Table of Contents
Toggle
गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स डिजीज (gastroesophageal reflux disease) वो अवस्था होती है जिसमें पेट में बनने वाला एसिड एसोफैगस तक आ जाता है। कई लोगों को अक्सर गैस्ट्रोएसोफेगल रिफ्लक्स की समस्या होती है। लेकिन जिन लोगों को हफ्ते में दो बार से ज़्यादा एसिड रिफलक्स (acid reflux) का सामना करना पड़े उन्हें GERD यानी गैस्ट्रोएसोफाजाल रिफ्लक्स डिजीज होने की संभावना ज़्यादा होती है। इस लेख में हम आपको GERD से जुड़ी हर ज़रूरी जानकारी देंगे।
पेट के ऊपर मौजूद स्फिंक्टर अगर ढंग से बंद नहीं है तो पेट में बनने वाला एसिड ऊपर की तरफ़ जानें लगता है। और जब बार-बार लगातार पेट में बनने वाला एसिड एसोफैगस (GERD causes) की तरफ जाने लगे तब उस व्यक्ति को GERD होने की संभावना बढ़ जाती है। यहां पर एसोफैगस से मतलब फूड पाइप यानी खाने की नली से है या फिर आप ऐसे समझ लीजिए कि वह नली जो खाने को पेट तक पहुंच जाती है वो एसोफेगस कहलाती है।
जब पेट में बनने वाला एसिड फूड पाइप पर पहुंचता है तो सीने में जलन जैसे लक्षण महसूस होने लगते हैं। ओवरईटिंग यानी ज्यादा खाना खाने की वजह से कभी-कभी पेट में बनने वाला एसिड का खाने वाली नली तक आना सामान्य है। लेकिन जब यह एसिड रिफ्लक्स बार-बार होने लगे तो बात गंभीर है। अगर आप यह सोच रहे हैं कि एसिड रिफ्लक्स की दिक्कत सिर्फ ज्यादा उम्र वाले व्यक्तियों को होती है तो आप गलत है। जीआरडी लगभग सभी उम्र के लोगों को हो सकता है।
आपको बता दें कि GERD का मुख्य लक्षण (reflux symptoms) सीने में जलन (heartburn) है। सीने में जलन की समस्या तब और बढ़ जाती है जब इस लक्षण का सामना करने वाला व्यक्ति एसिड रिफ्लक्स के दौरान लेट जाता है या झुक जाता है। हालांकि ऐसा जरूरी नहीं कि जिन व्यक्तियों को GERD हो उन सबको हार्टबर्न का सामना करना पड़े। GERD होने के कई अन्य लक्षण (gerd symptoms) भी होते हैं।
अगर GERD की बीमारी का इलाज सही समय पर नहीं कराया जाए तो कई तरीके की दिक्क़ते हो सकती हैं जो इस प्रकार हैं:
एसोफैजाइटिस: इस कंडीशन में खाने की नली में सूजन आ जाती है।
एसोफैगल स्ट्रिक्चर: इस कंडीशन में खाने की नली पतली हो जाती है जिसकी वजह से खाने को निगलने में दिक्क़त का सामना करना पड़ता है।
बैरेट एसोफैगस: इस कंडीशन में एसोफैगस की बाहरी सतह पर मौजूद सेल्स इंटेस्टाइन में मौजूद सेल्स के जैसा रूप ले लेते हैं और ऐसा होने पर कैंसर होने की संभावना बढ़ जाती है।
सांस लेने में दिक्क़त: GERD होने पर ऐसी संभावना होती है की जब आप सांस लें तो पेट में मौजूद एसिड फेफड़ों तक पहुँच जाए। इस कंडीशन में सीने में जकड़न, अस्थमा और निमोनिया जैसी दिक्क़त हो सकती है।
अगर समय रहते GERD का इलाज करवाया जाए तो हो सकता है कि बस दवाइयों की मदद से आप ठीक हो जाएं। लेकिन अगर दवाई GERD सही नहीं कर पा रही है तो आप नीचे दिए गए ट्रीटमेंट ( acid reflux treatment ) भी करवा सकते हैं:
प्रोटोन पंप इंहीबटर्स: GERD के इलाज के लिए यह तरीका मुख्य माना जाता है। इसके ज़रिये आपके पेट में मौजूद एसिड को कम किया जाता है।
H2 ब्लॉकर्स: यह एसिड के प्रोडकशन को कम करने का दूसरा तरीका है।
ऐन्टाएसिड: ऐन्टाएसिड में एल्कलाइन केमिकल मौजूद होते हैं जो एसिड को कम या न्यूट्रल करने में मदद करते हैं। लेकिन इसका सेवन करने से डाईरिया और कब्ज़ जैसी परेशानियां हो सकती हैं।
इन दवाइयों से अगर आराम नहीं मिलता है तो आपको एंडोस्कोपी करवाने की ज़रूरत पड़ सकती है। इस प्रक्रिया में खाने की नली में एक पाइप डाला जाता है जिसमें एक कैमरा लगा होता है। इसके ज़रिए नली की सूजन, जलन, छाले या किसी भी तरह की होने वाली समस्या को देखा जाता है और फिर उसके मुताबिक आगे का इलाज करवाया जाता है। इसी के साथ अगर आपको GERD की बीमारी लंबे समय से है तो संभावना है कि आपका फूड पाइप सिकुड़ जाए, ऐसे में एंडोस्कोपी के ज़रिए इसे खोला जाता है ताकि खाना नली में अटके नहीं।
मेडिकल एक्सपर्ट्स की मानें तो GERD में किसी प्रकार की सर्जरी की ज़रूरत नहीं पड़ती है। सर्जरी तब की जाती है जब किसी को हाइटल हर्निया में होती है। हाइटल हर्निया होने पर भी एसिड रिफ्लक्स की समस्या पैदा होती है।
तो ये थी GERD से जुड़ी हुई हर जानकारी। इस आर्टिकल को आगे शेयर करें और सबको GERD जागरूक करवाएं। इसी के साथ आप अगर GERD की समस्या का इलाज या टेस्ट करवाना चाहते हैं तो नीचे दिए गए बुक एपांइटमेंट के बटन पर क्लिक करके हमारे डॉक्टर के साथ एपांइटमेट बुक करवा सकते हैं।
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.
One of the hallmarks of our facility is the inclusion of 6 state-of-the-art critical care units.
These units are dedicated to ensuring that patients facing severe and life-threatening conditions receive immediate and specialized care.
Additionally, our 8-bed Intensive Care Unit (ICU) is equipped with the latest technology to monitor and manage patients who require intensive medical attention.
Patients can also benefit from the spacious general beds while they recover.