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हर इंसान अपनी लाइफ में कभी ना कभी बेहोशी का सामना ज़रूर करता है, कोई चिलचिलाती गर्मी और लू के कारण बेहोश हो जाता है तो कोई कमजोरी या किसी गंभीर बिमारी के कारण। इसके अलावा अगर आप बिना खाए पीए ज्यादा देर तक काम करते हैं या उपवास करते हैं तो इससे भी बेहोश होने की नौबत आ जाती है। लेकिन अगर आपको हमेशा बेहोश होने की बीमारी हो गई है तो इसे बिल्कुल भी साधारण ना समझे तुरंत डॉक्टर से सलाह लें वरना ये अंदर ही अंदर कुछ गंभीर बीमारियों को दावत दे सकता है।
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बेहोश होने का कोई एक कारण नहीं है, एक व्यक्ति कई कारणों से बेहोशी का सामना कर सकता है, तो चलिए जानते हैं एक व्यक्ति शरीर में हो रही किन कमियों के कारण बेहोश होता है।
गर्भावस्था के कारण चक्कर आना या बेहोश होना आम बात है, इसलिए अगर आप अपने गर्भधारण को लेकर अभी क्लियर नहीं हैं और आपको निरंतर चक्कर आता है या बेहोशी की नौबत रहती है तो तुरंत चेकप करवा लें।
नियमित दिल की धड़कनों के कारण भी ज्यादातर लोग बेहोश होते हैं, जब एक नॉर्मल फ्लो में हमारा दिल रक्त का संचार नहीं कर पाता है तो इस स्थिति में बेहोशी की नौबत आ जाती है, और ध्यान देने वाली बात तो ये है कि अगर आपने समय रहते इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया तो हार्ट अटैक का भी खतरा रहता है।
कई बार कुछ लोग बिना कुछ खाए पीए घर से बाहर काम पर निकल जाते हैं, इस दौरान लू लगने या थकान के कारण भी व्यक्ति को चक्कर आ जाता है औऱ वो बेहोश हो जाता है, पेट खाली होने के कारण व्यक्ति को कमजोरी महसूस होती है औऱ धीरे धीरे उसकी ताकत खत्म हो जाती है।
तनाव एक ऐसी स्थिति है जो अच्छे खासे लोगों को भी बीमार कर दे, हाइपरटेंशन के कारण भी लोगों को चक्कर आता रहता है औऱ वो बेहोश हो जाते हैं।
गर्मियों में बाहर निकलना काफी मुश्किल काम है, तेज़ चिलचिलाती धूप और लू लगने के कारण भी व्यक्ति बेहोश हो जाता है।
कई बार बेहोशी से पहले लोगों को इसके संकेत महसूस नहीं होते हैं, लेकिन अगर आप ध्यान दें तो इससे बच सकते हैं। बेहोश या मूर्छित होने से पहले व्यक्ति को कई तरह के संकेत मिलते हैं जैसे पीड़ित व्यक्ति के चेहरे का रंग पीला पड़ने लगता है। शरीर ठंडा हो जाना, अधिक पसीना आना।
इसके अलावा जो व्यक्ति बेहोश होने की स्थिति में होता है उसका दिमाग भी कुछ देर के लिए ठीक तरह से काम करना बंद कर देता है। बेहोशी के समय आंखों के सामने अंधेरा सा छाने लगता है औऱ सब कुध धुंधला औऱ काला दिखाई देने लगता है। बेहोश होने से पहले तेज चक्कर भी आता है।
बोहशी का इलाज इसकी गंभीरता पर निर्भर करता है। जीवनशैली में कुछ बदलाव और दवाओं के सेवन से भी इसका आसानी से इलाज किया जा सकता है। इसके अलावा अचानक बेहोश हो जाने की स्थिति में ज्यादातर लोगों को ये समझ नहीं आता है कि आखिर क्या करें ऐसी स्थिति को ठीक कैसे करें। तो नीचे हमने कुछ ऐसे उपाय बताएं है जो आप बेहोशी की हालत में पीड़ित व्यक्ति के ऊपर अप्लाई कर सकते हैं जिसके बाद को खुद को बेहतर महसूस करेगा।
अगर आप खूब पानी पीते हैं तो आप काफी हद तक बेहोशी की स्थिति को टाल सकते हैं। ज्यादातर लोग चाय, कॉफी, कोल्ड ड्रिंक, ग्रीन टी पीकर ही बॉडी dehydrate कर लेते हैं लेकिन इन सब चीज़ों की जगह अगर आप पानी अधिक पीते हैं तो इससे ज्यादा फायदा मिलता है, इसके लिए आप चाय, कॉफी की जगह नींबू पानी और लस्सी आदी का सेवन भी कर सकते हैं।
अगर कोई व्यक्ति अचानक से बेहोश हो जाता है तो तुरंत उसके चेहरे पर ठंडे पानी का छिड़काव करें, ऐसा करने से पीड़िक व्यक्ति होश में आने लगेगा, उसके बाद उसे जूस आदि पीलाएं जिससे उसे थोड़ी ताकत महसूस हो।
बेहोश होने से पहले व्यक्ति को कुछ लक्षण महसूस होते हैं अगर आप इनपर ध्यान दें तो आप बेहोशी के दौरान लगने वाली चोट से बच सकते हैं। इस दौरान अगर आप खड़े है तो तुरंत जमीन पर लेट जाएं, इससे खून का प्रवाह ठीक हो जाएगा और बेहोशी के दौरान आने वाली चोट भी नहीं आएगी।
अगर कोई व्यक्ति बेहोश हो गया है तो तुरंत उसके कपड़ों को ढीला कर दें जिससे उसके फेफड़ों को ऑक्सीजन मिल सके और वो सांस सही ढंग से ले सके। अगर ऐसा नहीं हुआ तो उसकी परेशानी और अधिक बढ़ सकती है।
अगर आपको एक दिन में कई बार चक्कर आता है और आप बेहोश हो जाते हैं तो इस स्थिति में जितनी जल्दी हो सके उतनी जल्दी डॉक्टर से मिलें और अपनी समस्या के बारे में बताएं, हो सकता है आपको कोई अंदरूनी समस्या हो रही हो।
उजाला सिग्नस हेल्थकेयर ग्रुप के 13 अस्पताल हैं जो रेवाड़ी, सोनीपत, पानीपत, कुरक्षेत्र, कैथल, बहादुरगढ़, करनाल, कानपुर, वाराणसी, काशीपुर, दिल्ली के नांगलोई, दिल्ली के रामा विहार में स्थित हैं। किसी भी प्रकार की बीमारी का इलाज करवाने के लिए आप अपने नज़दीकी उजाला सिग्नस अस्पताल में अपॉइंटमेंट बुक करवा सकते हैं। इसके अलावा, फ़ोन के ज़रिये मुफ्त परामर्श लेने के लिए आप 9146691466 पर मिस्ड कॉल दे सकते हैं।
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
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