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महिलाओं को होने वाले कैंसर में से ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) सबसे आम कैंसर है। वहीं भारतीय महिलाओं में कैंसर के कुल मामलों में से तकरीबन 14% मामले ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) के होते हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि ब्रेस्ट कैंसर महिलाओं (Breast Cancer in Women) के अलावा पुरुषों को भी होता है।
स्तन कैंसर के लक्षणों (Breast Cancer Symptom) में ब्रेस्ट में गांठ, निप्पल से खूनी निकलना और निप्पल या ब्रेस्ट के आकार या बनावट में बदलाव शामिल हैं। वहीं ब्रेस्ट कैंसर का इलाज (Breast Cancer Treatment) कैंसर की स्टेज (Cancer Stage) पर निर्भर करता है। ऐसे में आइए आज जानते हैं ब्रेस्ट कैंसर क्या हैं? ब्रेस्ट कैंसर के कारण क्या होते हैं? ब्रेस्ट कैंसर के लक्षण क्या हैं? और ब्रेस्ट कैंसर का इलाज क्या है?
ब्रेस्ट कैंसर एक ऐसी बीमारी है, जिसमें ब्रेस्ट में कोशिकाएं नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं। ब्रेस्ट कैंसर कई प्रकार (Types of Cancer) के होते हैं। वहीं ब्रेस्ट कैंसर का प्रकार (Types of Breast Cancer) इस बात पर निर्भर करता है कि ब्रेस्ट में कौन-सी कोशिकाएं कैंसर में बदल जाती हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) ब्रेस्ट के अलग-अलग भागों में शुरू हो सकता है।
अलग-अलग लोगों में ब्रेस्ट कैंसर के अलग-अलग लक्षण (Symptoms of Breast Cancer) होते हैं। कुछ लोगों में लक्षण दिखते हैं। वहीं कुछ लोगों में लक्षण बिल्कुल नहीं दिखते हैं।
ब्रेस्ट कैंसर के कुछ चेतावनी संकेत हैं (Warning Signs of Breast Cancer)-
नोट- ध्यान रखें कि ये लक्षण सिर्फ कैंसर की वजह से ही नहीं, बल्कि अन्य समस्याओं की वजह से भी हो सकती हैं।
अधिक जानकारी के लिए 91466-91466 पर कॉल करें और पाएं डॉक्टर से FREE सलाह।
ब्रेस्ट कैंसर की समस्या कई बार आनुवांशिक कारणों से होता है। इसके अलावा, ब्रेस्ट कैंसर होने के कई और कारण भी हैं, जिन्हें समझना बेहद जरूरी है-
ऐसे में इन परिस्थितियों से जितना हो सके दूरी बनाकर रखें, ताकि कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से आपको जूझना नहीं पड़ें।
इन्वेसिव डक्टल कार्सिनोमा (Invasive Ductal Carcinoma) ब्रेस्ट कैंसर का एक प्रकार है। ध्यान देने वाली बात यह है कि महिलाओं में 80% ब्रेस्ट कैंसर इन्वेसिव डक्टल कार्सिनोमा की वजह से होता है। यह कैंसर डक्ट वॉल से होते हुए ब्रेस्ट के चर्बी वाले भाग तक फैल जाता है। वहीं ब्रेस्ट कैंसर का यह प्रकार मिल्क डक्टस् में बनता होता है।
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इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर (Inflammatory Breast Cancer) बहुत कम होता है। जब किसी को इस प्रकार का कैंसर हो जाता है, तो इलाज करना बहुत कठिन हो जाता है। वहीं इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर शरीर में बहुत तेजी से फैलता है। जिससे मौत का खतरा का बहुत ज्यादा रहता है। हालांकि, इंफ्लेमेटरी ब्रेस्ट कैंसर की समस्या 1% से भी कम होता है।
पेजेट्स डिजीज या पगेट रोग नाम के ब्रेस्ट कैंसर की शुरुआत निप्पल के आसपास से शुरू होती है। इस रोग की वजह से निप्पल के चारों तरफ का हिस्सा काला पड़ने लगता है। आमतौर पर पेजेट्स डिजीज की समस्या उन महिलाओं को होता है जिन्हें ब्रेस्ट से जुड़ी समस्याएं होती हैं। इन समस्याओं में निप्पल में ईचिंग होना, ब्रेस्ट में दर्द होना, इंफेक्शन होना प्रमुख है। वहीं यह ब्रेस्ट कैंसर 5% से कम होता है।
नोट:- महिलाओं को होने वाले इन 3 ब्रेस्ट कैंसर के अलावा, ट्यूबुलर कार्सिनोमा (Tubular Carcinoma), मेड्युलरी कार्सिनोमा (Medullary Carcinoma), म्यूकस कार्सिनोमा (Mucus Carcinoma), लोबुलर कार्सिनोमा (Lobular Carcinoma) जैसे कई अन्य प्रकार के ब्रेस्ट कैंसर भी होते हैं।
कैंसर के इस स्टेज में दूध बनाने वाले टिश्यू या डक्ट में बना कैंसर वहीं तक सीमित हो और शरीर के किसी अन्य हिस्से, यहां तक स्तन के बाकी हिस्सों में भी नहीं पहुंचा हो।
स्टेज 1 में टिश्यू का विस्तार होने लगता है और स्वस्थ टिश्यू को प्रभावित करने लगता है। यह ब्रेस्ट के फैटी टिश्यू तक फैला हो सकता है और ब्रेस्ट के कुछ टिश्यू नजदीकी लिंफ नोड में भी पहुंच सकते हैं।
इस स्टेज का ब्रेस्ट कैंसर बढ़कर अन्य हिस्सों तक फैलता है।
स्टेज 3 में कैंसर हड्डियों या अन्य अंगो तक फैल चुका हो सकता है। इसके अलावा बाहों के नीचे 9 से 10 लिंफ नोड में और कॉलर बोन में इसका छोटा हिस्सा फैल चुका हो सकता है। इस कारण से इसके इलाज में कठिनाई आती है।
ब्रेस्ट कैंसर के स्टेज 4 में लिवर, फेफड़ा, हड्डी और दिमाग तक कैंसर फैल चुका होता है।
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ये भी पढ़ें – कैंसर (Cancer) से जुड़े 7 सवाल जिनका जवाब जानना है जरूरी
अगर आपको ब्रेस्ट कैंसर की समस्या हो गई है तो घबराएं नहीं, बल्कि जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से संपर्क करें और सलाह लें। यदि पहली स्टेज में जरूरी जांचों के बाद इलाज शुरू कर दिया जाए तो ब्रेस्ट कैंसर को पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है। ब्रेस्ट कैंसर के स्थिति के अनुसार इलाज के लिए डॉक्टर सर्जरी, कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी, टारगेटेड ड्रग थेरेपी और इम्यूनोथेरेपी जैसे विकल्प अपनाते हैं।
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ब्रेस्ट कैंसर उम्र के किसी भी पड़ाव पर हो सकता है, लेकिन 30 साल की उम्र के बाद इसका खतरा बढ़ना शुरू हो जाता है और 50-64 वर्ष की उम्र में इसका सबसे ज्यादा खतरा होता है.
ब्रेस्ट कैंसर जानलेवा बीमारी है, लेकिन इससे भी जान बचाई जा सकती है। लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी है जागरूकता। जागरूकता के कमी की वजह से ज्यादातर महिलाओं की ब्रेस्ट कैंसर की वजह से मौत हो जाती है। वहीं देश में ब्रेस्ट कैंसर की वजह से होने वाली मौत का आकड़ा लगातार बढ़ रहा है।
अगर सही समय पर कैंसर की पहचान कर इलाज शुरू कर दिया जाए, तो कैंसर पूरी तरह से ठीक भी हो सकता है।
यदि आप कैंसर की समस्या से पीड़ित हैं, तो 91466-91466 पर कॉल करके हमारे डॉक्टर से FREE में सलाह ले सकते हैं।
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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