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कभी किसी गलती की वजह से गर्भपात/मिसकैरेज हो जाता है, तो कभी किसी कारणवश महिलाओं को गर्भपात (Abortion) करवाना पड़ता है। गर्भपात चाहे किसी भी वजह से हुआ हो। लेकिन गर्भपात की स्थिति वाकई में काफी तकलीफ देने वाली होती है। इसमें मानसिक और शारीरिक दोनों ही तकलीफ से गुजरना पड़ता है। वहीं अगर गर्भपात (अबॉर्शन) सर्जरी के द्वारा किया गया है, तो कुछ साइड इफेक्ट्स जैसे कि मतली, ब्रेस्ट में दर्द, थकान, पेट में ऐंठन और हल्की ब्लीडिंग आदि भी हो सकते हैं। इसी के मद्देनजर अबॉर्शन (Abortion) के बाद डॉक्टर पौष्टिक खाना खाने (Diet After Abortion) की सलाह देते हैं।
गर्भपात (Abortion) की स्थिति के बाद महिलाओं के लिए अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखना बेहद जरूरी हो जाता है। अगर आपका भी मिसकैरेज/ अबॉर्शन हुआ है, तो जान लीजिए कि अभी आपको अपनी डायट में किन चीजों को शामिल करना चाहिए और किन चीजों से परहेज करना चाहिए-
यदि किसी व्यक्ति के शरीर से खून निकल जाए, तो उसे खून की पूर्ति करने के लिए आयरन और विटामिन सी भरपूर पदार्थ पालक, खजूर और कद्दू आदि खाएं। दरअसल, आयरन और विटामिन सी (Iron and Vitamin C) शरीर से निकले खून की पूर्ति करने का काम करते हैं। इसके अलावा, आयरन लाल रक्त कोशिकाएं बनाता है और पूरे शरीर में ऑक्सीजन की कमी को भी पूरा करता है। वहीं Iron and Vitamin C मिलकर सर्जरी के बाद हुए घाव को जल्दी भरने के लिए कोलाजन बनाने की प्रक्रिया को बढ़ावा देते हैं।
अगर कैल्शियम का सेवन प्रेग्नेंसी के दौरान नहीं किया जाए, तो शरीर, शरीर में पहले से मौजूद कैल्शियम को लेने लगता है। जिस वजह से हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। ऐसे में अबॉर्शन (Abortion) के बाद हड्डियों को स्वस्थ रखने के लिए कैल्शियम का सेवन जरूर चाहिए। टोफू, भिंडी, ब्रोकली और दूध से बनी चीजों में प्रचुर मात्रा में कैल्शियम पाया जाता है।
फोलिक एसिड, अबॉर्शन (Abortion) के बाद जल्दी रिकवर करने के लिए बेहद जरूरी होता है। दरअसल, फोलिक एसिड (folic acid) शरीर में स्वस्थ लाल रक्त कोशिकाएं बनाने के अलावा एनीमिया से बचाव करता है।
शरीर को एनर्जी देने के अलावा शुगर की मात्रा काे भी कार्बोहाइड्रेट नियंत्रित करता है। लेकिन रिफाइंड अनाज या लो फाइबर स्टार्च का कार्बोहाइड्रेट शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। इसकी वजह से शरीर में शुगर के लेवल में तेजी से उतार-चढ़ाव आ सकता है। इसलिए गर्भपात (Abortion) के बाद लो फाइबर स्टार्च वाली चीजों का सेवन कम से कम करें।
जिन मीठी चीजों में हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स (High Glycemic Index) पाया जाता है उनकी सेवन की वजह से ब्लड शुगर लेवल में उतार-चढ़ाव आ सकता है। ऐसे में कैंडीज और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स न पीएं।
डेयरी उत्पादों और मांस में वसा की मात्रा ज्यादा होता है। जो कि सूजन पैदा कर सकता है। वहीं मिसकैरेज/अबॉर्शन (Miscarriage/Abortion) के बाद दर्द पैदा करने वाली सूजन से बचना जरूरी होता है। इसलिए मिसकैरेज के बाद मक्खन, चीज, कच्चा दूध और बीफ आदि उत्पादों का सेवन नहीं करना चाहिए।
मिसकैरेज/अबॉर्शन (Miscarriage/Abortion) के बाद जंक फूड खाने का ख्याल आ सकता है लेकिन आप इसमें कुछ बदलाव कर के इसका सेवन कर सकती हैं। दरअसल जंक फूड से आपको सिर्फ कैलोरी मिलेगी जबकि इस समय आपके शरीर को पौष्टिक आहार की जरूरत होती है।
कई बार गर्भपात के मामले में 3-4 हफ्तों बाद तक ब्लीडिंग होती रहती है। लेकिन आपको बार-बार सैनिटरी पैड की जरूरत पड़ रही है तो इसे सामान्य नहीं समझा जा सकता। आपको मेडिकल ट्रीटमेंट की जरूरत होगी।
गर्भपात से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए 9146691466 पर कॉल करें और पाएं डॉक्टर से FREE सलाह।
पेट में तेज दर्द होने के अलावा हैवी ब्लीडिंग होना पूर्ण गर्भपात के लक्षण हो सकते हैं। इसमें गर्भाशय से भ्रूण पूरी तरह से बाहर आ जाता है।
आमतौर पर अबॉर्शन के 4-8 सप्ताह के बाद ही महिलाओं को पीरियड्स होते हैं। हालांकि, कुछ महिलाओं को इससे पहले या फिर इसके बाद भी पीरियड आ सकता है। अगर किसी महिला को अबॉर्शन होने के 8 सप्ताह के भीतर मासिक धर्म शुरू नहीं होते हैं, तो इस स्थिति में उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क की जरूरत होती है।
गर्भपात से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए 9146691466 पर कॉल करें और पाएं डॉक्टर से FREE सलाह। आप अपने नज़दीकी उजाला सिग्नस अस्पताल में अपना बेहतर और किफायती इलाज भी करवा सकते हैं। हमारे अस्पताल कानपुर, रेवाड़ी, काशीपुर, वाराणसी, सोनीपत, पानीपत, कुरुक्षेत्र, दिल्ली में नांगलोई और रामा विहार, कैथल, बहादुरगढ़, करनाल, मुरादाबाद, हल्द्वानी और आगरा में मौजूद हैं।
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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