीर लक्षण हैं। शुरुआती दिनों में त्वचा और आंखे पीली हो जाती हैं। साथ ही यूरिन का रंग बदल जाता है। लेकिन जब रोगी को उल्टी और मतली की शिकायत हो जाए तो समझ जाएं कि पीलिया अब गंभीर स्थिति में है, इस दौरान अगर रोगी पर ध्यान न दिया जाए तो यह समस्या बहुत बड़ी भी हो सकती है। (vomiting in jaundice)
पीलिया होने के लक्षण में खुजली भी शामिल है। जिन लोगों को कोल्सटॉसिस की वजह से पीलिया होता है उनमें अक्सर खुजली की शिकायतें देखी गई है। शुरुआती दिनों में खुजली हाथ व पैरों में होती है और फिर पूरे शरीर में फैलने लग जाती है।
कई लोगों को पीलिया में नींद न आने की भी शिकायत हो जाती है और वो भावनात्मक रूप से काफी परेशान रहते हैं। पीलिया के लक्षण इन हिंदी की बात करें तो ऊपर बताए गए लक्षणों के अलावा जॉन्डिस के रोगी को नींद न आने की भी शिकायत रहती है अगर यह सारे लक्षण किसी रोगी में हैं तो हो सकता है कि वह लिवर के पीलिया से ग्रसित हो जिसका जल्द से जल्द इलाज बहुत जरूरी है।
अक्सर लोग पूछते हैं कि पीलिया के लक्षण बताएं लेकिन हम आपको बता दें कि पीलिया के लक्षणों के अलावा यह रोग किन कारणों से होता है यह जानना भी बेहद जरूरी है तो चलिए यह भी जान लेते हैं कि पीलिया रोग आखिर किन कारणों से होता है।(causes of jaundice)
पीलिया का लक्षण जानने के बाद यह जानना भी बेहद जरूरी है कि आखिर पीलिया रोग से कैसे बचा जा सकता है क्योंकि जो लोग पीलिया बीमारी के लक्षण को नहीं भांप पाते वह बेहद गंभीर स्थिति में पहुंच जाते हैं। तो क्यों न हम पहले ही यह जान लें कि आखिर पीलिया रोग से बचाव कैसे हो सकता है। (how to save from jaundice)
पीलिया से बचने का सबसे आसान व अच्छा उपाय है टीकाकरण। अगर आप शुरू में ही टीका ले लेते हैं तो जॉन्डिस होने के चांस बहुत कम जाते हैं। इसके अलावा अगर आपको जॉन्डिस के सिम्पटम्स नज़र आए तो जल्द से जल्द आप टीकाकरण करवा लें जिससे यह बीमारी शुरू होने से पहले ही खत्म हो जाए।
नवजात बच्चे को भी पीलिया का टीका जरूर लगवाएं जिससे आगे चलकर उसे इस तरह की किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े।
जॉन्डिस से बचना चाहते हैं तो खुले में रखे हुए भोजन व स्ट्रीट फूड का सेवन बिल्कुल ना करें इसके अलावा हमेशा साफ पानी का ही सेवन करें।
अपने आसपास साफ-सफाई का ध्यान रखें ज्यादा देर तक खुला रखा हुआ भोजन बिल्कुल ना करें।
पीलिया के अलावा किसी भी तरह की बीमारी से बचने के लिए ताजा खाना खाएं और हमेशा उबला हुआ पानी ही पीएं इससे शरीर के भीतर मौजूद कीटाणु नष्ट हो जाते हैं जिससे बीमारियों का खतरा नहीं रहता है।
ऊपर पीलिया के लक्षण हिंदी में बताए गए हैं अगर आपको इन लक्षणों में से कोई भी लक्षण दिखाई दे तो बिना लापरवाही किए जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। इसके अलावा अगर आप चाहते हैं कि आपको जॉन्डिस व पीलिया रोग कभी ना हो तो शराब का सेवन बिल्कुल ना करें, साफ-सुथरे व ताजा भोजन करें, सुरक्षित वह साफ सुथरी जगह पर रहें, शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए हमेशा तरल पदार्थों का सेवन करें और ऐसे भोजन बिल्कुल भी ना करें जिससे लीवर को नुकसान पहुंचे।
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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